वैज्ञानिक बनने की राह उतार-चढ़ाव और अप्रत्याशित चुनौतियों वाली : डॉ.राधा रंगराजन

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सीएसआईआर-सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरआई) लखनऊ ने अपने अगस्त 2023 बैच के नए पीएचडी छात्रों का स्वागत करने के लिए एक प्रेरण समारोह: शोधारंभ का आयोजन किया।

इस उत्साहपूर्ण आयोजन का उद्देश्य छात्रों को संस्थान की प्रतिष्ठित विरासत से परिचित कराने के साथ साथ उन्हें सीडीआरआई के मूल्यों एवं पहलों से भी परिचित कराना था।

वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संजीव यादव ने संस्थान में शामिल हुए नए पीएचडी शोधार्थियों का स्वागत करते हुए शोधार्थियों की अनुसंधान में योगदान के महत्व के बारे में बताया। साथ ही आश्वस्त किया की संस्थान उनकी प्रतिभा को पोषित करने हेतु सदैव तत्पर है।

सीडीआरआई में नए पीएचडी छात्रों के स्वागत के लिए प्रेरण समारोह शोधारंभ

 

इसके बाद, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रितु त्रिवेदी ने प्रेरण समारोह: शोधारंभ का परिचय दिया। उन्होंने सभी छात्रों का उनके जीवन के अगले चरण में उच्चतम डिग्री हासिल करने के लिए स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सीडीआरआई में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, बस उन्हें इसके लिए सक्रिय रूप से भाग लेना होगा।

डॉ. रितु ने कहा, हमारी निदेशक के नेतृत्व में, सीडीआरआई ने “एडोप्ट ए ट्री” (एक पेड़ गोद लेना) की एक नई पहल शुरू की है जो हमारे परिसर को न सिर्फ हरा-भरा रखने में मदद करती है, अपितु कार्बन फुटप्रिंट (पदचिह्न) को कम करने में भी मदद करेगी।

इस अभियान के तहत, प्रत्येक नए पीएचडी छात्र को एक पेड़ लगाना होगा जिसे वो संस्थान के परिसर मे लगा कर अपने पूरे कार्यकाल के दौरान इसकी देखभाल करेंगे एवं संस्थान छोड़ने से पहले स्म्रती चिन्ह के तौर पर सौंप कर जाएंगे।

युवा उभरते वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए, सीएसआईआर-सीडीआरआई की निदेशक, डॉ. राधा रंगराजन ने कहा कि संस्थान ने सदैव से ही प्रतिभा को पोषित किया है एवं भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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निदेशक ने इस बात पर जोर दिया कि वैज्ञानिक बनने का मार्ग एकरेखीय नहीं है। इसमें उतार-चढ़ाव, अप्रत्याशित चुनौतियाँ और संदेह के क्षण शामिल होते हैं।

सीखने की यात्रा को अपनाने से एवं यह समझने से कि असफलताएँ ही सफलता की सीढ़ियाँ हैं, छात्र अनेक बाधाओं के बावजूद भी दृढ़ एवं प्रेरित रहते हुए सशक्त बने रह सकते हैं।

अपने संबोधन के दौरान, निदेशक ने जलवायु आपातकाल एवं दुनिया भर में कार्बन पदचिह्न में खतरनाक वृद्धि जैसे गंभीर मुद्दे पर भी बात की। उन्होने कहा, पर्यावरण संरक्षण के प्रति संस्थान की भी जिम्मेदारी बनती है कि कार्बन के स्तर को कम किया जाए ।

वृक्षारोपण कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों के बीच पर्यावरणीय जिम्मेदारी और चेतना की भावना पैदा करना एवं उन्हें प्रकृति का संरक्षक बनने के लिए प्रोत्साहित करना है।

सीडीआरआई में उनके कार्यकाल के दौरान लगाए गए पेड़ छात्रों द्वारा अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भी स्थायी प्रभाव छोड़ते हुए बढ़ते और फलते-फूलते रहेंगे। समारोह का समापन, पीयूष कुमार गुप्ता द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के माध्यम से हुआ।

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