जेल मंत्री ने दिए सात साल से कम सजा वाले विचाराधीन कैदियों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कारागार एवं होमगार्डस राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने कारागार मुख्यालय लखनऊ पर जेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं जेल अधीक्षकों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक की।

उन्होंने वर्ष 2022 में विभाग द्वारा किये गये महत्वपूर्ण कार्यों एवं निर्देशों के अनुपालन हेतु विभागीय अधिकारियों को धन्यवाद दिया और कहा कि आगे भी इसी प्रकार सकारात्मक एवं अच्छी सोच मन में रखते हुए कार्य करें, जिससे कि कारागार विभाग का नाम और अधिक हो।

मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने जेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं जेल अधीक्षकों के साथ की बैठक 

वर्ष 2022 उपलब्धियों के दृष्टिकोण से बहुत ही अच्छा वर्ष रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विभाग द्वारा किये जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों की प्रशंसा की। मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि

सभी अपनी-अपनी जेलों से 7 साल से कम सजा वाले विचाराधीन कैदियों की सूची उपलब्ध कराएं एवं साथ में सुझाव भी दें, जिससे कि विचाराधीन कैदियों की संख्या को कम से कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे कैदियों की फाइलें मुख्यालय भिजवाएं जो दया याचिका के मानकों को पूरा करते हैं।

साथ ही ऐसे दया याचिका के मामलों में आ रही बाधाओं के बारे में भी उल्लेख करें, जिससे कि ऐसे कैदियों की रिहाई का रास्ता प्रशस्त हो। लम्बित केसों में पैरवी ठीक-ठीक कराएं, जिससे कि विचाराधीन कैदियों को समय से जमानत मिल सके।

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मंत्री प्रजापति ने कहा कि ऐसे कैदी जिनसे विगत 1 वर्षों से मिलने उनका कोई परिवारीजन न आया हो कि सूची मुख्यालय को उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि जेलों में संवाद के दौरान बहुत से कैदी ऐसे हैं जिनकी आयु 40 वर्ष से कम हैं और जो छोटे-मोटे अपराधों में बंद हैं।

उनको रोजगार से जोड़ने हेतु कौशल विकास के माध्यम से ट्रेनिंग दिया जाय जिससे उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि सभी जेल अधीक्षक अपनी-अपनी जेलों  से ट्रेड वार प्रशिक्षित कैदियों की सूची भी मुख्यालय को उपलब्ध कराएं।

उन्होंने कहा कि जेलों में बंद सभी अपराधी पेशेवर नहीं होते हैं, उनके साथ मानवीय दृष्टिकोण अपनाये जाने की आवश्यकता है जिससे कि वो एक अच्छी सोच के साथ जेलों से बाहर आएं और समाज की मुख्यधारा से पुनः जुड़ सकें।

मंत्री  धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि जेलों में गुणवत्तापरक भोजन, कैदियों की उनके परिजनों से वार्ता एवं मिलाई की व्यवस्था सुदृढ़ की जाय, इससे भी बंदियों में महत्वपूर्ण बदलाव एवं सुधार होगा। उन्होंने कहा कि सम्बद्धता से सम्बंधित नियम तैयार कराएं, जिससे कि कोई एक ही व्यक्ति बहुत अधिक समय तक एक स्थान पर न रहे।

कार्मिकों के नियमित रूप से स्थान परिवर्तित होते रहना चाहिए, जिससे कि जेल प्रशासन की व्यवस्था भी सुदृढ़ रहे और शिकायतें भी दूर हो सके। उन्होंने कहा कि मुख्यालय से दिये गये निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराएं और ऐसे हेड वॉर्डर जिनको कार्यमुक्त नहीं किया गया है वहां के जेल अधीक्षक इस पर अमल करें।

उन्होंने जेल अधीक्षकों को निर्देश दिये हैं कि नये जेल मैनुअल के तहत अनुमन्य सुविधाएं और व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। ऐसे जिला जेलें जहां पर गायों की संख्या अधिक है उसकी सूची उपलब्ध कराएं, जिससे कि ऐसे उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके। गाय के गोबर से हवन एवं अन्त्येष्टि में प्रयोग होने वाली लकड़ी बनती है।

मंत्री ने कहा कि सभी जेल अधीक्षक समाजसेवी संस्थाओं एवं जिला प्रशासन के लोगों से वार्ता कर कैदियों के लिए सर्दियों के मौसम में कम्बल की व्यवस्था करने हेतु वार्ता करें एवं प्रयास करें कि कैदियों को ठंड के मौसम में कम्बल की उपलब्धता हो सके। साथ ही जेल प्रशासन अलाव इत्यादि की भी व्यवस्था सुदृढ़ रखे।

उन्होंने सभी जेल अधीक्षकों को अपनी-अपनी जेलों में बच्चों के खेलने हेतु चिल्ड्रेन पार्क बनाये जाने हेतु कार्यवाही आगे बढ़ाये जाने के निर्देश दिये हैं, जिससे कि बच्चों का मानसिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास भी यथोचित हो।

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