मोदी के नेतृत्व में भारत फिर से प्राप्त करेगा पुराना गौरव व वैभव : एके शर्मा

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लखनऊ: प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत अपनी आजादी की 100वीं वर्षगांठ में वर्ष 2047 तक एक बार फिर से अपने प्राचीन गौरव व वैभव को प्राप्त करेगा। फिर से साधन संपन्न होकर संपूर्ण विश्व को राह दिखाएगा।

भारत के विकास की परिकल्पना को ही साकार करने के लिए मोदी ने विकसित भारत संकल्प यात्रा की शुरुआत की, जो कि भारत के विकास की मोदी की गारंटी है। इस यात्रा के दौरान सबका साथ सबका विकास की भावना के साथ जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ गरीबों, वंचितों, महिलाओं को समान रूप से दिलाया जा रहा।

मंत्री एके शर्मा ने भारत विकास परिषद के प्रांतीय सम्मेलन में किया प्रतिभाग

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा रविवार को लखनऊ के कृष्णानगर में भारत विकास परिषद के प्रांतीय सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

 

उन्होंने कहा कि भारत विकास परिषद के नाम में भी भारत का विकास परिलक्षित होता है, इस संगठन का कार्य भी भारतीय संस्कृति व गौरव से लोगों को परिचित कराना,राष्ट्रवाद की भावना को जगाना, भारत के नागरिकों का राष्ट्रीयकरण करना है। राष्ट्र निर्माण के इस कार्य में इसके 7284 पदाधिकारी और कार्यकर्ता लगे हुए हैं।

मोदी के नेतृत्व में भारत का हो रहा संकलित विकास

नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है, विविधता में एकता ही हमारा राष्ट्र धर्म है। भारतीय संस्कृति संपूर्ण विश्व की शांति और खुशहाली के लिए कार्य करती है। हमारा देश 05 हज़ार वर्ष पहले साधन संपन्न व वैभव से पूर्ण था। विश्व की कुल जीडीपी में एक चौथाई हिस्सा भारत का था।

विविधता में एकता ही हमारे देश का राष्ट्रधर्म

ब्रिटिश अर्थशास्त्री अंगस मेडिसिन ने 17वीं शताब्दी में ही भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व की कुल जीडीपी का 21 प्रतिशत होना बताया था। लेकिन ढाई से तीन सौ वर्ष पहले विदेशी आक्रांताओं, मुगलों और अंग्रेजों ने यहां आकर इस देश के धन संपदा को लूटकर यहां की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया।

भारतीय संस्कृति संपूर्ण विश्व की शांति और खुशहाली के लिए करती है कार्य

आजादी के बाद वैश्विक जीडीपी में यहां की अर्थव्यवस्था मात्र दो से ढाई प्रतिशत ही रह गई। दुनिया की नजर में भारत एक गरीब, सांप सपेरे तथा अंधविश्वास से ग्रस्त देश मात्र बनकर रह गया।

भारत के प्राचीन गौरव व वैभव के बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि – ” गायंती देवा: किल गीतकानी, धन्यास्तु ते भारतभूमि भागे। स्वर्गापवर्गास्पदमार्गभूते,भवंति भूयः पुरुषा: सूरत्वात”।

मंत्री ने सम्मेलन में प्रतिभागियों को विकसित भारत बनाने का दिलाया संकल्प

मंत्री एके शर्मा ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी भारत को फिर से उसके पुराने वैभव की ओर ले जाना चाहते हैं। लेकिन यह सभी के सहयोग से ही संभव हो सकेगा।

विगत 75 वर्षों में देश के विकास के प्रति कोई कार्य नहीं किया गया, पहले गरीबों को अमीर बनाने के लिए मुर्गी, बकरी दी जाती थी, दूसरे दिन ही वह मुर्गी बकरी देने वाले का निवाला बन जाती थी और गरीब उस कर्ज को भरता रहता था।

मंत्री एके शर्मा ने कहा कि मोदी ने स्वच्छ भारत का संकल्प दिया, शौचालय दिया, इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड, महिलाओं के लिए रसोई गैस दिया। सांस्कृतिक वैभव के साथ विज्ञान के क्षेत्र में भी प्रगति की। चांद में चंद्रयान पहुंचाकर चांद की धरती पर तिरंगा लहराया गया।

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मोदी का सपना है की जैसे रामराज्य में अवध का वैभव था, जिसके बारे में कहा गया है कि- ” नहिं दरिद्र कोऊ दुःखी न दीना, नहिं कोऊ अबुध न लच्छन हीना”। वैसा भारत देश मोदी बनाना चाहते हैं। मोदी के नेतृत्व में भारत का संकलित विकास हो रहा।

कार्यक्रम में भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गजेंद्र सिंह संधू, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संपत खुर्दिया, प्रांतीय महासचिव देवेश शुक्ला, क्षेत्रीय महासचिव नवीन कुमार श्रीवास्तव, क्षेत्रीय अध्यक्ष मुकेश जैन, विकास त्रिवेदी, वी एन सिंह, पवन अग्रवाल, मंजू सिंह, कंचन अग्रवाल, अमृत जैन, बृजमोहन अग्रवाल, अशोक अग्रवाल सहित परिषद के 07 प्रांतों के पदाधिकारी एवम् कार्यकर्ता हजारों की संख्या में उपस्थित थे।

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