बीसीसीआई की अहम सालाना आम बैठक 28 सितंबर को मुंबई में होने जा रही है, जिसमें बोर्ड अध्यक्ष और आईपीएल अध्यक्ष समेत कई महत्वपूर्ण पदों के लिए चुनाव कराने पर विचार किया जाएगा। इस बैठक में भारतीय क्रिकेट का भविष्य तय करने वाले नए पदाधिकारियों के चयन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इस महीने की शुरुआत में पूर्व भारतीय क्रिकेटर रोजर बिन्नी ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिससे यह पद खाली हो गया है। वहीं, आईपीएल अध्यक्ष अरुण धूमल का छह साल का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है और वे अनिवार्य ब्रेक (कूल-ऑफ अवधि) पर जाने के कगार पर हैं।
इस स्थिति में, अध्यक्ष पद के लिए सबसे बड़ा चुनाव नजर आ रहा है, जबकि अन्य पदाधिकारियों के कार्यकाल में विस्तार की संभावना है।
बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने अब तक संयुक्त सचिव के रूप में दो साल तीन महीने और सचिव के रूप में नौ महीने का कार्यकाल पूरा किया है। इसके चलते उनका पद पर बने रहना लगभग तय माना जा रहा है।
इसके अलावा, रोहन गौंस देसाई और प्रभतेज भाटिया भी अपने-अपने पदों पर बने रहने के प्रबल दावेदार हैं। देसाई को इस साल मार्च में संयुक्त सचिव तथा भाटिया को जनवरी में कोषाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।
पूर्व अध्यक्ष रोजर बिन्नी को अक्टूबर 2022 में बीसीसीआई अध्यक्ष बनाया गया था, और जुलाई में उनकी उम्र 70 वर्ष पूरी हो चुकी थी। इसके बावजूद वे सितंबर में होने वाली बैठक तक पद संभाले रहने वाले थे।
बीसीसीआई की यह वार्षिक बैठक केवल चुनाव का आयोजन नहीं करेगी, बल्कि अगले तीन वर्षों तक भारतीय क्रिकेट के संचालन के लिए एक नया नेतृत्व तैयार करने का भी कार्य करेगी।
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि खेल विधेयक लागू होने के छह महीने बाद नए चुनाव कराए जाएंगे या मौजूदा पदाधिकारी बने रहेंगे। फिलहाल बीसीसीआई ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित लोढ़ा समिति के अनुशंसित संविधान के अनुसार ही कार्य करने का निर्णय लिया है।
यह कदम भारतीय क्रिकेट में पारदर्शिता, नियमों के पालन और भविष्य के लिए स्थिर नेतृत्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
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