राष्ट्रीय खेल नीति 2025 को मिली मंजूरी, भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने की तैयारी

0
28

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खेल नीति 2025 को हरी झंडी दे दी। इस नई नीति के माध्यम से सरकार का लक्ष्य भारत को खेलों में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है। नीति का उद्देश्य न केवल खेल संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाना है, बल्कि देश को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने का भी है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि खेलो भारत नीति का मकसद 2047 तक भारत को दुनिया के शीर्ष पांच खेल राष्ट्रों में शामिल करना है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बीते 11 वर्षों में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं को सामने लाने और खेल को जन-आंदोलन बनाने पर विशेष जोर दिया है। नई खेल नीति इसी विजन का अगला कदम है।

यह नई नीति 2001 में लागू राष्ट्रीय खेल नीति की जगह लेगी और भारत को अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में मजबूती से स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर मानी जा रही है। सरकार का लक्ष्य 2036 ओलंपिक सहित अन्य बड़े आयोजनों की मेजबानी के लिए भारत को एक मजबूत दावेदार बनाना है।

सरकार का मानना है कि राष्ट्रीय खेल नीति 2025 भारत को एक अग्रणी खेल राष्ट्र बनाएगी और देश में अधिक स्वस्थ, सक्रिय और सशक्त नागरिकों का निर्माण करेगी।

राष्ट्रीय खेल नीति 2025 के पांच प्रमुख स्तंभ
  • वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता
  • आर्थिक विकास के लिए खेल
  • सामाजिक विकास के लिए खेल
  • जन आंदोलन के रूप में खेल
  • शिक्षा के साथ एकीकरण (एनईपी 2020)

वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता
नई खेल नीति का उद्देश्य जमीनी स्तर से लेकर शीर्ष स्तर तक खेल प्रतिभाओं की जल्द पहचान और उनके विकास के लिए मजबूत तंत्र बनाना है। इसमें प्रतिस्पर्धी लीग और बड़े स्तर की प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में खेल अधोसंरचना का विकास शामिल है।

इसके अलावा, प्रशिक्षण, कोचिंग और खिलाड़ियों के सहयोग के लिए विश्वस्तरीय व्यवस्था विकसित की जाएगी। खेल विज्ञान, खेल चिकित्सा और अत्याधुनिक तकनीक के बेहतर इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही, कोच, तकनीकी अधिकारी और सहायक स्टाफ का विशेष प्रशिक्षण भी इस नीति का हिस्सा होगा।

आर्थिक विकास के लिए खेल
खेल पर्यटन को बढ़ावा देना, भारत में अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी करना, खेल से जुड़े स्टार्टअप और निर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करना इस नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। सरकार खेलों में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) और कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के माध्यम से निजी निवेश को आकर्षित करने की योजना भी बना रही है।

सामाजिक विकास के लिए खेल
नई खेल नीति में सामाजिक समावेशन पर खास जोर दिया गया है। खेलों के माध्यम से महिलाओं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, आदिवासी और दिव्यांगजनों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी।

सरकार स्वदेशी और पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने का भी प्रयास करेगी। खेलों को शिक्षा से जोड़कर और दोहरे करियर के अवसर प्रदान कर इसे एक व्यवहारिक करियर विकल्प बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। साथ ही, भारतीय प्रवासी समुदाय को भी खेलों के माध्यम से जोड़ने की योजना है।

जन आंदोलन के रूप में खेल
नई नीति के तहत राष्ट्रव्यापी खेल अभियानों और समुदाय-आधारित कार्यक्रमों के जरिए फिटनेस और खेल संस्कृति को बढ़ावा दिया जाएगा। स्कूल, कॉलेज और कार्यस्थलों के लिए फिटनेस इंडेक्स शुरू करने की भी योजना है ताकि खेलों और फिटनेस को जीवनशैली का हिस्सा बनाया जा सके।

शिक्षा के साथ खेलों का एकीकरण
नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप स्कूल पाठ्यक्रम में खेलों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा। खेल शिक्षा के लिए शिक्षकों और फिजिकल एजुकेशन टीचर्स को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि बच्चों में खेलों के प्रति रुचि और जागरूकता बढ़ाई जा सके।

ये भी पढ़ें : रग्बी प्रीमियर लीग के पहले सीजन में चेन्नई बुल्स बना चैंपियन

ये भी पढ़ें : 41 साल बाद भारत की अंतरिक्ष में वापसी, शुभांशु शुक्ला ने बढ़ाया देश का मान

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here