दूसरे दिन फसल सुरक्षा से संबंधित विषयों पर हुई गहन चर्चा

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लखनऊ। भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में इंडियन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन “खाद्य सुरक्षा के लिए पादप स्वास्थ्य: खतरे और वादे” के दूसरे दिन अनेक गणमान्य वैज्ञानिकों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

इस दौरान डॉ.एससी दुबे (कुलपति, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची) ने “मुंडकर मेमोरियल अवार्ड व्याख्यान” में रोगज़नक़ राइज़ोक्टोनिया सोलानी और दलहनी फसलों पर इसके प्रभाव के बारे में बात की।

डॉ.वी सेलिया चालम ने “डी.पी. मिश्रा और आर.एन. पांडे आईपीएस सर्वश्रेष्ठ महिला वैज्ञानिक पुरस्कार” व्याख्यान दिया और ट्रांसबाउंड्री विषाणुओं के विरुद्ध जैव सुरक्षा, निदान, संगरोध नियमों और क्षमता विकास के बारे में जानकारी दी।

डॉ. दिनेश सिंह, विभागाध्यक्ष फसल सुरक्षा, आईआईएसआर, लखनऊ ने “प्रोफेसर एम.एस. पावगी पुरस्कार व्याख्यान” मेंक्रूसीफेरी फसलों में ब्लैक रॉट बीमारी के रोगजनक के बारे में जानकारी दी।

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फिर ऑनलाइन मोड से डॉ.एलएम सुरेश द्वारा “डॉ. जेएफ दस्तूर मेमोरियल पुरस्कार व्याख्यान” दिया गया। इसके अतिरिक्त आज चार समवर्ती वैज्ञानिक सत्रों में लगभग 150 से अधिक मौखिक एवं पोस्टर शोध पत्रों की प्रस्तुति भी की गयी।

इन सत्रों में फसल सुरक्षा से संबन्धित विषयों पर गहन चर्चा की गयी जिसमें 500 से अधिक वैज्ञानिक उपस्थित थे। प्रतिभागियों के लिए सम्मेलन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर आधारित एक कृषि प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।

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