नए जेल मैनुअल के साथ यूपी की जेलों में लागू होगा मॉडल कोड : एस एन साबत

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लखनऊ।  पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक कारागार एस एन साबत ने शनिवार को जिला कारागार गाजियाबाद का निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण से पूर्व गोष्ठी में पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद अजय मिश्रा भी मौजूद थे एवं इस अवसर पर पुलिस के साथ कारागार अधिकारियों के समन्वय के बारे में भी चर्चा हुई। कारागार के मुख्य द्वार पर रिजर्व पुलिस लाइन गाजियाबाद के जवानों द्वारा डीजी महोदय को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक कारागार ने किया गाजियाबाद जेल का निरीक्षण 

पुलिस महानिदेशक कारागार के साथ जनपद गाजियाबाद कमिश्नरेट के पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा द्वारा कारागार का भ्रमण और निरीक्षण करते हुए कारागार की बेस्ट प्रैक्टिसेज का अवलोकन किया गया। कारागार के एक्टिविटी सेंटर का भी अवलोकन किया गया।

इस सेंटर पर बंदियों को विभिन्न रोजगारपरक कौशल विकास कार्यक्रम जैसे कंप्यूटर ट्रेनिंग, सिलाई बुनाई, एंब्रॉयडरी और हेयर कटिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही बंदियों के लिए रोजगारपरक हाॅबी कोर्सेज जैसे पेंटिंग, ड्राइंग, आर्ट एंड क्राफ्ट, सिंगिंग, डांसिंग, पॉटरी मेकिंग इत्यादि की क्लासेस चलाई जा रही है।

इसके अतिरिक्त अति महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश सरकार के कौशल विकास मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत बंदियों को एपारेल , ब्यूटी वैलनेस, फार्मिंग गार्डेनिंग, फूड प्रोसेसिंग का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

पुलिस महानिदेशक कारागार द्वारा कारागार में बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट कार्यक्रम के अंतर्गत वेस्ट मटेरियल से जिराफ, हाथी घोड़े, चिड़िया जैसे बच्चों के सुंदर खिलौने बनाने और कारागार के बंदियों द्वारा बनाई गई उत्कृष्ट पेंटिंग्स, पोट्रेट तथा देशभक्ति के थीम पर बंदियों के नृत्य की प्रशंसा की गई।

पुलिस महानिदेशक कारागार द्वारा अधिकारियों व कर्मचारियों को कारागार को एक आदर्श मॉडल के तौर पर विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं।

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जिससे कारागार में निरुद्ध बंदी को पर्याप्त अवसर मिल सके और वह मानवता के साथ मानवीय मूल्यों, शिक्षा ज्ञान और अपने कौशल को विकसित कर समाज में एक बेहतर इंसान के रूप में पुनः स्थापित कर सके।

पुलिस महानिदेशक कारागार ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नए जेल मैनुअल के साथ-साथ मॉडल कोड भी कारागारों में स्थापित किए जाने का प्रयास किया जा रहा है, जिस से बेहतर सुरक्षा के साथ आधुनिक तकनीक, शिक्षा सुधार का समावेश कर कारागारों को आदर्श सुधार गृह के रूप में प्रतिस्थापित किया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश की कारागारों में इस्तेमाल होने वाले उच्च आधुनिक तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को समावेशित कर ऑनलाइन सीसीटीवी प्रणाली से बंदियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और उनके बीच विवाद संवेदनशील स्थानों पर संदिग्ध गतिविधियों को  सतत मॉनिटर किया जा रहा है।

वहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से तुरंत अलार्म-अलर्ट भी किया जा रहा है। कारागारों को हाईटेक करने के क्रम में करागारों में ड्रोन कैमरा, बॉडी वार्न कैमरा उपलब्ध कराए गए हैं।

इसके साथ ही अपराधियों के निरुद्धि के संबंध एवं लंबित मुकदमों की समस्त जानकारी एक ही जगह पर उपलब्ध कराने हेतु ई-प्रिजन मॉड्यूल को आईसीजेएस (इंटीग्रेटेड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) के अंतर्गत पुलिस के सीसीटीएनएस (क्राइम क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम) और न्यायपालिका के ई-कोर्ट को ऑनलाइन प्रणाली से जोड़ा जा रहा है।

पुलिस महानिदेशक कारागार द्वारा कारागार के अधिकारियों कर्मचारियों को एक टीम भावना के साथ मिलकर अच्छे कार्य करने के भी निर्देश दिए गए है। इस अवसर पर जेल अधीक्षक श्री आलोक सिंह जेलर श्री कुलदीप सिंह भदौरिया एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

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