लखनऊ। आईपीएल के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ एक बार फिर क्रिकेट के रंग में रंगने वाली हैं। हालांकि इस बार आपको वो सितारे राजधानी में देखने को मिलेंगे जो दिव्यांग होंगे लेकिन उनका जोश विराट और रोहित से कम नहीं होगा।
मौका होगा नवाबों के शहर में पहली बार होने वाली दिव्यांग क्रिकेट वर्ल्ड कप, जिसकी मेजबानी लखनऊ को मिली है जिसके मुकाबले इस साल नवंबर माह में खेले जाएंगे। इस टूर्नामेंट को लेकर दिव्यांग खिलाड़ियों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है।
विश्व कप के आयोजन की घोषणा गुरुवार को दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया (डीसीसीबीआई) और एयूएम स्पोर्टेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में की।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दूरदर्शी औशिम खेत्रपाल (एयूएम स्पोर्टेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और साईं बाबा के नाम से मशहूर अभिनेता) और डीसीसीबीआई के संस्थापक और महासचिव हारून रशीद ने बताया कि टूर्नामेंट में मेजबान भारत सहित चुनिंदा आठ टीमें दो पूलों में प्रतिस्पर्धा करेंगी
जिनके मध्य फाइनल सहित कुल 15 मैच होंगे जो लखनऊ वासियों के लिए किसी बोनांजा से कम नहीं होगा और निश्चित रूप से दुनिया भर के दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगा।
प्रथम दिव्यांग क्रिकेट वर्ल्ड कप में भाग लेने के लिए श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और केन्या सहित कुल 17 टीमों ने रूचि दिखाई है और हम 8 टीमों को इंट्री देंगे।
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संस्थापक और महासचिव हारून रशीद ने बताया कि भारतीय दिव्यांग टीम ने हाल ही में प्रतिष्ठित एशिया कप जीतकर अपना लोहा मनवाया है। इसके साथ ही अब तक खेले गए 124 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में से भारतीय टीम ने 100 मैच जीते हैं।
हारुन रशीद ने बताया कि डीसीसीबीआई की स्थापना 2008 में की गई थी और इसके बाद से संस्था ने दिव्यांग क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए अटूट समर्पण का प्रदर्शन किया है।
वहीं दूरदर्शी औशिम खेत्रपाल के मार्गदर्शन में इस संयुक्त आयोजन का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर क्रिकेट और समावेशिता की भावना को प्रदर्शित करना है। आज इस ऐतिहासिक आयोजन की घोषणा के अवसर पर डीसीसीबीआई के चेयरमैन इक्रांत शर्मा, उपाध्यक्ष फैसल अल्वी, सीईओ ग़ज़ल खान और मीडिया प्रमुख प्रदीप माथुर व अन्य मौजूद थे।