अभ्युदय में याद किये गये ‘मिसाइल मैन’ एपीजे अब्दुल कलाम

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हमअपने मजबूत इरादों और हौसलों के पंखों से अपने सपनों को ऊँची उड़ान दे सकते हैं. यह संदेश मिसाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन पर आधारित प्रस्तुति में चौथी कक्षा के छात्रों ने एसआर इंटरनेशनल परिसर में चल रहे एसआर ग्लोबल स्कूल के कार्यक्रम ‘अभ्युदय’ में गुरूवार को दिया।

साथ ही चौथी कक्षा की एक अन्य प्रस्तुति में आधुनिक तकनीक में गणित के महत्व को बखूबी समझाया गया। पहली कक्षा के नन्हे-मुन्हे कलाकारों ने हमारे खूबसूरत और महान बृह्माण्ड की बड़ी ही मनोहारी झाँकियाँ प्रस्तुत कीं।

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दूसरी ने होनहारों ने दयालुता के जादुई प्राभावों को लोगों के सामने रखा तो तीसरी के बच्चों ने एक बेईमान डॉक्टर की कहानी को अपनी नाट्य प्रस्तुति से दर्शाते हुए लोगों को ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों से बचने की नसीहत दी।

अगली प्रस्तुति में सातवीं के बच्चों ने हमारे देश में खेती के महत्व और हमारे जीवन के लिए उसकी उपयोगिता को दर्शाने की कोशिश की।

“कौन कहता है आसमाँ में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों”,  मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विधान परिषद सदस्य पवन सिंह चौहान ने इस प्रसिद्ध शेर का उल्लेख करते हुए कहा कि ये नन्हे सितारे बेताब हैं दुनिया को मुट्ठी में करने के लिए।

इन बच्चों में उस आसमान में भी सुराख करने की क्षमता है बस इन्हें सही दिशा और मार्गदर्शन की जरूरत है। इस अवसर पर एसआर ग्लोबल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स की चेयरपर्सन श्रीमती सुष्मिता सिंह, एसआर ग्लोबल स्कूल के प्रधानाचार्य सीके ओझा,

उपप्रधानाचार्या श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव, कार्यकारी निदेशक, एसआर इंटरनेशनल स्कूल श्रीमती मोनिका तिवारी, एकैडमिक इंचार्ज श्री दीपक सिंह तथा कोऑर्डिनेटर्स गीता मेहता, पल्लवी उपाध्याय, साधना सिंह तथा गीताञ्जलि सिंह आदि उपस्थित रहे।

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