शॉटपुटर एथलीट निधि पवैया ने जीवन में संघर्ष और मुश्किलों से नहीं मानी हार

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लखनऊ। मौजूदा दौर में खेलों के पटल पर भारतीय महिलाओं की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। इतना ही नहीं कई भारतीय महिला खिलाड़ी अपने अपने क्षेत्र में दमदार प्रदर्शन कर दुनिया जीतने का हौंसला दिखा रही है।

इसके साथ ही जिन खेलों में अब तक पुरुषों का दबदबा देखने को मिलता था अब उन्हीं खेलों में महिलाओं ने अपनी धमक दिखाई। ये भी सच है कि खेल जगत में महिलाओं के लिए जगह बनाना कोई आसान काम नहीं है फिर भी महिलाएं विभिन्न खेलों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और जीत का डंका बजा रही है।

इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसी महिला खिलाड़ी से मिलाने जा रहे हैं जिसने कई संघर्षों को पार करते हुए खेल जगत में अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज करायी है। मध्य प्रदेश की निधि पवैया शॉटपुट जैसे कठिन खेलों में अपना करियर संवार रही है।

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हालांकि एक वक्त ऐसा भी आया था जब लगा था कि उनको करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो जायेगा लेकिन चोट से उबर कर उन्होंने मैदान में जोरदार वापसी की।

उत्तर प्रदेश की मेजबानी में पहली बार आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 में बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी, भोपाल की निधि पवैया ने बुधवार को एथलेटिक्स मुकाबलों के अंतिम दिन महिला शॉटपुट में 14.80 मी. के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता।

इस स्पर्धा मे निधि से .5 मी. के अंतर से पिछड़ी चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी की शिक्षा दूसरे स्थान पर रही। निधि इस प्रदर्शन से खुश है हालांकि वो अपने 15 प्लस मीटर थ्रो के तय मार्क को क्रास नहीं कर पाई। निधि ने कहा कि मैने तैयारी पूरी की थी और इसी साल लगी चोट से उबरने के लिए कड़ी मेहनत की थी।

मैने ये सोचा था कि मेरे को लखनऊ में 15 मी. से ऊपर ही थ्रो करना है लेकिन शायद आज दिन मेरा नहीं था। निधि मध्य प्रदेश में ग्वालियर जिला के अंतर्गत आने वाले चिनौर नामक गांव की निवासी है और उनके पिता छोटे सिंह पवैया किसान है जिनके ऊपर 6 लोगों के परिवार की जिम्मेदारी है।

हालांकि गांवों में और समाज में आज भी कई लोगों की ऐसी सोच है कि कोई लड़की अगर खेल में आगे बढ़ने की सोच रखती है तो उसे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। निधि इस मामले में खुशनसीब है कि उनके पिता व पूरे परिवार ने उनका पूरा साथ दिया।

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निधि नवंबर, 2021 में ट्रेनिंग के दौरान घुटने पर लगी चोट के चलते 2022 तक पूरे साल खेल से दूर रही और पिछला पूरा साल उनका रिकवरी में ही गुजर गया। हालांकि निधि ने इस साल से दोबारा अभ्यास शुरू किया और इस साल मार्च 2023 में आयोजित आल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2023 में शॉटपुट का स्वर्ण पदक जीता।

इसके अलावा निधि ने रांची में हुए फेडरेशन कप एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी प्रतिभाग किया था। अब निधि ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 में आयोजित इन खेलों में उतरी और स्वर्ण जीतकर अपने सपनों को पंख दे दिए।

निधि के अनुसार हमारे कोच साहब संदीप सिंह बैस सर ने इस दौर में मेरा पूरा साथ दिया और रिकवरी में पूरी मदद की। निधि ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2022 के आयोजन और यहां दी गई सुविधाओं की जमकर सराहना की और पहली बार इन खेलों में हिस्सा ले रही निधि के अनुसार यहां हमारा काफी ख्याल रखा गया है

और अच्छा लगा कि यूनिवर्सिटी से आने वाले खिलाड़ियों को भी इस तरह की उच्चस्तरीय सुविधाएं मिल रही है। निधि पवैया ने 2019 में शॉटपुट के अभ्यास की शुरुआत की थी और इसके लिए उन्होंने मध्य प्रदेश की डीएसवाईडब्लू अकादमी में प्रवेश लिया था और वर्तमान में कोच संदीप सिंह बैंस की निगरानी में अभ्यास कर रही है।

उन्हें नवंबर 2021 में अभ्यास के दोरान चौट लगी थी और बीता साल उनका पूरा रिकवरी में बीत गया था। इसके बाद निधि ने मार्च-2023 में हुए आल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में शॉटपुट में स्वर्ण पदक जीता था और अब खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी स्वर्णिम सफलता हासिल की है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का सपना देख रही निधि अब ओडिशा में होने वाले वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के ट्रायल के लिए आयोजित की जाने वाली चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगी।

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