कीर्ति प्रकाश मिश्रा ने रेलवे स्टेडियम की बदल दी सूरत

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लखनऊ। एक ऐसा शख्स जो पहले एक खिलाड़ी के तौर पर अपनी छाप छोड़ता है। उसने अपने खेल की बदौलत दुनिया जीतने का हौसला दिखाया। जब तक वो उस खेल से जुड़ा रहा तब तक उसका डंका बजता रहा।

उसी खेल के सहारे उसे रेलवे में नौकरी मिलती है और वहां पर तैनात होकर खेलों के विकास के लिए अपना पूरा जीवन लगा देता है…जी हां हम बात कर रहे हैं कीर्ति प्रकाश मिश्रा की जो अब नॉर्दन रेलवे से सेवानिवृत्ति हो गए है लेकिन उनके जाने के बाद भी उनकी चर्चा हो रही है।

दरअसल कीर्ति प्रकाश मिश्रा एक ऐसे व्यक्ति है जो मण्डल क्रीड़ा सचिव और नॉर्दर्न रेलवे स्टेडियम प्रबंधक के तौर पर इतना ज्यादा काम किया है, उनके सेवानिवृत्ति होने पर भी लोग उनको पूछ रहे हैं और लोग चाहते हैं कि कुछ साल और रूक जाते तो और खिलाडिय़ों का भला हो जाता।

कीर्ति प्रकाश मिश्रा ने यहां पर रहकर रेलवे में कितने खिलाडिय़ों को रोजगार दिलाया तो वहीं हर बार की तरह अपने खिलाडिय़ों के हक के लिए हमेशा आवाज बुलंद की है। आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि कीर्ति प्रकाश मिश्रा तैराकी के इंटरनेशनल खिलाड़ी रहे हैं।

कीर्ति प्रकाश मिश्रा डाइविंग के गेम में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक चैम्पियन रहे हैं। उन्होंने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय इवेंट्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और लगातार कई सालों तक नेशनल चैम्पियन रहे हैं। उन्होंने एक बातचीत में बताया कि सेवानिवृत्ति होने के बाद वो जरूर यहां को मिस करेंगे।

उन्होंने बताया कि जब वो खिलाड़ी तो वो देश के लिए पदक जीतना उनका लक्ष्य होता था। उन्होंने बताया कि तैराकी दुनिया में खूब नाम कमाया और 1985 में इंडिया जूनियर एशियन चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया था। इसके अलावा नेशनल लेवल पर उनकी धमक देखने को खूब मिली।

उन्होंने तीन बार अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय चैम्पियनशिप में लगातार तीन बार स्वर्ण पदक जीतने का नेशनल रिकॉर्ड बनाया। इसके अलावा वो जूनियर नेशनल और सीनियर नेशनल चैम्पियन रहे।

वहीं जब वो रेलवे में नौकरी करने उतरे तो वहां भी रहकर खेलों को कैसे आगे बढ़ाया जाये और खिलाडिय़ों को हर वो सुविधा दी जाये ताकि वो आगे देश का नाम रौशन करें, इसके लिए ठोस योजना बनायी।

कीर्ति प्रकाश मिश्र की भारतीय रेलवे में जॉइनिंग 87 में हुई थी और फिर उन्होंने यहा रहकर मण्डल क्रीड़ा सचिव और नॉर्दर्न रेलवे स्टेडियम प्रबंधक रहकर खिलाडिय़ों को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने इस पद पर रहकर स्टेडियम में फ्लड लाइट लगायी ताकि यहां पर खिलाडिय़ों को और अच्छा अभ्यास करने का मौका मिल सके।

इसके अलावा उन्होंने अपने पद पर रहते हुए 150 से 200 खिलाडिय़ों को रोजगार देते हुए कई खिलाडिय़ों को रेलवे में भर्ती कराया। उनमें धावक गुलाब चंद, हॉकी में प्रवीण कुमार हॉकी जबकि क्रिकेट में अभिनव दीक्षित और अमित चोपड़ा जैसे खिलाड़ी खेल के साथ-साथ आज रेलवे में नौकरी भी कर रहे हैं।

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कीर्ति प्रकाश मिश्रा 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो गए है। उन्होंने बिना किसी दंड और चार्जशीट के 38 साल और 1 महीने का कार्यकाल पूरा किया है। सचिंद्र मोहन शर्मा (डीआरएम लखनऊ) ने भारतीय रेल में उनकी सेवाओं के लिए कीर्ति मिश्रा को एक मेडल ऑफ़ ऑनर और सेवानिवृत्ति रिकॉर्ड्स पत्रिका प्रदान की है।

उनकी सेवानिवृत्ति के दिन एनआर स्टेडियम, चारबाग, लखनऊ में डीजी (आरडीएसओ) बनाम डीआरएम इलेवन की टीमों के बीच एक डे-नाइट क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया था।

मैच समाप्त होने के बाद, उनकी सेवानिवृत्ति को चिह्नित करने के लिए एक छोटा समारोह आयोजित किया गया जिसके बाद रात्रिभोज का आयोजन किया गया। सभी अधिकारियों ने मिश्र की प्रशंसा एवं उपहारों की वर्षा कर उन्हें अपना सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि आगे भी वो खिलाडिय़ों को आगे बढ़ाने के काम करेंगे।

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