महारानी 3 की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पिछले सीज़न की खत्म हुई थी। रानी भारती के साथ अन्याय हुआ है और वह तीन साल से जेल में कैद है।
मुख्यमंत्री बने नवीन कुमार और उनकी टीम ने भीमा भारती को बेरहमी से खत्म कर दिया है और सारा दोष रानी भारती के सिर मढ़ा है। रानी भारती इस नए सीजन में खुद की बेगुनाही साबित करने के मिशन पर है। पर क्या, वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों और सबसे जरूरी, अपने परिवार के सामने बेगुनाही साबित कर पाएगी?
महारानी का तीसरा सीजन भारतीय राजनीति की धुंधली दुनिया में न्याय के लिए रानी भारती की लड़ाई की दिलचस्प कहानी है। धोखा देने में माहिर मुख्यमंत्री नवीन कुमार (अमित सियाल) ने भीमा भारती (सोहम शाह) को खत्म करने की योजना बनाई है और सारा दोष रानी के सिर पर है।
रानी जैसे-जैसे वह विश्वासघाती राजनीतिक परिदृश्य और निजी जीवन के उथल-पुथल से गुजरती है, बतौर दर्शक हम एक बार फिर धोखे, साजिश और सत्ता की जंग से भरी एक दिलचस्प कहानी में खोए रहते हैं।
अपने पिछले सीजन की सफलता के आधार पर महारानी 3 की कहानी दिलचस्प लगती है। यह बिहार की राजनीति की गहराई में उतरती है। अवैध लेन-देन से लेकर क्रूर चुनावी रणनीति तक, यह सीरीज इस गलाकाट दुनिया की सच्चाई से दर्शकों को बांधे रखती है। आठ एपिसोड में कुछ मौके पर कहानी में ट्विस्ट की कमी खलती है।
नंदन सिंह और उमाशंकर सिंह की कहानी के साथ सुभाष कपूर के की क्रिएटिव टीम तीसरी बार लौट रही है। पिछले दो सीजन में जिस गंभीरता को कहानी का आधार बनाया गया, डायरेक्टर सौरभ भावे उससे आगे अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाते हैं।
यह सीरीज रानी भारती के कारावास और उसके बाद अपने नाम पर लगे दाग को साफ करने और अपने परिवार के लिए न्याय मांगने के मिशन के साथ शुरू होती है। सीजन-3 की कहानी एक धीमी रफ्तार से आगे बढ़ती है, ऐसे में दर्शकों तक पहुंचने में समय लगता है। कुछ प्लॉट ट्विस्ट बड़े सरल जान पड़ते हैं।
खासकर हत्याओं में दूसरे सीन्स के मुकाबले रोमांच की कमी खलती है। बावजूद इसके कहानी कहने का ढंग, सीरीज को आकर्षक बनाता है। एक पॉलिटिकल-थ्रिलर के रूप में महारानी 3 छाप छोड़ती है, इसमें कोई शक नहीं है। रानी भारती के रोल में हुमा कुरैशी ने शानदार काम किया है।
किसी गिरगिट की तरह वह रोल में ढलकर चमकती हैं। पिछले सीजन की तुलना में उन्हें स्क्रीन स्पेस थोड़ा कम मिला है, वह खुद को गरिमा और अधिकार के साथ पेश करती हैं। अमित सियाल ने मुख्यमंत्री नवीन कुमार के रोल में जबरदस्त काम किया है। वह किरदार की चालाकी को बड़ी सहजता से अपना लेते हैं।
विनीत कुमार, प्रमोद पाठक, दिब्येंदु भट्टाचार्य, अनुजा साठे और कानी कुसरुति सहित दूसरे सहायक कलाकारों ने अच्छी परफॉर्मेंस दी है। कुछ कमियों के बावजूद, मेकर्स एक ऐसा शो बनाने में सफल रहे हैं, जो दर्शकों को इसमें जोड़े रखता है।
महारानी 3 आकर्षक कहानी के मामले में भले ही अपने पिछले सीजन की तुलना में एक पायदान नीचे हो सकती है, यह पॉलिटिकल-थ्रिलर जॉनर में गजब की योग्यता रखती है। अच्छी तरह से गढ़े गए किरदार, दिलचस्प राजनीतिक नाटक और बेहतरीन परफॉर्मेंस के लिए महारानी 3 कम से कम एक बार देखने लायक है।
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