वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप की विजेता ट्राफी का लखनऊ में स्वागत, क्रिकेट प्रेमियों के लिए दो दिन मौका

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लखनऊ। 2011 में जब भारत ने अपनी मेजबानी में आयोजित वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप का खिताब जीता था तो उस समय लखनऊ सहित पूरा देश खुशी से झूम उठा था।

अब देश फिर एक बार वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा है तो उससे पहले नवाबों के शहर के लोग व खेल प्रेमी इस कप के विजेता को दी जाने वाली ट्राफी को न केवल देख सकते है बल्कि सके साथ सेल्फी भी खिंचवा सकते हैं। वहीं लखनऊ के आस-पास रहने वालों के लिए भी ये सुनहरा मौका है।

पांच मुकाबलों की मेजबानी कर रहे इकाना स्टेडियम में हुआ अनावरण

दरअसल वर्ल्ड कप की ट्राफी इंडिया टूर के क्रम में शुक्रवार को लखनऊ पहुंची, जहां इसका अनावरण इकाना स्टेडियम में किया गया। वहीं लखनऊ पहली बार वर्ल्ड कप के पांच मुकाबलों की मेजबानी कर रहा है जिसमे से भारत व इंग्लैंड के बीच मैच भी यहीं खेला जाएगा।

इससे पहले ये ट्राफी पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के शहर कोलकाता में थी। दरअसल देश के नौ शहरों में वनडे वर्ल्ड कप के मुकाबले खेले जाने हैं। इन सभी जगहों पर ट्रॉफी के प्रदर्शन के लिए ले जाया जा रहा है।

शनिवार और रविवार को क्रिकेट प्रेमी कर सकेंगे ट्राफी का दीदार

यह ट्राफी लखनऊ में तीन दिन रहेगी। अब क्रिकेट प्रेमी और आम लोग इस ट्राफी को दीदार 22 और 23 जुलाई को लुलु मॉल में देख सकेंगे और दूर से उसकी फोटो और सेल्फी भी ले सकते हैं। यह ट्रॉफी मॉल के फर्स्ट फ्लोर पर सुबह 10 बजे से रात 10:30 बजे तक प्रदर्शन के लिए रखी जाएगी। सोमवार को यह अगले सफर के लिए रवाना होगी।

पांच मैचों की मेजबानी के लिए लखनऊ सहित पूरा यूपी तैयार

अक्तूबर में भारत में शुरू होने वाले वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप के विजेता को दी जाने वाली चमचमाती ट्रॉफी शुक्रवार सुबह लखनऊ पहुंची और पांच मैचों की मेजबानी का गौरव हासिल करने वाले इकाना इंटरनेशनल स्टेडियम पहुंची।

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यहां ट्राफी का अनावरण उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव अरविंद कुमार श्रीवास्तव, निदेशक युद्धवीर सिंह, सीइओ अंकित चटर्जी, इकाना स्पोर्ट्स सिटी के प्रबंध निदेशक उदय सिन्हा व रणजी क्रिकेटर सौरभ कुमार ने किया।

यूपीसीए के निदेशक युद्धवीर सिंह के अनुसार पांच मैचों की मेजबानी के लिए लखनऊ सहित पूरा यूपी तैयार है। हम तैयारियों को जल्द ही अमली जामा पहनाएंगे। वहीं अगले कुछ दिनों में ही वर्ल्ड कप के टिकटों की ऑनलाइन बिक्री की शुरुआत होगी।

युद्धवीर सिंह ने इस अवसर पर ये भी कहा कि इकाना स्टेडियम की सुविधाओं से आईसीसी पूरी तरह से संतुष्ट है जिसके चलते लखनऊ को पांच मैचों की मेजबानी मिली है।

कानपुर को मिलेगा टेस्ट मैच की मेजबानी का मौका

युद्धवीर सिंह ने ये भी कहा कि अगर यूपीसीए को टेस्ट मैचों की मेजबानी मिली तो इसका आयोजन कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ये गौरव का पल है कि हम वर्ल्ड कप के पांच मैचों की मेजबानी कर रहे हैं। इसका श्रेय बीसीसीआई के सचिव जय शाह, उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, उत्तर प्रदेश सरकार और इकाना प्रबंधन का संयुक्त प्रयास को जाता है।

13 साल बाद लखनऊ में फिर आई वर्ल्ड कप ट्राफी

वर्ल्ड कप की ट्राफी 13 साल बाद लखनऊ लाई गई है। यह दूसरी बार वर्ल्ड कप की ट्रॉफी लखनऊ में प्रदर्शन के लिए लाई गई। इससे पहले 14 अक्टूबर 2010 को विश्वकप ट्रॉफी को लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में लाया गया था। उस वक्त के तत्कालीन मेयर दिनेश शर्मा ने ट्रॉफी का स्वागत किया था।

उस दौरान वर्ल्ड कप-1983 विजेता टीम के सदस्य मदनलाल भी लखनऊ आए थे। उस समय ट्रॉफी को देखने के लिए बाबू स्टेडियम पर क्रिकेट प्रेमियों की भीड़ पहुंच गई।

बाबू स्टेडियम में शुभकामनाएं संदेश देने के लिए एक बैनर भी लगाया गया था। क्रिकेट प्रेमियों ने इस बैनर पर शुभकामना संदेश लिखने के साथ ही अपनी भावनाएं भी व्यक्त की थी।

सोने चांदी से बनी ट्राफी, पांचवी बार बनी ट्राफी को मिला स्थायी रुप

वर्तमान में वर्ल्ड कप विजेता को दी जाने वाली ट्रॉफी पॉल मार्समैन ने डिजायन किया था। इसका निर्माण गैरार्ड एण्ड कंपनी ने लन्दन में किया। इस ट्रॉफी का वजन करीब 11 किलोग्राम है।

इसमें सोने और चांदी से बना एक ग्लोब है। यह ग्लोब चांदी के तीन कॉलम पर टिका है। ये कॉलम स्टम्प जैसे हैं। साठ सेंटीमीटर ऊंची इस ट्रॉफी के आधार पर पिछले विजेताओं के नाम लिखे हुए होते हैं।

विश्वकप क्रिकेट के विजेता को दी जाने वाली ट्रॉफी का डिजाइन और नाम कई बार बदला पर 1999 विश्वकप से ट्रॉफी को स्थायी रुप दिया गया। वर्तमान में दी जाने वाली ट्रॉफी का डिजायन 1999 में ही तैयार किया गया था।
1975, 79 और 83 में हुए विश्वकप में विजेता को दी जाने वाली ट्रॉफी का नाम प्रूडेंशियल कप था।

साल 83 में भारत ने यही ट्रॉफी जीती थी। इसके बाद 1987 में ट्रॉफी का डिजायन फिर बदला। इसको नाम दिया गया था ‘रिलायंस कप’। साल 1992 में ट्रॉफी ‘बेंसन एण्ड हेजेज कप’ था तो 1996 में इसे ‘विल्स वर्ल्ड कप कप’ नाम दिया गया। ।

इसके बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल ने ट्रॉफी के साथ किसी का नाम जोड़ने का फैसला किया। इसके बाद उसने ट्रॉफी का नया डिजायन तैयार किया और नाम रखा ‘आईसीसी वर्ल्ड कप’। तब से ही ट्रॉफी विश्व कप विजेता को प्रदान की जाती है।

भारत ने 2011 में तोड़ा था मेजबानो के विजेता न बनने का मिथक

इस बार वनडे वर्ल्डकप की मेजबानी भारत कर रहा है जिसके मैच लखनऊ सहित देश के नौ शहरों में खेले जाएंगे। इसमें लखनऊ का इकाना स्टेडियम टीम इंडिया व इंग्लैंड के बीच मुकाबलों सहित पांच मैचों की मेजबानी करेगा।

इससे पहले टीम इंडिया ने वर्ष 2011 में विश्न कप की ट्राफी जीती थी जबकि विश्व कप 2015 और 2019 में टीम सेमीफाइनल में हार गयी थी। वहीं इस बार भारत को जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। दरअसल अपने देश में आयोजन करा वर्ल्डकप जीतने वाला भारत पहला देश बना था।

इसकी शुरुआत साल 2011 में भारत से हुई थी। उससे पहले कभी भी आयोजक देश विश्वकप नहीं जीत पाया था। उसके बाद से लगातार मेजबान देश ही वर्ल्डकप जीत रहे है। यानि 2015 में ऑस्ट्रेलिया और 2019 में इंग्लैंड चैंपियन बने थे।

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