सरस्वती समारोह में नृत्य, गायन, वादन के महासंगम ने बांधा समां

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लखनऊ। “सरस्वती संगीत अकादमी” की ओर से रविवार को “नाद यज्ञ” और “अमृत महोत्सव-सम्मान समारोह” का आयोजन गोमती नगर स्थित संगीत नाटक अकादमी उत्तर प्रदेश के संत गाडगे ऑडिटोरियम में किया गया। “मेरी माटी, मेरा देश अभियान” के अंतर्गत आयोजन इस शाम में नृत्य गायन वादन की दिलकश प्रस्तुतियां हुईं।

मेरी माटी, मेरा देश अभियान 

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पूर्व विधि परामर्शी एस.एस.उपाध्याय द्वारा लिखित पुस्तक “हिन्दुत्व एण्ड चैलेन्जेज” का विमोचन भी किया गया।

इस समारोह में मुख्य अतिथि पद्मश्री विद्या बिन्दु सिंह, संस्था के प्रबंध निदेशक डॉ. श्रीकांत शुक्ला और विभागाध्यक्ष नृत्य संकाय विभागाध्यक्ष आरती शुक्ला की उपस्थिति में पूर्व मेयर संयुक्ता भाटिया, भातखंडे संगीत सम-विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डॉ.पूर्णिमा पाण्डेय,

सरस्वती डेण्डल कॉलेज के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ.रजत माथुर, लखनऊ दूरदर्शन के पूर्व अपर महानिदेशक डॉ.सतीश कुमार ग्रोवर, बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय-राजनीति शास्त्र विभाग के प्रो.शशिकान्त पाण्डेय,

संस्कार भारती उत्तर प्रदेश के महामंत्री नरेश अग्रवाल, वरिष्ठ तबला वादक पं.शीतल प्रसाद मिश्र, भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की पूर्व एसोसिएट प्रो.ऊषा रानी बनर्जी को सम्मानित किया गया।

एस.एस.उपाध्याय द्वारा लिखित पुस्तक “हिन्दुत्व एण्ड चैलेन्जेज” का विमोचन 

अध्यक्षता उत्तर प्रदेश राज्यपाल के पूर्व विधि परामर्शी एसएस उपाध्याय ने की। विशिष्ट अतिथि उप्र प्रशासन एवं प्रबन्धन अकादमी की निदेशक आईएएस नीना शर्मा, डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.जेपी पाण्डेय,

क्षेत्रीय ललित कला अकादमी अलीगंज के सचिव डॉ.देवेन्द्र त्रिपाठी, मयंक पंत, निदेशक, शाह एण्ड पंत कन्सल्टिंग इंजीनियर्स के निदेशक ओपी शाह और मयंक पंत और संस्था के अध्यक्ष डॉ.श्याम बिहारी शुक्ला और उपाध्यक्ष इन्दू शुक्ला मौजूद रही।

सांस्कृतिक समारोह की शुरुआत परंपरा के अनुसार ज्ञान की देवी सरस्वती वंदना पेश की गई। लोविता हलोई द्वारा तैयार इस प्रस्तुति में आशीष, रेनू तिवारी, व्याखा, रितु गोयल, कियान गोयल ने भाग लिया।

इस क्रम में हुई तबला वादन प्रस्तुति में शुभ भटनागर, रुद्राक्ष शुक्ला, अभिषेक रावत, अथर्व गोयल, आयुष्मान त्रिपाठी, ऋषभ डे ने प्रभावी वादन कर सबका दिल जीत लिया।

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उसके बाद “सारे जहां से अच्छा” प्रस्तुति में रुद्राक्ष शुक्ल, ख़ुशी शर्मा, मौलिक तोमर, अर्चित, अरनव और “नागेंद्र हराय त्रिलोचनाय” समूह नृत्य में अक्षरा तिवारी, हर्षिता रजनीश, श्रुति शर्मा, मुस्कान मिश्रा, अदिति जैन, इप्शिता सिंह, भव्या झा, अनिका गोस्वामी, श्रीशा रघुवंशी, अक्षिता सिंह, ऐशानी सिंह ने मनभावन प्रस्तुति दी।

घर परिवारों में मांगलिक कार्यों के दौरान आम सुनायी देने वाले घरेलू वाद्य ढोलक की सामूहिक प्रस्तुति ने भी तालियां बटोरीं। उसमें अभिलाषा पांडे, भावना श्रीवास्तव, प्रमिला मिश्रा, योगेन्द्र, शुभ भटनागर, अभिषेक रावत ने वादन किया।

“श्री राम चंद्र कृपालु भजमन” भजन पर दीपांशी तिवारी, आराध्या श्रीवास्तव, अरुन्या मिश्रा, अथिवा, यशस्विका, आदिरा, नाएशा, निशा, वेदांशी, इशिका ने ऐसा सुंदर नृत्य किया कि लोग प्रभु भक्ति में लीन हो गए। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए “मैं राधा तेरी मेरा श्याम तू” पर श्वेता वर्मा, श्रुति शर्मा, मुस्कान मिश्रा ने समूह नृत्य किया।

मशहूर ठुमरी “सब बन ठन आई” पर विवाहित महिलाओं के दल ने सुंदर प्रस्तुति दी। इसमें भावना आनंद, शशि सिंह, ऋचा गोयल, विनीता पांडे, वीणा रामचन्द्र शामिल रहीं।

उत्तर प्रदेश के कथक शास्त्रीय नृत्य की प्रभावी छवि-हर्षिता रजनीश, श्रुति शर्मा, मुस्कान मिश्रा, श्रीषा रघुवंशी, अदिति जैन, इप्शिता सिंह ने ध्रुपद रचना पर पेश की वहीं सामूहिक तराना की प्रस्तुति में ऐशानी सिंह, अविका गोस्वामी, अनिका पांडे, अक्षिता सिंह, सानवी तोमर, सर्मिष्ठा तिवारी, शानवी अग्रवाल, वैष्णवी सिंह ने मनोरम नृत्य किया।

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