गांधीनगर। वर्तमान एशियन चैंपियन संजीत और पूर्व जूनियर वर्ल्ड चैंपियन मंदीप कौर ने 36वें नेशनल गेम्स के क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह बना ली है। एक ऐसे दिन पर जब अधिकतर मुकाबले नॉकआउट या फिर रेफरी द्वारा मुकाबला रोके जाने के साथ समाप्त हुए संजीत ने उम्मीदों पर खरा उतर कर दिखाया
और उत्तराखंड के 20 साल के हरीश सिंह के खिलाफ रेफरी द्वारा मुकाबला रोके जाने के साथ जीत हासिल की।पुरुषों की 92 किलोग्राम कैटेगरी में दोनों मुक्केबाजों के बीच का अंतर साफ देखा जा सकता था। संजीत ने अपनी स्किल का शानदार इस्तेमाल किया और उत्तराखंड के मुक्केबाज को मात दी।
संजीत द्वारा लगातार मुक्का बरसाए जाने के बावजूद उत्तराखंड के मुक्केबाज ने पहले दो राउंड में पूरा जोर लगाया। फाइल राउंड में रेफरी ने मुकाबला रोका और अब संजीत का सामना दिल्ली के हर्ष कौशिक से होगा। कौशिक ने कर्नाटक के अजय कुमार को 5-0 से हराया है।
मैच के बाद संजीत ने कहा, “क्वार्टर फाइनल से पहले यह मेरे लिए अच्छा वॉर्म-अप था। राष्ट्रमंडल खेल में मिली निराशा के बाद यह मेरे लिए पहला टूर्नामेंट है और जीत के साथ वापसी करके अच्छा लग रहा है।”बर्मिंघम में अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा, “अच्छा होगा कि मैं राष्ट्रमंडल खेल के उस मुकाबले को याद मत करूं।
मैं जितना इसके बारे में सोचता हूं उतना ही परेशान होता हूं। तीन-चार दिनों तक तो मैं सो नहीं पाया था। मेरी आंखों के सामने उस मैच का परिणाम आता रहता था।” संजीत ब्रेक लेकर घर लौटे थे, लेकिन जल्द ही उन्होंने फुल ट्रेनिंग के लिए पुणे स्थित आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स का रुख कर लिया था।
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उन्होंने बताया, “मुझे सांत्वना नहीं चाहिए थी। घर पर हर कोई मुझे उस हार के लिए सांत्वावना देता रहता था। यही कारण था कि मैं दोबारा ट्रेनिंग के लिए ASI चला गया था। सभी कोचों ने मुझसे ऐसा व्यवहार किया कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं था। इससे मुझे सब कुछ फिर से शुरू करने की प्रेरणा मिली थी।
हर एथलीट के करियर में खराब दौर आता है और मैं राष्ट्रमंडल के अनुभव को उसी में गिनता हूं।” पहले दो राउंड के बाद आराम से बढ़त ले लेने के बाद संजीत को उस समय झटका लगा था जब समोआ आईलैंड के अतो फाओगली के पक्ष में 2-3 से फैसला सुना दिया गया था।
दिल तोड़ने वाली इस हार के बाद संजीत ने उस एक चीज पर जमकर काम किया है जिसकी वजह से उन्हें यह हार मिली थी। उन्होंने कहा, “मैंने अपने थर्ड राउंड गेम पर काम किया है। पहले मैं थोड़ा धीमा हो जाता था, लेकिन अब इसमें सुधार कर लिया है।”
इस बीच, दिन के अन्य मुकाबलों में गोवा के पुस्पेंदर राठी (75 किग्रा), मिजोरम के माल्सावमितलुआंगा (75 किग्रा), हरियाणा के विसित (80 किग्रा), दिल्ली के राहुल राठी (80 किग्रा), महाराष्ट्र के अनुज कुकराती (92 किग्रा) ने जीत दर्ज की है। महिलाओं में मध्य प्रदेश की राधा पाटीदार (57 किग्रा), गुजरात की मिंक्स भानुशाली (57 किग्रा), चंडीगढ़ की सविता (57 किग्रा) और मणिपुर की अलीना थौनाओजम (66 किग्रा) ने अंतिम आठ चरण में प्रवेश किया।