लखनऊ। इकाना स्टेडियम के अपने घरेलू मैदान पर खेल रही लखनऊ सुपर जायंट्स को अपने घर में लगातार तीसरी हार का सामना करना पड़ा है। इसी के चलते एक बार फिर से इकाना स्टेडियम की पिच पर सवाल उठने लगे है ।
वहीं लखनऊ टीम प्रबंधन भी सकते में है कि आसानी से 200 रनों का पीछा कर सकने वाली टीम अपने घर में 127 रन भी नहीं बना सकी।
अब कल आरसीबी और लखनऊ सुपर जायंट्स के बीच खेले गए मैच को ले तो 3 दिन पहले 20 ओवर में 258 रन बनाकर आईपीएल का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाली लखनऊ टीम टीम अपने होम ग्राउंड में 108 रन पर आल आउट हो गई और 126 रन जैसा छोटा स्कोर नहीं बना पाई। टीम 18 रन से मैच हार गई।
किसी सदमे से कम नहीं है ज्यादा रन की उम्मीद करने वाली टीमों के लिए ये पिच
इस हार से हैरान खिलाड़ी और टीम प्रबंधन हार के कारणों की तलाश में जुट गए है। इसके लिये पिच, खिलाड़ियों के प्रदर्शन के साथ ही मुकाबले के दौरान अपनाई गई रणनीति पर मंथन शुरू हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हार का एक बड़ा कारण इकाना की छह नंबर वाली काली मिट्टी से तैयार पिच को भी माना जा रहा है क्योंकि इस पिच पर कोई टीम अब तक बड़ा स्कोर नहीं तय कर सकी है और टी-20 मुकाबले के लिय इस पिच को अनुकूल नहीं माना जा रहा है।
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सपाट दिखने वाली इस पिच के मिजाज का आईडिया कोई भी टीम अभी तक नहीं लगा सकी है और ज्यादा रन की उम्मीद करने वाली टीमों के लिए ये पिच किसी सदमे से कम नहीं है।
इस बारे में रणजी में यूपी का प्रतिनिधित्व कर कर चुके पूर्व खिलाड़ी अशोक बांबी का कहना है कि इकाना की खराब पिच के कारण ही कम स्कोर के मैच हो रहे है। खिलाड़ियों और पत्रकारों के एक वाट्सऐप ग्रुप पर उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि यह पिच इस लायक नहीं है कि इस पर टी 20 के मैच हो।
उन्होंने कहा कि इसमे सारा दोष पिच क्यूरेटर का है। उसे पिछले साल ही पिच की मिट्टी बदलवानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इतना बड़ा टुर्नामेंट जिसमे करोड़ों रुपये व लखनऊ आयोजन की साख दांव पर लगी है अतः दोषियों को कतई बख्श नही जा सकता।
इस खराब पिच के कारण जहाँ खिलाड़ियों का प्रदर्शन खराब हो रहा है वही दर्शको को भी घोर निराशा हो रही है। यही हाल रहा तो आगे आने वाले मैचो मे यदि कम दर्शक पहुंचते है तो उसका नुकसान आयोजको को ही झेलना पड़ सकता है।
इस भयंकर लापरवाही के कारण लखनऊ मे अन्य मैचो के आयोजन पर बी सी सी आई अंकुश भी लगा सकता है। ये पिच आईपीएल के बाद तुंरत ठीक की जाये अन्यथा इसके अविश्वसनीय घातक परिणाम हो सकते है।
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बताते चले कि लखनऊ सुपर जायंट्स ने घर में अब तक 5 मैच खेले हैं, उनमें शुरुआती दो मुकाबलों में तो जीत मिली लेकिन इसके बाद पिछले तीनों मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा।
पंजाब किंग्स और बीते शनिवार को खेले गए गुजरात टाइटंस और उसके बाद कल रात को रायल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) ने लखनऊ सुपर जायंट्स को उसके घरेलू मैदान इकाना में हरा दिया। टीम ने सबसे पहले इकाना की छह नंबर वाली काली मिट्टी से तैयार की गई पिच को हार का कराण माना है। इस पिच पर अब तक कोई भी टीम बड़ा स्कोर नहीं तय कर सकी।
वहीं इकाना की छह नंबर वाली काली मिट्टी से तैयार की गई पिच टी-20 मुकाबले के लिए अनुकूल नहीं मानी जा रही है। सपाट दिखने वाली इस पिच का आंकलन अब तक कोई टीम नहीं कर सकी। रनों के अंबार की उम्मीद लेकर उतरने वाली सभी टीमों को इस पिच करारा झटका दिया है।
इस पिच पर गुजरात टाइंटस के कप्तान हार्दिक पांड्या बेहतर स्कोर की उम्मीद की थी लेकिन टीम 135 रन ही बना सकी. वही लक्ष्य का पीछा करते हुए लखनऊ सुपर जायंट्स के पसीने छूट गए थे और टीम हार गई थी।
इससे पहले सात अप्रैल को इसी पिच पर सनराइजर्स हैदराबाद 121 रन बना सकी थी और लखनऊ टीम को जीत के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी थी। वही 16 नवम्बर 2019 को अफगानिस्तान ने इसी पिच पर 147 रन बनाए और जवाब में वेस्टइंडीज 106 रन पर सिमट गयी थी।
दूसरी और इसी साल 29 जनवरी को टी-20 मैच में न्यूजीलैंड की टीम 99 रन पर सिमट गई तो भारतीय टीम को लक्ष्य हासिल करने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी थी और टीम को अंतिम ओवर तक खेलना पड़ा था। हालांकि भारतीय टीम किसी तरह 101 रन बनाकर जीत गई थी जिसके बाद पिच की खासी आलोचना करनी पड़ी थी।
उस समय भारतीय कप्तान हार्दिक पांड्या सहित कई दिग्गजों ने कहा था कि ये पिच टी-20 के लायक नहीं थी.
बताते चले कि इकाना स्टेडियम पर अब तक जितने भी टी-20 के मुकाबले हुए है, उसमे से किसी में भी कोई भी टीम 200 रन नहीं बना पाई है।
वहीं पिच के हाल को देखकर अब विश्व कप की मेजबानी को लेकर अटकले लगने लगी है। अगर जल्द इकाना प्रबंधन के कुछ सख्त कदम उठाये नहीं तो विश्व कप की मेजबानी भी खटाई में पड़ सकती है।
बताते चले कि 50 ओवर के विश्वकप मैच इस बार भारत में होंगे। मैचों का आयोजन लखनऊ में भी होना है। कहा जा रहा है कि कम से कम 3 या 4 मैच इकाना स्टेडियम में खेले जा सकते है लेकिन इस पिच का हाल इकाना की मेजबानी की राह में बाधा खड़े कर सकता है।