नई दिल्ली : युवा भारतीय मुक्केबाज नीतू घनघास इतिहास रचते हुए, यहां इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में जारी महिंद्रा आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में शनिवार को सनसनीखेज जीत दर्ज कर पहली बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
ओलंपिक विजेता इटली की टेस्टा को विश्व चैंपियनशिप का पहला स्वर्ण
नीतू (48 किग्रा) ने अपनी शानदार फार्म बरकरार रखते हुए दो बार की एशियाई कांस्य पदक विजेता कजाकिस्तान की लुत्साइखान अल्तांसेटसेग को 5-0 से एकतरफा अंदाज में हराकर शानदार जीत दर्ज की।
2022 के राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता ने कजाख मुक्केबाज के खिलाफ मुक्कों की तेज झड़ी लगाकर बाउट की जोरदार शुरुआत की और अपने स्मार्ट मूवमेंट और आक्रामक रुख का इस्तेमाल करते हुए पहले दो राउंड में क्रमश: 5-0 और 3-2 स्कोरलाइन से जीत हासिल की।
लवलीना और निखत रविवार को फाइनल में दिखाएंगी दम
साउथपा ने अंतिम राउंड में लगातार हमले और दृढ़ रक्षा के शानदार संयोजन का प्रदर्शन करके अपनी गति जारी रखी और सर्वसम्मत निर्णय से जीत दर्ज की।
पूरे बाउट के दौरान नीतू ने धैर्य बनाए रखा और करीबी रेंज हमला करते हुए लुत्सईखान को हावी होने का मौका नहीं दिया और इस तरह वह पहली बार विश्व चैंपियन बनने का सपना पूरा कर सकीं। उन्होंने कहा, “आज मुकाबले से पहले मैंने आक्रामक तरीके से खेलने का फैसला किया था और मैं (जीत के बाद) बहुत खुश हूं।
मुझे अपने आप पर और अपने परिवार पर गर्व है और मैं अपने कोचों, विशेषकर अपने मुख्य कोच भास्कर सर को धन्यवाद देना चाहूंगी।”
इस जीत के साथ, भिवानी की 22 वर्षीय इस मुक्केबाज ने एक शानदार अभियान का समापन किया, जहां उन्होंने दो बार की विश्व कांस्य पदक विजेता जापान की मडोका वाडा और कजाकिस्तान की दो बार की एशियाई चैंपियन अलुआ बाल्किबेकोवा सहित उल्लेखनीय मुक्केबाजों को बाहर करके अपनी योग्यता साबित की।
57 किग्रा भार वर्ग में, टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता इटली की इरमा टेस्टा ने भी अपना पहला विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण जीता। उन्होंने कजाकिस्तान की करीना इब्रागिमोवा को 5-0 से हराया।
इस इटालियन, जिन्होंने चीनी ताइपे के लिन यू-टिंग के खिलाफ कड़े मुकाबले में 1-4 से हार के बाद टूर्नामेंट के पिछले संस्करण में रजत पदक से संतोष करना पड़ा था, उसने इस बार उस परिणाम को दोहराने से बचने के लिए अपना सब कुछ झोंक दिया और एक यादगार उपलब्धि हासिल की।
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नीतू की ऐतिहासिक जीत के बाद, कुछ अन्य स्वर्ण पदक के लिए भारत की तलाश तब जारी रहेगी, जब तीन बार की एशियाई पदक विजेता स्वीटी बूरा आज रात 2018 विश्व चैंपियन चीन की वांग लीना का सामना करने के लिए रिंग में उतरेंगी।
रविवार को मौजूदा विश्व चैंपियन निखत ज़रीन और टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन अपने-अपने फाइनल बाउट के लिए रिंग में उतरेंगी।
निखत (50 किग्रा) विश्व चैंपियनशिप में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक हासिल करने के लिए दो बार की एशियाई चैंपियन वियतनाम की गुयेन थी टैम से भिड़ेंगी, जबकि लवलीना (75 किग्रा) दो बार की राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता ऑस्ट्रेलिया कैटलिन पार्कर से भिड़ेंगी।
इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में आयोजन में 12 भार वर्गों में खिताब के लिए लड़ने वाले 65 देशों के कई ओलंपिक पदक विजेताओं सहित 324 मुक्केबाज हिस्सा ले रहे हैं। इस टूर्नामेंट में 20 करोड़ रुपये की विशाल पुरस्कार राशि है।