इंटरनेट पर देखकर बिना डॉक्टर की सलाह के होम्योपैथिक दवाइयां खाना गलत 

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लखनऊ। हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में पोस्ट कोविड काम्पिलकेशन एंड केयर के अंतर्गत विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर नि:शुल्क होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर का आयोजन ट्रस्ट के इंदिरा नगर सेक्टर-25 स्थित कार्यालय में हुआ।

शिविर का शुभारम्भ ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, शिविर के परामर्शदाता चिकित्सक डॉ.संजय कुमार राणा तथा डॉ.सुमित गुप्ता ने दीपप्रज्वलन करके किया। प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी को विश्व होम्योपैथी दिवस और श्री राम नवमी की बधाई देते हुए कहा किए दुनिया भर में 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

होम्योपैथी दुनिया में सबसे लोकप्रिय वैकल्पिक उपचारों में से एक : हर्ष वर्धन अग्रवाल

इस दिवस को मनाने का लक्ष्य है लोगों को होम्योपैथी के प्रति जागरूक करना है। हाल के वर्षों में होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति तेजी से बढ़ रही है। होम्योपैथी यूनानी शब्द होमो से आया है जिसका अर्थ है समान और पैथोस जिसका अर्थ है दुःख या बीमारी,  होम्योपैथी इलाज इस विश्वास पर आधारित है कि शरीर खुद को ठीक कर सकता है।

होम्योपैथी चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर के अपने उपचार प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करने के सिद्धांत पर आधारित है। होम्योपैथी शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को तेज करती है। वर्तमान में विश्व के 100 से अधिक देशों में होम्योपैथी से ईलाज हो रहा है और होम्योपैथी दुनिया में सबसे लोकप्रिय वैकल्पिक उपचारों में से एक है।

विश्व होम्योपैथी दिवस पर हेल्प यू ट्रस्ट ने आयोजित किया निःशुल्क होम्योपैथिक कैम्प 

ट्रस्ट द्वारा आयोजित निःशुल्क होम्योपैथिक शिविर का उद्देश्य होम्योपैथी के बारे में जागरूकता पैदा करना, इसकी पहुंच में सुधार करना और चिकित्सा प्रणाली को आधुनिक बनाना है।

श्री अग्रवाल ने यह भी कहा कि वर्तमान में होम्योपैथी दवाएं जटिल बीमारियों जैसे स्वाइन फ्लू, डेंगू, खसरा, चिकन पॉक्स, कालरा, दिमागी बुखार, गुर्दे में पथरी आदि बीमारियों से बचाव में कारगर हो रही हैं। दुनियाभर में एलोपैथी के बाद होम्योपैथी सबसे अधिक कारगर और पसंद की जानेवाली तथा प्रयोग में लायी जाने वाली चिकित्सा पद्धति है।

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होम्योपैथिक दवा सांस की बीमारी, पेट, त्वचा और मानसिक विकार जैसी पुरानी बीमारियों में भी प्राकृतिक समाधान प्रदान करती है, जो मरीज एलोपैथी और सर्जरी के जरिये जल्दी राहत चाहते हैं वह केवल अपना आधा जीवन ही जीते हैं किन्तु इसके विपरीत जो मरीज स्थायी सुधार के लिए होम्योपैथी को अपनाते हैंए वे पूर्ण जीवन का आनंद लेते हैं।

39 रोगियों को निःशुल्क मिला परामर्श और दी गई दवाएं

इस अवसर पर डॉ.संजय कुमार राणा ने कहा किए वर्तमान समय में इंटरनेट का उपयोग बहुत बढ़ गया है और ऐसे में बहुत सारे लोग इंटरनेट पर जाकर होम्योपैथिक चिकित्सा का ज्ञान ले रहे हैं और इंटरनेट पर बहुत सारे लोग होम्योपैथिक चिकित्सा का ज्ञान दे भी रहे हैं।

ऐसे में परेशानियां उनके साथ हो रही है जो स्वास्थ्य से पीड़ित है क्योंकि हर मरीज इंटरनेट पर जाकर दवाई देख रहा है और बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयां खा रहा है जबकि होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में दवाई एवं दवाइयों कि मात्रा का चुनाव मरीज के विचारों के आधार पर और मरीज की संवेदनशीलता के आधार पर होता है।

होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में दवाइयों का चुनाव भी व्यक्ति के व्यवहार उसकी प्यास, भूख, उसकी प्रकृति उसके तौर-तरीकों को देख कर की जाती हैए जो एक ही बीमारी से पीड़ित दो व्यक्तियों में अलग अलग हो सकती है। जब तक डॉक्टर मरीज को देख कर उसकी हिस्ट्री नहीं ले लेते मेडिसिन नहीं दी जा सकती है।

डॉ.राणा ने लोगों से अपील की है कि सब लोग ध्यान रखें इंटरनेट से जानकारी लेना ठीक है लेकिन इंटरनेट पर देख कर बिना डॉक्टर की सलाह के दवाई खाना अपने ही शरीर के साथ खिलवाड़ करना है ऐसे में शरीर में बहुत सारे बुरे बदलाव भी आ सकते हैं।

होम्योपैथी शिविर में विभिन्न बीमारियों जैसे- सीने में दर्द होना, भूख न लगना, सांस फूलना, ह्रदय व गुर्दे की बीमारी, मधुमेह, रक्तचाप, उलझन या घबराहट होना, पेट में दर्द होना, गले में दर्द होना, थकावट होना, पीलिया, बालों का झड़ना, आदि से पीड़ित 39 रोगियों का वजन, रक्तचाप तथा मधुमेह आदि की जांच की गयी।

डॉ.संजय कुमार राणा तथा डॉ.सुमित गुप्ता ने परामर्श प्रदान किया तथा निःशुल्क होम्योपैथी दवा प्रदान की। महिलाएं, पुरुष, बुजुर्गों तथा बच्चों सभी उम्र के लोगों ने होम्योपैथी परामर्श लिया। ज्यादातर मरीज सांस लेने में तकलीफ और जोड़ों में दर्द की बिमारी से ग्रसित पाए गए।

इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट के स्वयंसेवकों तथा डॉ.संजय कुमार राणा तथा डॉ.सुमित गुप्ता की टीम के सदस्य दिनकर दुबे, विष्णु, रमणसन तथा राहुल राणा की उपस्थिति रही।

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