मां के जाने के बाद टूट गए थे एथलीट रोहित

0
155

लखनऊ। मां के खोने का दर्द ऐसा था कि जैसे मानों सबकुछ एक झटके में खत्म हो गया हो। ऐसा लग रहा था जिंदगी एक जगह पर ठहर गई है। मैं सोच रहा था अब मेरी कौन हिम्मत बढ़ायेगा। कौन मुझे कहेंगा तुम्हें हारना नहीं है जीतना है।

मुझे अफसोस था कि मेरी मां ने जो सपना मेरी लिए देखा था शायद वो उसे जीते जी नहीं देख पाईं। मेरा हौसला जवाब दे चुका था लेकिन फिर मेरे पिता ने समझाया और कहा तुम्हें फिर से खड़ा होना होगा और अपनी मां के अधूरे सपनों को पूरा करना होगा।

कहानी उस एथलीट की जिसने कभी हारना नहीं सीखा

ये कहानी है एथलीट रोहित कुमार की जिसने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 में आज से शुरू हुई एथलेटिक्स की स्पर्धाओं के अंतर्गत 10,000 मी.दौड़ में रजत पदक जीता है।

वैसे रोहित कुमार की जिदंगी काफी उतार-चढ़ाव भरी रही है। उन्होंने जब खेलना शुरू किया था तो ये नहीं सोचा था कि वो एथलेटिक्स में कितनी दूर तक जाएंगे लेकिन परिवार के साथ के चलते वो ट्रैक पर दौड़ने लगे।

हालांकि रोहित कुमार के जीवन में वह पल वज्रपात की तरह था जब उनकी माता श्रीमती सरोज का इसी साल मार्च में निधन हो गया जिससे वो बुरी तरह टूट गये।

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 में 10,000 मी.दौड़ में जीता रजत

लेकिन रिटायर्ड फौजी पिता राधेश्याम के कहने पर उन्होंने मात्र दस दिन बाद न सिर्फ चेन्नई में इसी साल आयोजित आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी गेम्स अंतर्गत 13 मार्च को हुई 10,000 मी.दौड़ की स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता।

रोहित कुमार ने गत वर्ष आयोजित द्वितीय खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में 5000 मी.दौड़ में कांस्य पदक जीता था। वो 10,000 मी.दौड़ और 5000 मी.दौड़ का अभ्यास करते है और इस बार लखनऊ में हुई एथलेटिक्स की स्पर्धाओं में 10,000 मी.दौड़ में हिस्सा लिया।

और 30:55.94 के समय के साथ रजत पदक भी अपने नाम कर लिया। 22 साल के रोहित कुमार यूं तो दिल्ली के रहने वाले है लेकिन गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर में मिल रही सुविधाओं के मद्देनजर उन्होंने यहां बीपीएड में प्रवेश लिया है।

मां के सपनों को पूरा करने के लिए रोहित ट्रैक पर बहा रहे हैं पसीना

चूंकि रोहित कुमार के घर का खर्चा उनके 55 वर्षीय पिता को आर्मी से मिलने वाली पेंशन से चलता है इसलिए वह ये ख्वाहिश रखते है कि जल्द से जल्द खेल की दुनिया में ऐसी चमक बिखेरे कि उन्हें खेल कोटे के अंर्तगत नौकरी मिल जाये। इससे वो अपने परिवार की मदद तो कर सकेंगे ही।

साथ ही अपनी ट्रेनिंग पर आने वाला खर्चा उठाने में सक्षम हो सकेंगे। रोहित कुमार ने हाल ही में रांची में आयोजित सीनियर फेडरेशन कप एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 10,000 मी.दौड़ में कांस्य पदक जीता है।

ये भी पढ़ें : एथलेटिक्स में चार स्वर्ण का फैसला, महिला कंपाउंड तीरंदाजी में गुरू काशी यूनिवर्सिटी को स्वर्ण

इसके साथ ही उन्होंने एशियन गेम्स व एशियन चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाइंग मार्क पार कर लिया है। अब बस उन्हें इंतजार है इन टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम की घोषणा का और उन्हें उम्मीद है कि वो भारतीय टीम में जगह बनाने में कामयाब होंगे।

रोहित ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 के आयोजन की जमकर सराहना की। उन्होंने यहां मिल रही सुविधाओं की तारीफ करते हुए कहा कि यह आयोजन यूनिवर्सिटी से निकलने वाले खिलाड़ियों को अपना दम दिखाने के लिए एक बेहतरीन मंच दे रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here