भाई से प्रेरित होकर निश्चल ने छठी क्लास से शुरू की निशानेबाजी

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गौतम बुद्ध नगर/नई दिल्ली। भाई बहन का रिश्ता बहुत ही पवित्र रिश्ता है। दोनों में प्यार और तकरार भी होता है। निश्चल भी अपने भाई से प्यार करती थी और उसके भाई को निशानेबाजी पसंद थी।

उसका सपना था शूटिंग, और उसकी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए निश्चल ने छठी क्लास से ही एयर राइफल थाम लिया था और कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में चल रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में 50 मीटर एयर राइफल महिला में कांस्य पदक जीता है।

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में जीता ‘कांस्य पदक’

वह बताती है कि किस तरह से उनका भाई निशानेबाजी में कैरियर बनाने के सपने देखा करता था लेकिन अब वह उसके सपने को साकार कर रही है। उन्होंने 2015 से एयर राइफल चलानी शुरू की और आज उनके खाते में कई मेडल है। 2019 एशियन गेम्स में भी उन्होंने पदक हासिल किया था और इस बार यहां खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी कांस्य पदक जीता है।

नजर ओलंपिक पदक पर

निश्चल की निगाह ओलम्पिक पदक पर है और वह जिस तरह की ट्रेनिंग ले रही है उन्हें उम्मीद है कि एक दिन वह देश के लिए गोल्ड मेडल जरूर लेकर रहेंगी। उनके अनुसार यह खेल पूरी तरह से माइंड गेम है।

इसलिए एकाग्रचित्त होना बहुत जरूरी है। जबतक एकाग्रचित्त नही होंगे तबतक सफलता नही मिलेगी। एकाग्रचित्त होने के साथ साथ पावर भी इस खेल में बहुत जरूरी है। अगर ताकत नही होगी तो इतनी भारी राइफल को लंबे समय तक पकड़े रहने और निशाना साधना मुश्किल हो जाएगा।

खेलो इंडिया गेम्स हज़ारो युवाओं के सपने को कर रहा है साकार

इस खेल में उनके माता पिता का भरपूर सहयोग मिला। उनकी बदौलत ही वह आज इस मुकाम तक पहुंची है। वह खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के आयोजकों की काफी तारीफ कर रही है। क्योंकि इस गेम्स की वजह से आज हज़ारो युवाओं को एक बड़ा मंच मिला है। आयोजकों द्वारा आने जाने और रहने का जिस तरह का इंतजाम किया गया है वह काबिले तारीफ है।

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