लखनऊ। “गन्ने की खेती का मशीनीकरण: परिचालन, पर्यावरण और नीति बाधाएँ “ विषय पर भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में 7 मार्च को एक-दिवसीय अखिल भारतीय संगोष्ठी होगी।
भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (आईआईएसआर), लखनऊ, शुगर टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसटीएआई) के सहयोग से आयोजित संगोष्ठी में गन्ने की खेती के मशीनीकरण जैसे महत्त्वपूर्ण विषय पर चर्चा होगी।
इसमें लगभग 75-200 वरिष्ठ चीनी उद्योग विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, टेक्नोफ्रेट, प्रौद्योगिकी प्रदाता, सलाहकार, शिक्षाविद और शोधकर्ता भाग लेंगे और विषय वस्तु पर विचार-विमर्श करेंगे।
संस्थान की प्रधान वैज्ञानिक व अध्यक्ष-प्रेस व मीडिया समिति संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि कुशल किस्म के गन्ना विकास और प्रबंधन के कारण पिछले एक दशक में भारतीय चीनी उद्योग में आमूलचूल बदलाव आया है। इसने भारत को सबसे बड़े चीनी उत्पादक देश के रूप में विश्व मानचित्र पर ला दिया है।
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एक विश्व नेता के रूप में हमारी श्रेष्ठता को जांचने और खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा के प्रति हमारी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए, गल्ने की खेती का मशीनीकरण करना और जुताई, रोपण, निराई,
पौधों की सुरक्षा, कटाई, लोडिंग और फसल कटाई के बाद के अन्य कार्यों के लिए पारंपरिक प्रथाओं से आगे बढ़कर आधुनिक खेती के तरीकों को अपनाना महत्वपूर्ण है।