ऑपरेशन सिंदूर के बाद की परिस्थितियों पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से आज पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मुलाकात की। उनके बाद केंद्रीय गृह सचिव ने पीएम से मिलकर हालात की जानकारी दी।
इसके बाद पीएम ने सभी प्रमुख विभागों के सचिवों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की है। माना जा रहा है कि इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित हाल के घटनाक्रमों और राष्ट्रीय तैयारियों के मद्देनजर विभिन्न मंत्रालयों के बीच कॉर्डिनेशन की समीक्षा की गई।
इस उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न विभागों और सरकारी एजेंसियों के बीच बेरोक-टोक समन्वय और कार्यकलाप निरंतरता की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सभी विभागीय सचिव अपने-अपने विभागों की कार्यप्रणाली और प्रोटोकॉल पर विशेष ध्यान दें।
प्रधानमंत्री ने सचिवों को तत्परता, आपातकालीन प्रतिक्रिया और आंतरिक संचार प्रोटोकॉल पर विशेष ध्यान देने को कहा। इस बैठक में सचिवों ने मौजूदा स्थिति में संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के साथ-साथ अपने-अपने विभागों की योजनाओं का विवरण दिया।
सभी मंत्रालयों के सचिवों ने तनाव और संघर्ष के इस दौर में मिलकर काम करने और कॉडिनेशन की नई पहचान कर और उसके मुताबिक कार्य करने की प्रक्रियाओं को मजबूत करने पर बल दिया। सभी सचिवों ने कहा कि किसी भी तरह की विषम परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
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बैठक के दौरान अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की गई। इनमें अन्य बातों के अलावा नागरिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना, गलत सूचना और फर्जी खबरों से निपटने के प्रयास और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है। मंत्रालयों को राज्य प्राधिकरणों और जमीनी स्तर के संस्थानों के साथ घनिष्ठ समन्वय बनाए रखने की भी सलाह दी गई है।
बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, रक्षा, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण, बिजली, स्वास्थ्य और दूरसंचार सहित प्रमुख मंत्रालयों के सचिव शामिल हुए।
प्रधानमंत्री ने इस संवेदनशील दौर में लगातार सतर्कता, संस्थाओं के आपसी तालमेल और स्पष्ट आपसी संचार बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, परिचालन तैयारियों और नागरिक सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की।