लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में योगी सरकार एक बड़ी पहल की है. इस पहल के तहत प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में ’डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक’ खोले जा रहे हैं अन्य 19 जनपदों की तरह रायबरेली के बछरावां विकास खंड ग्राम पंचायत सुंदौली में आज परियोजना के नए केंद्र की शुरुआत कंपनी के सीईओ संजय कुमार ने की।
बछरा़वा विकास खंड ग्राम सुधौली में डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक का सीईओ संजय कुमार ने किया शुभारंभ
डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक’ एक तरह से प्राइमरी हेल्थ सेंटर है, जहां न केवल ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शहर के बड़े डॉक्टर से परामर्श मिलेगा, बल्कि हेल्थ केयर असिस्टेंस के साथ ही लैबोरेटरी की भी सुविधा मिलेगी. आपको बता दें कि निजी निवेश के माध्यम से योगी सरकार यह पहल कर रही है.
इसका उद्देश्य गांवों और सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारना है, ताकि रियायती दरों पर लोगों को गंभीर से गंभीर बीमारियों में चिकित्सीय परामर्श के साथ ही दवाइयां और पैथोलॉजी टेस्ट की सुविधा मिल सके.।
बता दें कि ओबदु ग्रुप इस पूरे प्रोजेक्ट को धरातल पर उतार रही है. ग्रुप के फाउंडर और सीईओ संजय कुमार ने बताया, डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को काफी फायदा हो रहा है और इस परियोजना को ग्रामीण और सुदूर क्षेत्र की सभी श्रेणी के लोग स्वीकार कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मात्र 30 से 40 रूपये में खून की जांच और 5 मिनट में इसका रिजल्ट आना ग्रामीण क्षेत्र वासियों के लिए एक बहुत बड़ा बदलाव है। जिसकी वजह से ग्रामीणों का समय बर्बाद होने से तो बचता ही है बल्कि उनको ज्यादा आर्थिक हानि भी नहीं होती है।
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डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक में मिलने वाली सुविधाओं में डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक में इलाज के दौरान सभी प्रकार की दवाइयां क्लिनिक के अंदर ही मरीज को बहुत कम रेट पर उपलब्ध कराई जाएंगी
जबकि डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक पर डॉक्टरों द्वारा परामर्श देने पर ब्लड टेस्ट मात्र 3 से 5 मिनट में कर लिया जाएगा, जिसकी कीमत मात्र 30 से 40 रुपए होगी. इसमें सभी प्रकार के फीवर प्रोफाइल टेस्ट शामिल होंगे. जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, पीलिया, शुगर आदि होगी।
सेंटर पर ऐसे मिलेगा डॉक्टर्स का परामर्श
प्रत्येक डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक में एक हेल्थ केयर असिस्टेंट होगा, जो सेंटर पर आने वाले मरीज के मोबाइल से डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक पर लॉग-इन करेगा. इसके बाद मरीज की बीमारी के मुताबिक उसे बेस्ट एमबीबीएस डॉक्टर से ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंस पर जोड़ दिया जाएगा.
डॉक्टरों के परामर्श के अनुसार जरूरी टेस्ट भी 3 से 5 मिनट में करके डॉक्टर्स को एआई की मदद से पहुंचा दिया जाएगा. इससे डॉक्टर मरीज की बीमारी का सही आकलन कर जरूरी दवाइयां सुझा सकेंगे.