लखनऊ। सीएसआईआर-एनबीआरआई में “निर्जलित पुष्प शिल्प कला” पर तीन माह तक आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम डीएसआईआर (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग) द्वारा प्रायोजित परियोजना के साथ महिला सशक्तिकरण के लिए बनाए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन एहसास एनजीओ संस्था के साथ मिलकर किया जा रहा हैं। इसका समापन 23 सितंबर 2022 को होगा।
कार्यक्रम के बारे में मुख्य वैज्ञानिक एवं परियोजना प्रमुख डॉ.एसके तिवारी ने बताया कि कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से 23 महिला प्रतिभागी भाग ले रही हैं। उन्होंने आगे बताया कि यह निर्जलित शिल्प प्रौद्योगिकी आय सृजन द्वारा महिलाओं को उनकी आर्थिक स्थिति के उत्थान में मदद कर सकती है।
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सामाजिक कार्यकर्ता और एहसास एनजीओ की संस्थापक श्रीमती शची सिंह ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण और वित्तीय स्वतंत्रता में मदद करेगा। उन्होंने आशा जताई की कि सीएसआईआर-एनबीआरआई के सहयोग से प्रशिक्षु निश्चित रूप से हमारी कलाकृतियों का निर्यात करने में सक्षम होंगे।
सीएसआईआर-एनबीआरआई के विशेषज्ञों डॉ. अतुल बत्रा और डॉ. श्वेता सिंह ने ताजे फूल और पत्ते के संग्रह और उनके सुखाने की विधि पर तकनीकी विवरण प्रस्तुत किया। सूखे फूलों का उपयोग ग्रीटिंग कार्ड, लैंडस्केप, वॉल हैंगिंग, कांच के कंटेनर, टी कोस्टर और फूलों के आभूषणों बनाने की तकनीकी को भी प्रतिभागियों को बताया गया।
इस तीन महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिला प्रतिभागी न केवल विभिन्न कलाकृतियों को तैयार करने के बारे में जानेंगे, बल्कि उन्हें स्थानीय जलवायु में आसानी से उपलब्ध होने वाले महत्वपूर्ण पौधों के उपयोग के बारे में भी पता चलेगा। वे अपने संग्रह, सुखाने और इसकी भंडारण प्रक्रिया को भी सीखेंगे।