पारंपरिक औषधि पद्धति व आयुर्वेद के प्रति बढ़ा लोगों का रुझान : डॉ. प्रबोध त्रिवेदी

0
547

लखनऊ। सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ एवं राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारत (नासी) लखनऊ क्षेत्र द्वारा सयुंक्त रूप से छात्र-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विज्ञान में करियर के लिए युवा छात्रों को प्रोत्साहित करना था। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. प्रबोध त्रिवेदी (निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ) थे। विशिष्ट अतिथि पद्मश्री प्रो. प्रमोद टंडन, (चेयरमैन, राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारत (नासी) लखनऊ क्षेत्र एवं पूर्व सीईओ, बायोटेक पार्क) थे।

एनबीआरआई एवं राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी द्वारा छात्र-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम आयोजित

मुख्य अतिथि डॉ. प्रबोध त्रिवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज हमारी पारंपरिक औषधि पद्धति आयुर्वेद के प्रति देश-विदेश में लोगों का रुझान बढ़ा है। इस क्षेत्र में बहुत काम किया जा सकता है |कोरोना महामारी के समय इसकी महत्ता का उदाहरण देखने को मिला।

आज भारत मेंथा और लेमन ग्रास का निर्यात कर रहा है जबकि एक समय इनका आयात होता था अतः आवश्यक है कि बच्चे अपने आस पास के पौधों के बारे में जागरूक बने। उन्होंने उम्मीद जताई कि आज के कार्यक्रम से यह संभव होगा।

विशिष्ट अतिथि प्रो. टंडन ने कहा कि विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र आज बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है जिसे हम अपने जीवन में महसूस कर सकते हैं। इस कारण हमारे मन में बहुत सी जिज्ञासाए उत्पन्न होती हैं। लेकिन अज्ञान वश कभी कभी जिज्ञासा शांत करने के चक्कर में हमसे गलतियां हो जाती हैं।

ये भी पढ़े : एनबीआरआई महिलाओं को निर्जलित पुष्प शिल्प कला की देगा ट्रेनिंग

अतः विद्यार्थियो के लिए जरुरी है कि सोच समझ कर एवं पढ़कर जिज्ञासा को वैज्ञानिक रूप से हल करें। उन्होंने उम्मीद जताई कि कार्यक्रम से बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टि कोण विकसित होगा और बच्चे विज्ञान के क्षेत्र में आगे जाने को प्रेरित होंगे।

सीएसआईआर-एनबीआरआई में सीएसआईआर-जिज्ञासा कार्यक्रम के समन्वयक डॉ विवेक श्रीवास्तव ने कहा कि वैज्ञानिक सामाजिक जिम्मेदारी के तहत सीएसआईआर द्वारावर्ष 2017 से छात्रों के बीच वैज्ञानिक जागरूकता विकसित करने के लिए जिज्ञासा कार्यक्रम शुरू किया गया था।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में लखनऊ के तीन केन्द्रीय विद्यालयों के 11वीं और 12वीं कक्षा के कुल 150 विद्यार्थियों ने भाग लिया।

इस छात्र-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं द्वारा बड़े उत्साह के साथ संस्थान के प्रसिद्द वनस्पति उद्यान, प्लांट हाउस, हर्बेरियम, प्रदर्शनी, टिशू कल्चर लैब, ट्रांसजेनिक प्रयोगशाला, पर्यावरण प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला, इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप सुविधा आदि सहितविभिन्न प्रयोगशालाओं और सुविधाओं का भ्रमण किया गया।

भ्रमण के दौरान, विशेषज्ञ वैज्ञानिकों द्वारा छात्रों की जिज्ञासाओं को शांत किया गया। इससे पूर्व गणमान्य अतिथियों और छात्रों का स्वागत करते हुए संस्थान के निदेशक एवं अकादमी के फेलो प्रो. एस के बारिक ने बताया कि यह कार्यक्रम छात्रों में जागरूकता पैदा करने और विज्ञान को एक कैरियर के रूप में अपनाने में मदद करेगा।

समापन सत्र में सीएसआईआर-एनबीआरआई के निदेशक प्रो. एसके बारिक ने छात्रों को प्रमाण पत्र वितरित किए एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मनीष भोयर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here