गांधीनगर। गुजरात की शीर्ष वरीयता प्राप्त शटलर तसनीम मीर, जिन्होंने रविवार को रायपुर की राजधानी छत्तीसगढ़ इंटरनेशनल चैलेंज जीता था, अब 36वें राष्ट्रीय खेलों में घरेलू दर्शकों के बीच खेलने की खुशियों का आनंद लेने के लिए उत्सुक हैं। पूर्व जूनियर विश्व नंबर-1 मीर बीडब्ल्यूएफ विश्व रैंकिंग में नंबर-113 पर पहुंच गई हैं।
मीर ने कहा, “मैंने अभी तक अपने गृह राज्य में एक प्रमुख राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में भाग नहीं लिया है। निश्चित रूप से, जब आप घरेलू दर्शकों के सामने खेलते हैं तो यह हमेशा एक बड़ी प्रेरणा होती है। राष्ट्रीय खेल मेरे लिए इसका अनुभव करने का एक बड़ा मंच होगा।
अब 113वें से 50वें रैंक में जगह बनाना है लक्ष्य
गुजरात सरकार युवा खिलाड़ियों को इस तरह का अमूल्य अनुभव हासिल करने में मदद करने के लिए आगे आई है।” मेहसाणा की 17 वर्षीय तसनीम मीर ने बीडब्ल्यूएफ विश्व जूनियर रैंकिंग के टाप पर की चढ़ाई की, जहां साइना नेहवाल और पीवी सिंधु जैसी दिग्गज भी नहीं पहुंच सकीं।
लेकिन इसके बावजूद मीर अपने पैरों को जमीन पर मजबूती से रखे हुए हैं। वह ओलंपिक पदक विजेताओं से प्रेरणा लेती हैं लेकिन अपनी राह खुद बनाना चाहती हैं। मीर ने कहा, “मैं उन्हें अपना आइडल मानती हूं। वे सभी युवा खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल हैं।
वे वैश्विक मंच पर अविश्वसनीय प्रदर्शन कर रही हैं और उन्होंने भारतीय महिला बैडमिंटन को ऊंचाई दी है। हम सभी उनका अनुकरण करने का सपना देखते हैं।” तसनीम मीर ने कहा कि वरिष्ठ स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने से अलग तरह की चुनौतियां पेश होंगी।
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मीर ने कहा, “जब मैं अंडर-19 विश्व रैंकिंग में नंबर-1 बनी तो यह बहुत अच्छा अहसास था। यह एक बड़ी उपलब्धि थी। वरिष्ठ खिलाड़ियों के बीच इसी तरह की सफलता को दोहराना चुनौतीपूर्ण होगा। इसके लिए मुझे अपने खेल में सुधार करना होगा। ” मीर ने कहा कि अपने खेल पर ध्यान देने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया से दूर रहने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ‘मुझे अपनी फिटनेस पर काम करना है। मैं अपनी रैलियों और स्टेमिना पर काम कर रही हूं क्योंकि मुझे पता है कि एशियाई खिलाड़ी रैलियों, पावर और गति में बहुत अच्छे हैं। खेल फास्ट होता जा रहा है और हमें कुछ तेज रैलियां खेलनी होंगी।’
मीर ने कहा कि उनका लक्ष्य अब जल्द ही 113वें से 50वें रैंक में जगह बनाना है। उन्होंने कहा, ‘मेरा ध्यान अपनी रैंकिंग में सुधार करने पर है। मेरा लक्ष्य शीर्ष-50 में शामिल होना है ताकि मैं बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में प्रतिस्पर्धा कर सकूं।
मेरे पिता (इरफान मीर) ने एक खिलाड़ी के तौर पर मेरे विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैंने उनसे मूल बातें सीखी और उनके देखरेख में ट्रेनिंग जारी रखा है।”
गुजराती शटलर ने कहा कि इंटरनेशनल चैलेंज टूर्नामेंट उनके जैसे खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करने में मदद करता है। मीर ने कहा, “जापान, थाईलैंड, चीन के कुछ अच्छे खिलाड़ियों के इस तरह के टूर्नामेंट्स हमें आवश्यक अनुभव और रैंकिंग चार्ट में ऊपर उठने का मौका देते हैं।”