लखनऊ। भारत की ‘स्वर कोकिला’ लता मंगेशकर जी की जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा “श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि” का आयोजन ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय, 25/2G, सेक्टर-25 में किया गया।
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने ‘स्वर कोकिला’ भारत रत्न लता मंगेशकर जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्पण कर उन्हें श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि दी।
बताते चलें कि लीजेंड सिंगर भारत रत्न और Nightingale of India लता मंगेशकर दीदी भले ही इस दुनिया से रुखसत हो गईं हों, लेकिन उनकी मखमली आवाज हमेशा-हमेशा के लिए हमसब की रूह में उतर गई है। जमाना किसी का भी हो, रूहानी और खनकती आवाज का जादू हर उम्र-हर वर्ग के लोगों के सिर चढ़कर बोलता है।
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “लता जी एक ऐसी शख्सियत थी जिनकी गायकी के मुरीद माननीय तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गाँधी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं,
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और यही कारण है कि वे प्रभावित होकर उनसे मिलने उनके घर तक पहुंच जाया करते थे। एक वक्त उस्ताद बड़े गुलाम अली खां लता जी की आवाज के कायल थे। गुलाम साहब ने लता जी की स्नेहभरी प्रशंसा पंडित जसराज के सामने भी की थी। ये वही गुलाम साहब हैं जिसके सामने हर संगीत प्रेमी का सिर सम्मान में झुक जाया करता है।
सिर्फ संगीत प्रेमी ही नहीं, बल्कि उनकी गायकी को पसंद करने वाले हर-वर्ग के लोग शामिल हैं। बात तब कि है जब चीन के साथ 1962 के युद्ध के बीते एक साल ही हुए थे। 1963 में सैनिकों के बीच लताजी ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों ! जरा आंख में भर लो पानी’ गाकर सुनाया, उस एक पल ने जैसे सुननेवालों के दिल को झकझोर कर रख दिया,
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हर किसी की आंखें भर आईं, तो ऐसी थीं लता दीदी। इसके 50 साल बाद इस गीत की स्वर्ण जयंती सम्पन्न होने पर लता जी का यह गीत उन्हीं के मुख से सुनकर पीएम मोदी भी भावुक हो उठे। उन्होंने कहा- दीदी का यह गीत अमर है। पीएम ने कहा कि, आप वास्तव में भारत रत्न हैं, आपके गायन की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम है।
लता दीदी, भले ही उदासी के ये वक्त निकल जाएं, मगर मसला तो आपकी यादों का है, आप हमारे ख्यालों में भी रहेंगी और दिल में भी, आपकी आवाजें हमने अपनी जिंदगी में उधार ली हैं, जिसकी याद में ब्याज भरती रहेंगी उम्र भर हमारी आंखें।