इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन तथा भाकृअनुप – भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में “गन्ना खेती में यंत्रीकरण– चुनौतियाँ एवं समाधान” विषय पर आईआईएसआर में राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित हुई.
मुख्य अतिथि डॉ.विजय पॉल शर्मा (अध्यक्ष, कृषि लागत एवं मूल्य आयोग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार) ने गन्ना किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु गन्ने के उत्पादन व चीनी परता बढ़ाने के साथ इसकी उत्पादन लागत घटाने के विकल्पों पर प्रकाश डालते हुए
मानव श्रम के अंश को उत्पादन लागत का सबसे बड़ा योगदानकर्ता बताते हुए गन्ना खेती के यंत्रीकरण पर बल दिया। डॉ. शर्मा इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन तथा भाकृअनुप – भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में “गन्ना खेती में यंत्रीकरण– चुनौतियाँ एवं समाधान” विषय पर आईआईएसआर में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधन कर रहे थे।
डॉ. शर्मा ने गन्ना कटाई में सबसे अधिक श्रमिकों के प्रयोग होने के बावजूद किसानों को बुवाई पूर्व खेत की तैयारी से लेकर गन्ना कटाई तक की सभी कृषि क्रियाओं को यंत्रीकरण के सम्पूर्ण पैकेज देने तथा सहकारी समितियों तथा कृषक उत्पादक संघों के द्वारा इनका प्रचार-प्रसार करने,फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना करने एवं कस्टम हायरिंग द्वारा कम लागत पर यंत्रीकरण के प्रयोग द्वारा गन्ना किसानों की आय बढ़ाने पर ज़ोर दिया।
संजय आर. भूसरेड्डी (अपर मुख्य सचिव, गन्ना एवं चीनी विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार) ने उत्तर प्रदेश में गन्ना के अंतर्गत क्षेत्र, उत्पादन एवं उत्पादकता एवं चीनी उत्पादन व चीनी परता में हुई उल्लेखनीय प्रगति की चर्चा करते हुए गन्ना कृषि के यंत्रीकरण में
भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के योगदान की प्रशंसा करते हुए बताया कि वर्ष 2018-19 में प्रदेश में फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना दो ट्रेश मल्चर तथा एक पेड़ी प्रबंधन यंत्र के साथ की गई थी परंतु आज प्रत्येक बैंक में 12-13 प्रकार की 33 मशीनें उपलब्ध हैं।
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भूसरेड्डी ने उर्वरकों तथा कीटनाशी रसायनों पर होने वाले खर्च को बचाने के लिए सिंचाई की ड्रिप प्रणाली अपनाने के लिए गन्ना किसानों का आह्वान करते हुए प्रदेश में मेकेनिकल हार्वेस्टर द्वारा गन्ने की कटाई को प्रोत्साहन देने के लिए प्रचलित पर्ची प्रणाली को परिवर्तित करके क्लस्टर कटाई पर बल दिया।
सुबोध कुमार सिंह, अपर सचिव (शर्करा), खाद्य मंत्रालय, भारत सरकार ने पहले चीनी उत्पादन के चक्रीय प्रकृति की चर्चा करते हुए कहा कि गत 5-6 वर्षों से भारत में चीनी उत्पादन सतत रूप से बढ़ रहा है तथा गत कुछ वर्षों से भारत चीनी का निर्यात भी कर रहा है।
श्री सिंह ने भारत में गन्ने की केवल 4 फीसदी कटाई मेकेनिकल हार्वेस्टर द्वारा होने पर चिंता जताते हुए गन्ना किसानों की आय में वृद्धि हेतु गन्ना खेती में यंत्रीकरण की आवश्यकता बताई तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी के निर्यात हेतु गन्ना एवं चीनी की उत्पादन लागत में कमी करने पर बल दिया।
डॉ. आर. विश्वनाथन, निदेशक,भाकृअनुप – भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने अपने उदबोधन में संस्थान द्वारा विकसित गन्ने की खेती के यंत्रीकरण हेतु गन्ने की बुवाई, निराई-गुड़ाई, मिट्टी चढ़ाने का कार्य, कीटनाशकों का छिड़काव, कटाई एवं पेड़ी प्रबंधन हेतु विभिन्न प्रकार के यंत्रों के विकास के बारे में चर्चा करते हुए गन्ना किसानों से इनको अपनाकर गन्ना खेती की लागत को कम करके आय में वृद्धि करने की सलाह दी।
कार्यक्रम के आरंभ में आदित्य झुनझुनवाला, अध्यक्ष,इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (इस्मा) ने भारत में गन्ने की कटाई यांत्रिक हार्वेस्टर द्वारा करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए ब्राज़ील, थाइलैंड व आस्ट्रेलिया में यांत्रिक हार्वेस्टर की लोकप्रियता के बारे में वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि भारत के महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश में हार्वेस्टर के बढ़ते प्रयोग के उपरांत भी उपोष्ण भारत में अभी भी गन्ने की कटाई श्रमिकों द्वारा की जाने पर चिंता व्यक्त की।
आरएल टमक (अध्यक्ष, गन्ना एवं चीनी उप-समिति, इस्मा) ने गन्ना खेती में यंत्रीकरण द्वारा भारत में कृषि कार्यों हेतु श्रमिकों की कमी का समाधान प्रस्तुत करने, सामयिक कृषि कार्य के सम्पादन, समय व धन में कमी तथा उचित पेड़ी प्रबंधन के लाभ होने की चर्चा करते हुए केंद्र एवं प्रदेश सरकारों से इस विषय में उचित नीति बनाने की अपील की।
एस. मोहंती (महानिदेशक, इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन) ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनीता सावनानी ने किया।
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संगोष्ठी में इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन के विभिन्न पदाधिकारीगण, चीनी मिलों के अधिकारियों,कृषि यंत्रों के प्रमुख निर्माताओं तथा गन्ना वैज्ञानिकों सहित देश के विभिन्न भागों से आए लगभग 300 प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।
इस अवसर पर शक्तिमान एवं महिंद्रा एवं महिंद्रा जैसे प्रमुख कृषि यंत्र निर्माताओं ने हार्वेस्टर सहित विभिन्न कृषि यंत्रों का प्रदर्शन भी किया। आयोजक सचिव, डॉ. अखिलेश कुमार सिंह, प्रधान वैज्ञानिक ने गन्ना खेती के लिए संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न कृषि यंत्रों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।