पीरामल फाउंडेशन ने अपनी स्थापना के 15 साल पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पीरामल फाउंडेशन की डूइंग गुड और डूइंग वेल की सेवा भावना की ताऱीफ की है।
पीएम ने चिट्ठी लिख की तारीफ
पीरामल फाउंडेशन को दिए अपने संदेश में पीएम ने देश के अमृत काल में सबका प्रयास के विचार से जुड़े काम की तारीफ की है। सबका साथ सबका विकास के साथ सबका प्रयास की भावना को ही न्यू इंडिया का लक्ष्य बताते हुए पीएम ने फाउंडेशन को अपने लक्ष्यों के लिए जुट जाने और नए लक्ष्य गढ़ने का संदेश दिया है।
12 करोड़ जिंदगियों को संवारा
पीरामल फाउंडेशन ने पिछले 15 वर्षों में शिक्षा, सेहत, पानी और समाज में अपने कामकाज से गहरा प्रभाव ड़ाला है। इसके साथ ही फाउंडेशन हर सेक्टर में इनोवेशन को भी आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। अब तक सेहत, पानी, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में 12 करोड़ जिंदगियों डाला सकारात्मक प्रभाव। फाउंडेशन ने अब 6 बिग बेट्स पर काम करने का संकल्प लिया है।
न्यू इंडिया के लिए 6 बिग बेट्स
पीरामल फाउंडेशन अब 6 सेक्टर में काम कर हा है। इसे फाउंडेशन ने 6 बिग बेट्स का नाम दिया है। इन बेट्स यानी लक्ष्यों के लिए फाउंडेशन स्थानीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझेदारियां भी कर रहा है।
आइए जानते हैं क्या हैं ये बिग बेट्स
1. अनामया, जनजातीय स्वास्थ्य सहयोग (अनामया, द ट्राइबल हेल्थ कोलैबोरेटिव) का उद्देश्य समुदायों और सार्वजनिक वितरण प्रणालियों को समान रूप से मजबूत करके 100 मिलियन से अधिक जनजातीय लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इससे जनजातीय समुदायों में होने वाली मृत्यु को कम किया जा सकता है।
इस काम को अंजाम देने के लिए केंद्र सरकार के जनजातीय मंत्रालय, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, यूएसएआईडी, के साथ बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च और एकजुट फाउंडेशन से पीरामल फाउंडेशन ने सक्रिय साझेदारी की है।
2. आकांक्षी जिला सहयोग (एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स कोलैबोरेटिव) इस कार्यक्रम का उद्देश्य 2030 तक 112 एस्पिरेशनल जिलों में घोर गरीबी में रहने वाले 100 मिलियन लोगों के जीवन का उत्थान करना है।
इसके लिए हाइपरलोकल कोलैबोरेशन और लास्ट माइल कन्वर्जेंस की रणनीति का सहारा लिया जा रहा है। इसमें प्रमुख भागीदार नीति आयोग, 112 आकांक्षी जिलों के जिला प्रशासन, एडलगिव फाउंडेशन, टाटा कम्युनिकेशंस लिमिटेड और डेलॉइट शामिल हैं।
3. डिजिटल भारत कोलैबोरेटिव का उद्देश्य डिजिटल पब्लिक हेल्थ डिलीवरी प्लेटफॉर्म को मजबूत बनाकर स्वास्थ्य प्रणाली को बदलना है। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, 5 राज्य सरकारें, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, रॉकफेलर फाउंडेशन, सिस्को, जेनपैक्ट, विप्रो प्रमुख भागीदार हैं।
4. पीरामल यूनिवर्सिटी ये यूनीवर्सिटी युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करती है। ऐसे युवा जिनके मन में ‘सेवा-भाव’ हो और जिनका लक्ष्य नवाचार करना। इससे युवाओं में सीखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता है। सिस्टम को जहां भी सशक्त करने की जरुरत है ऐसे युवाओं का निर्माण करने में यूनीवर्सिटी काम कर रही है।
इस काम में 7 राज्य सरकारों, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, एमोरी यूनिवर्सिटी, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, यूनिसेफ, गूगल, जेनपैक्ट, पोर्टिकस, सोफिना और चिल्ड्रन्स इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन के साथ रणनीतिक साझेदारी है।
5. पीरामल एकेडमी ऑफ सेवा युवाओं की शक्ति को उपयोग में लाती है। एकेडमी राष्ट्र निर्माण में लगे भविष्य के नेतृत्वकर्ताओं को पूर्णकालिक इमर्सिव, अनुभवात्मक फेलोशिप के माध्यम से मूल में आत्म-परिवर्तन में सक्षम बनाती है। देश भर के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों, एडेलगिव फाउंडेशन, चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ साझेदारी की गई है।
6. पीरामल सेंटर फॉर चिल्ड्रेन विद स्पेशल नीड्स अत्याधुनिक डिजाइन और सुविधाओं, विश्व स्तर के पाठ्यक्रम, विशेष अनुप्रयोगों, तेजी से सीखने में सहायक उपकरणों, दिव्यांग व्यक्तियों के रोजगार हेतु कौशल निर्माण के साथ उत्कृष्टता के प्रकाशस्तंभ का निर्माण करके व्यापक संरचनात्मक अंतराल और विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए पर्याप्त, गुणवत्ता देखभाल के अभाव को पूरा करता है।
सेवा, सशक्त भारत और समावेशी भारत है ग्रुप का विजन
अपने स्थापना दिवस पर पीरामल पीरामल ग्रुप के चेयरमैन, श्री अजय पीरामल ने फाउंडेशन की टीम को बधाई थी। सेवाभाव से प्रेरित अपनी यात्रा पर संतोष जताया और उसे जारी रखने का संकल्प किया।
उन्होंने कहा, “भारत का वास्तविक परिवर्तन तब होगा जब हम लाखों भारतीयों तक पहुंचने और उन्हें भारत की विकास यात्रा के हिस्से के रूप में शामिल करने में सक्षम होंगे।
ये भी पढ़े : इमामी का मसालों का नया ब्रांड ‘मंत्रा’, पीसने में क्रायोजनिक तकनीक का इस्तेमाल
हम ‘किसी को पीछे नहीं छोड़ना’ के अपने लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमें विश्वास है कि यह सरकार, नागरिक समाज और एनजीओ भागीदारों के बीच अधिक सहयोग के माध्यम से हासिल किया जा सकेगा। हम डूइंग वेल और डूइंग गुड में विश्वास करते हैं, जिसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि हमारी सफलता आंतरिक रूप से समाज से भी अच्छी तरह से जुड़ी हुई है। ”
क्या है पीरामल फाउंडेशन
पीरामल फाउंडेशन एक कंपनी है, जो स्वास्थ्य, शिक्षा, जल और सामाजिक क्षेत्र के इकोसिस्टम को बदलने के लिए साझेदारी, समाधान और नए विचारों का प्रयोग करती है। संयु्क्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के हिसाब से, यह केंद्र सरकार और राज्य सरकारों, अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संगठनों और शिक्षाविदों के साथ साझेदारी करता है।
“डूइंग वेल एंड डूइंग गुड” के मूल्यों पर काम कर रहा फाउंडेशन देश के सबसे गरीब तबके पर फोकस करता है। प्रभावशाली पहलों के जरिए वो सरकारों की क्षमता को सशक्त करने और राष्ट्र निर्माण में जुटा है।