लखनऊ। सीएसआईआर-एनबीआरआई, लखनऊ में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह में मुख्य अतिथि लखनऊ की महापौर मुख्य अतिथि सुषमा खर्कवाल व विशिष्ट अतिथि डॉ. सरिता शासनी समाज सेविका रही।
मुख्य अतिथि महापौर, लखनऊ सुषमा खर्कवाल ने अपने संबोधन में कहा कि इस देश एवं सनातन में महिलाओं का सर्वोच्च स्थान दिया गया है . हम अपनी धरती, देश, नदियों, आदि तक को माँ का दर्जा देते हैं।
बाहरी आक्रान्ताओं ने भले ही हमारी संस्कृति पर बड़े कठोर प्रहार कर के इसे ख़त्म करने की कोशिशें की हैं लेकिन हम एक बार फिर से करवट लेकर उठ खड़े हो रहे हैं और विश्व में अपनी जगह बना रहे हैं जिसमें महिलाओं का भी योगदान है।
सीएसआईआर-एनबीआरआई में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
उन्होंने इस अवसर पर भारत सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण एवं उत्थान हेतु जारी की गयी विभिन्न योजनाओं की भी चर्चा की। श्रीमती खर्कवाल ने सभी से प्लास्टिक उपयोग को बंद करने की भी अपील करी ताकि इससे उत्पन्न पर्यावरण प्रदूषण को रोका जा सके।
विशिष्ट अतिथि डॉ. सरिता शासनी ने इस वर्ष की महिला दिवस की थीम पर चर्चा करते हुए कहा कि महिलाओं को किसी विशेष चीज की आवश्यकता नहीं होती, सिर्फ थोड़े सहारे से वह बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकती हैं।
उन्होंने प्राचीन वैदिक काल से लेकर आधुनिक भारत के इतिहास की महान महिलाओं एवं समाज में उनके योगदान की चर्चा की एवं महिलाओं का आवाहन किया कि वे अपना ध्यान रखे, पारिवारिक एवं सामजिक जीवन में संतुलन रखे एवं चुपचाप अन्दर नही अन्दर घुटने की बजे खुल कर बोले।
इससे पूर्व मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुये संस्थान निदेशक डॉ. एके शासनी ने वीरांगना ऊधा देवी एवं 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में उनके बलिदान को याद करते हुए बताया कि यह गर्व का विषय हैं हमारे संस्थान के वनस्पति उद्यान में आज भी वही बरगद का पेड़ संरक्षित हैं जो 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में उधा देवी के बलिदान की याद दिलाता हैं ।
डॉ. शासनी ने अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों में संस्थान की महिला वैज्ञानिकों के प्रयासों की भी सराहना की।
रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अदिति गुप्ता ने बताया कि एक समय इस दिन को राजनीतिक विरोध के लिए मनाया जाता था
लेकिन समय के साथ साथ अब इसे उन महिलाओं के संघर्षों का सम्मान करने के लिए मनाया जाने लगा है जिनहोने अपने कार्यों एवं प्रयासों से विश्व पटल पर अपनी एक अलग पहचान बनाई।
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इस अवसर पर विभिन्न परियोजनाओं से जुड़ी महिला लाभार्थियों को भी सम्मानित किया गया। इस महिला लाभार्थियों में संस्थान के सीएसआईआर फ्लोरीकल्चर मिशन से जुडी लाभार्थी रीना सिंह को फूलों की खेती के प्रति जागरूकता बढ़ाने में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए,
संस्थान की निर्जलित फूल प्रौद्योगिकी की लाभार्थी पूनम गुप्ता को महिला सशक्तिकरण पहल में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए; सीएसआईआर-एनबीआरआई, लखनऊ की वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मेहर हसन आसिफ को पादप विज्ञान में अनुसंधान एवं विकास कार्यों में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए और टाइम्स ऑफ इंडिया की वरिष्ठ विज्ञान संवाददाता मोहिता तिवारी को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी समाचार रिपोर्टिंग में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
इसके अतिरिक्त गणमान्य अतिथियों द्वारा ने ईआईएसीपी-एनबीआरआई की शोध छात्राओं द्वारा बनाये गये डेस्क कैलेंडर और बच्चों के लिए बनाई गई लघु कथाएँ पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर गणमान्य अतिथियों द्वारा सभी को मिशन लाइफ की शपथ भी दिलाई।
अंत में संस्थान की आंतरिक शिकायत समिति की अध्यक्षा एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. शुचि श्रीवास्तव, ने धन्यवाद् ज्ञापन प्रस्तुत किया इस अवसर पर संस्थान में कार्यरत महिला वैज्ञानिक एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित थे ।