हरीश साल्वे का खुलासा, खेल पंचाट के फैसले के खिलाफ अपील नहीं करना चाहती थी विनेश

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फाइल फोटो : गूगल

वकील हरीश साल्वे ने पेरिस ओलंपिक को लेकर दावा किया है कि विनेश फोगाट चाहती ही नहीं थीं कि खेल पंचाट में उनके खिलाफ लिए गए फैसले को हम चुनौती दें।

पेरिस ओलंपिक में पहलवान विनेश को 7 अगस्त को महिलाओं के 50 किग्रा फ्रीस्टाइल फाइनल के ठीक पहले 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से अयोग्य घोषित कर दिया था, जिसके कारण विनेश फाइनल से बाहर हो गई थीं। ओलंपिक के इतिहास में यह पहली बार था, जब भारत की कोई महिला पहलवान ओलंपिक के फाइनल में पहुंची हो।

हरीश साल्वे का बयान विनेश के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि जब ओलंपिक संघ ने उनको फाइनल के ठीक पहले अयोग्य घोषित किया, उन्हें भारतीय ओलंपिक संघ की तरफ से समर्थन नहीं मिला।

विनेश ने कहा था कि हमारे जो वकील थे वह उस फैसले को लेकर पहले से ही उदार दिख रहे थे। इन सभी कारणों से ही उन्हें ओलंपिक में भारत का महिला पहलवानी का पहला गोल्ड या रजत पदक नहीं मिल सका।

भारतीय ओलंपिक संघ और विनेश फोगाट की ओर से इस फैसले के खिलाफ अपील हुई थी, जिसमें हरीश साल्वे ने ही वकील के रूप में उनकी अगुवाई की थी, उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया और विनेश को बिना पदक के ही लौटना पड़ा।

एक इंटरव्यू में हरीश साल्वे ने बताया कि हमारी पेशकश के बाद विनेश कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को चुनौती नहीं देना चाहती थीं। हमें अपील देने लायक सभी दस्तावेज और जानकारी मिली, जिसके बाद हमनें कड़ा संघर्ष किया।

हमारी अपील को खारिज कर दिया गया। मैंने उन्हें यह बताया कि हम मध्यस्थता पुरस्कार के खिलाफ दिए गए इस फैसले को लेकर स्विस अदालत में चुनौती दे सकते हैं।

उन्होंने इसे लेकर प्रतिक्रिया नहीं दी, बाद में उनके वकीलों नें मुझे बताया कि वह इसे आगे नहीं ले जाना चाहती। विनेश के वकीलों में तालमेल की कमीं, हमारे साथ जानकारी साझा करने से इंकार किया।

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साल्वे का आरोप है कि विनेश के वकीलों में तालमेल की कमी थी, ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा नियुक्त की गई एक बहुत बेहतर लॉ फर्म को कुछ वकीलों ने कहा कि हम आपके साथ कुछ भी साझा नहीं करेंगे।

भारतीय पहलवान विनेश को पेरिस ओलंपिक के दौरान महिलाओं की फ्रीस्टाइल कुश्ती के 50 किलोग्राम वर्ग में फाइनल के दिन ही 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित किया गया था। ओलंपिक के बाद विनेश ने पहलवानी से संन्यास की घोषणा कर दी थी।

विनेश हाल ही कांग्रेस में शामिल हुई हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान भारतीय ओलंपिक संघ पर आरोप लगाया था कि अयोग्य घोषित होने के फैसले के बाद उन्हें किसी तरह की कोई सहायता नहीं मिली। संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने बिना उनकी मर्जी के उनकी फोटो खींच कर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी। इस पूरे मामले के दौरान सिर्फ राजनीति हुई है और कुछ नहीं।

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