भवानी देवी की तरह सान्या भी खेलना चाहती है ओलंपिक

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लखनऊ। हाल के दिनों में कई महिला खिलाड़ियों ने विश्व खेल पटल पर भारत का नाम रोशन किया है। क्रिकेट से लेकर बैडमिंटन में भारतीय बैडमिंटन खिलाड्यों का दबदबा देखने को मिल रहा है। सायना नेहवाल ने ओलंपिक में पहली बार पदक जीता तो वो बैडमिंटन खेलों के एक रोल मॉडल की तरह देखी जानी लगी।

वहीं फेंसिंग में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेकर इस खेल में नई जान फूंकने वाली भवानी देवी को देखकर आज कई खिलाड़ी फेंसिंग जैसे खेल में अपने करियर को संवार रहे हैं।

पंजाब की फेसिंग की उभरती हुए खिलाड़ी सान्या भी उन्हीं खिलाड़ियों में से एक है जो भवानी देवी के नक्शे कदम पर चल रही है। वो भी अपने खेल से देश का नाम रौशन करना चाहती है।

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 देगा मेरे करियर को मदद

पंजाब की फेसिंग की उभरती हुए खिलाड़ी सान्या इस खेल में तेजी से आगे बढ़ रहा एक नाम है जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कई पदको के अलावा कॉमनवेल्थ जूनियर फेंसिंग चैंपियनशिप में देश का परचम लहराया है। वहीं उनकी आंखों में आने वाले समय में इस खेल में देश का परचम लहराने का सपना पल रहा है।

सान्या ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की टीम की ओर से खेलते हुए महिला सैबर टीम इवेंट का कांस्य पदक जीता है। हालांकि उन्हें बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि उन्होंने इन खेलों के तीनों संस्करण में सफलता हासिल की है और आज की सफलता आगामी वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के ट्रायल के लिए उनका हौसला बढ़ाएगी।

जूनियर स्तर पर अपने खेल से जीता लोगों का दिल

सान्या मानती है कि उन्होंने अभी शुरुआत की लेकिन उनका लक्ष्य ओलंपिक में भारत झंडा बुलंद करना है। उन्होंने प्रथम खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स -2020 में महिला सैबर व्यक्तिगत में रजत और महिला सैबर टीम इवेंट में कांस्य पदक जीता था।

इसके अलावा पिछले साल बेंगलुरु मे हुए द्वितीय खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में उन्होंने महिला सैबर व्यक्तिगत वर्ग का स्वर्ण और महिला टीम सैबर इवेंट का कांस्य पदक जीता है। साल 2012 में फेंसिंग के अभ्यास की शुरुआत करने वाल सान्या ने 2015 में साई में प्रवेश लिया था और वर्तमान में साई पटियाला में कोच श्री हरि की निगरानी में अभ्यास कर रही है।

सान्या के पिता दीपक अधलक्खा बिजनेस मैन है लेकिन उन्होंने अपने बच्चों को खेल में बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। वही सान्या की देखा-देखी उनकी बहन दृष्टि में खेल की लगन जाग गयी है और वो वर्तमान में शूटिंग का अभ्यास कर रही है।

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हालांकि शूटिंग की तरह फेंसिंग भी एक महंगा गेम है जिसके वेपन व ट्रेनिंग का खर्चा उठाना हर एक के बस की बात नहीं होती है लेकिन अपने बच्चों को प्रोत्साहन देने में वो हरदम आगे रहते है भले ही उन्हें कितनी भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

सान्या ने अपना पहला मैडल मिनी नेशनल -2012 में व्यक्तिगत कांस्य पदक जीता था जो उनके लिए बड़ा अनमोल रहा है। उन्होंने नेशनल चैंपियनशिप -2016 में सैबर टीम इवेंट का कांस्य पदक, कॉमनवेल्थ जूनियर फेसिंग चैंपियनशिप-2018 में महिला सैबर टीम इवेंट का गोल्ड और 2021 में हुई जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में महिला सैबर व्यक्तिगत रजत जीता है ओर 2021 में ही वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी प्रतिभाग किया है।

उन्होंने सीनियर नेशनल 2021 में महिला टीम सैबर का रजत ओर गुजरात में पिछले साल हुए नेशनल गेम्स-2022 में महिला टीम सैबर का रजत पदक जीता है। सान्या अब आगामी वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के ट्रायल में हिस्सा लेंगी और वो भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए अपना बेस्ट देने का इरादा रखती है।

अब बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने को तैयार है सान्या

सान्या ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ये खेल यूनिवर्सिटी से निकलने वाले खिलाड़ियों के लिए बेहतरीन मंच भी साबित हो रहा है। उन्होंने यहां दी गई सुविधाओं के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की जमकर सराहना की।

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