सेवा रत्न पुरस्कार से साहित्यकार मुकेश तिवारी, डॉ.अर्पण जैन व डॉ.मिथिलेश दीक्षित सम्मानित

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लखनऊ। देश के जाने-माने साहित्यकार इंदौर के श्री मुकेश तिवारी और डॉ.अर्पण जैन ‘अविचल’ सहित लखनऊ की डॉ.मिथिलेश दीक्षित को समाज सेवा के क्षेत्र में अप्रतिम कार्यो के लिए विजयश्री फाउंडेशन-प्रसादम सेवा व सेवा पथ ट्रस्ट की ओर से ‘सेवा रत्न ‘ सम्मान प्रदान कर सम्मानित किया गया।

लोहिया इंस्टीट्यूट सम्मान समारोह में सेवा पथ ट्रस्ट के प्रमुख ट्रस्टी, विजय श्री फाउंडेशन के संस्थापक ट्रस्टी श्री विशाल सिंह जी ने यह सम्मान प्रदान किए।

विजयश्री फाउंडेशन-प्रसादम सेवा व सेवा पथ ट्रस्ट की ओर से दिया गया सम्मान

इस के बाद श्री मुकेश तिवारी जी, डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ जी व डॉ. मिथिलेश दीक्षित असाध्य रोगों से पीड़ित मरीजों के परिजनों की भोजन सेवा के पुनीत कार्य में भी साझीदार बने और सेवा की ज्योत जलाई। इन्होंने असाध्य रोग से पीड़ित नि:शक्त मरीजों के तीमारदारों के सेवा व्रत में आगे भी सेवादार बनने का संकल्प दोहराया।

फूडमैन विशाल सिंह ने प्रदान किया सम्मान

श्री मुकेश तिवारी जी ने कहा कि सीमित संसाधनों में फूडमैन विशाल सिंह लखनऊ के प्रमुख अस्पतालों में नि:शुल्क भोजन सेवा करा रहे है। खुशी की बात यह है कि मुझें भी उनके माध्यम से इस पुनीत कार्य में सहभागी बनने का परम सौभाग्य मिला।

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल ‘जी ने कहा कि मेरे जीवन का लक्ष्य यही है कि दूसरों की मदद की जाये। उन्होंने कहा कि सेवा ही परम धर्म है और दूसरों की सेवा करने में ही मुझे सच्ची खुशी मिलती है।

सम्मान के बाद सभी ने लोहिया इंस्टीट्यूट में की नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा

डॉ. मिथिलेश दीक्षित ने कहा कि मुझे इस तरह इस पुनीत कार्य में सहभागी बन नर सेवा नारायण सेवा विचार को बढ़ाने की बड़ी पहल का साझेदार बन कर काफी खुशी मिली है।

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सम्मान समारोह में फूडमैन विशाल सिंह ने कहा कि इन सेवादारों को सम्मानित करके वो खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे है। उन्होंने कहा कि ये समाज के प्रबुद्ध जनों के सहयोग से ही भोजन सेवा के रुप मे मानवसेवा संभव हो सकी है।

इसी के चलते ही पिछले 15 साल से विजय श्री फाउंडेशन-प्रसादम सेवा के माध्यम से शहर के विभिन्न अस्पतालों में जरूरतमंद तीमारदारों की निःशुल्क भोजन सेवा का कार्य चल रहा है।

इस अवसर पर विजयश्री फाउंडेशन-प्रसादम सेवा की सरंक्षक डा.सत्या सिंह सहित श्री मुकेश तिवारी, डा.अर्पण जैन, डा.मिथिलेश दीक्षित, श्री गोविंद तिवारी, श्री अरविन्द तिवारी व अन्य मौजूद रहे।

श्री मुकेश तिवारी जी का परिचय :-

इंदौर के रहने वाले श्री मुकेश तिवारी जी हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार हैं। तीन दशक से आप निरंतर लेखन में सक्रिय हैं। समीक्षा, वार्ता, लघुकथा, रिपोर्ताज में आपकी योग्यता के सभी कायल है। अनेक चैनलों पर आपको राजनीतिक, साहित्यिक चर्चा कार के रूप में आमंत्रित किया जाता है।

आप नई दुनिया के ब्यूरो प्रमुख और वेब पोर्टल घमासान डॉट कॉम के सम्पादक रहे हैं। आप विचार प्रवाह संस्था के संस्थापक-संयोजक तथा डॉ. एसएन तिवारी स्मृति समिति के संस्थापक-संयोजक हैं।

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ जी का परिचय :-

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के संस्थापक डॉ अर्पण जैन जी हिन्दी के प्रसिद्ध समीक्षक, सम्पादक और पत्रकार हैं। आपकी संस्था भारत के 20 प्रदेशों में संचालित है।

इस संस्था से प्रेरित होकर 20 लाख लोगों ने हिन्दी में हस्ताक्षर करने प्रारम्भ किये। अभी 3,500 रचनाकार मातृभाषा. कॉम के लेखक हैं तथा 20 लाख से अधिक पाठक हैं। 11 लाख लोगों ने इस संस्था को हिन्दी को राष्ट्र भाषा बनाने के लिए समर्थन दिया है, जिसके कारण बुक ऑफ रिकॉर्ड, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्राप्त हुआ।

डा.मिथिलेश दीक्षित जी का परिचय :-

मिथिलेश दीक्षित देश की जानी-मानी साहित्यकार है और उन्हें राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई बार सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने अब तक 70 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया। मिथिलेश दीक्षित ने हिन्दी साहित्य में भारत का नाम रोशन किया है।

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