फिल्म देखते समय आपको पॉपकॉर्न खाने या कोल्डड्रिंक पीने के लिए सोचना नहीं पड़ेगा. क्योंकि जीएसटी काउंसिल ने मल्टीप्लेक्स में बेचे जाने वाले खाद्य और पेय पदार्थों पर लगने वाले टैक्स में कटौती कर दी है. जीएसटी काउंसिल के फैसले का मल्टीप्लेक्स ऑपरेटरों ने भी स्वागत किया है.
ऑपरेटरों का बोलना है कोरोना के बाद से विपरीत हालातों से गुजर रहे थिएटर मालिकों को मदद मिलेगी और मुकदमेबाजी से भी निजात मिलेगी. आपरेटरों ने बोला कि कोरोना के चलते 2020 में सिनेमाघरों को बंद किया गया था. मार्च 2022 में उन्हें पूरी क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दी गई.
सिनेमाघरों में खाने-पीने के सामानों पर अब 18 फीसदी के बजाय मात्र 5 फीसदी ही जीएसटी लगेगी. पीवीआर आईनॉक्स लिमिटेड के सीएफओ नितिन सूद ने बोला है कि, पूरा सिनेमा उद्योग जीएसटी परिषद के फैसले का स्वागत करता है. सरकार के फैसले के बाद सिनेमा हॉल इंडस्ट्री के मुद्दों को हल करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने बोला कि देशभर में ऐसे करीब 9000 से ज्यादा सिनेमाघर हैं जो जीएसटी को लेकर मुकदमें से बच सकेंगे और अपने बिजनेस को आगे बढ़ा सकेंगे. एलारा कैपिटल के करण तौरानी ने बोला है कि आर्थिक दृष्टिकोण से सिनेमाघरों पर इस फैसले से कोई असर नहीं पड़ेगा, मुकदमेबाजी के नजरिए से देखेंगे तो यह बड़ी राहत है.
बता दें कि मंगलवार को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों, कसीनो और घुड़दौर पर सट्टा लगाई जाने वाली कुल राशि पर 28 फीसदी की दर से टैक्स लगाने का फैसला किया है.
इसके अलावा कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली डिनुटूक्सिमैब और दुर्लभ बीमारियों में उपयोग में लाई जाने वाली दवाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है.