लखनऊ : उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कानपुर में 47,600 करोड रुपए की 15 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण कर देश को समर्पित किया।
इसमें से 44, 634 करोड रुपए से अधिक लागत की आठ ऊर्जा परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए हार्दिक धन्यवाद दिया और कहा कि उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सहित भारत विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
पीएम ने 44,634 करोड़ से अधिक लागत की 8 परियोजनाओं का किया लोकार्पण एवं शिलान्यास
ऊर्जा मंत्री ने कहा प्रधानमंत्री ने जिन ऊर्जा परियोजनाओं का लोकार्पण किया, उससे उत्पादित तीन चौथाई हिस्से की बिजली उत्तर प्रदेश को मिलेगी।
इससे प्रदेश अपनी उर्जा जरूरतों को पूरा करने में तथा प्रदेशवासियों को और बेहतर विद्युत आपूर्ति करने में समर्थ होगा। अपनी उर्जा जरूरत को पूरा करने से प्रदेश तरक्की के रास्ते में आगे बढ़ेगा और यहां के निवासी समृद्ध और खुशहाल होंगे।
देश में विगत तीन वर्षों से उत्तर प्रदेश विद्युत की सर्वाधिक आपूर्ति का बनाया रिकॉर्ड
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने जिन विद्युत परियोजनाओं का लोकार्पण किया उसमें 8,300 करोड रुपए से अधिक लागत की 660 मेगावाट क्षमता की पनकी तापीय परियोजना, 14,628 करोड रुपए लागत की 2×660 मेगावाट क्षमता की जवाहर तापीय परियोजना,
6,502 करोड रुपए लागत की 2×660 मेगावाट क्षमता की ओबरा-सी परियोजना, 5,544 करोड रुपए लागत की 2×660 मेगावाट क्षमता की खुर्जा तापीय परियोजना, 9,338 करोड रुपए लागत की 660 मेगावाट क्षमता की घाटमपुर तापीय परियोजना की यूनिट-एक का लोकार्पण कर देश को समर्पित किया।
पूरे देश में यूपी तीन वर्षों से अधिकतम विद्युत आपूर्ति करने वाला राज्य बना
साथ ही 322 करोड रुपए से अधिक लागत की गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा में 132 केवी क्षमता के 02 विद्युत उपकेंद्रों का लोकार्पण किया तथा गौतमबुद्ध नगर में ही 220 केवी क्षमता के विद्युत उपकेंद्र का शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि यह विकास परियोजनाएं डबल इंजन सरकार के विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
प्रधानमंत्री ने पीएम सूर्य घर मुक्त बिजली योजना के तहत अंजना नाथ, कुसुम गुप्ता, राजेंद्र कुमार पाल को 1.08 लाख रुपए के सब्सिडी चेक वितरित किया तथा बिनगवां में 40 एमएलडी क्षमता के ट्रीटमेंट प्लांट का भी शिलान्यास किया गया।
महाराष्ट्र और गुजरात राज्य से सवा गुना ज़्यादा बिजली दे रहा उत्तर प्रदेश
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने पिछले तीन वर्षों से विद्युत की अधिकतम आपूर्ति में अपना स्वयं का रिकॉर्ड तोड़ा है और इतिहास बनाया है। इतना ही नहीं पूरे देश में यूपी तीन वर्षों से अधिकतम विद्युत आपूर्ति करने वाला राज्य बना है।
महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों से उत्तर प्रदेश सवा गुना ज़्यादा बिजली दे रहा है। यह सब विद्युत कर्मियों के अथक परिश्रम, प्रयासों और कार्यों के प्रति लगन का परिणाम रहा है।
उन्होंने सभी विद्युत कर्मियों को इसके लिए धन्यवाद दिया और इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए सभी को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी धन्यवाद दिया, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में प्रदेश की विद्युत व्यवस्था में आमूल-चूल सुधार हो सका।
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उन्होंने बताया कि भीषण गर्मी में उत्तर प्रदेश में 28 मई, 2025 को 28,508 मेगावाट की पीक डिमांड को सकुशल पूरा किया। इसके पहले 27 मई को 28,691 मेगावाट, 26 मई को 27,356 मेगावाट की डिमांड रही, जिसे सकुशल पूरा किया गया।
इसी दौरान महाराष्ट्र में 28 मई को 23,773 मेगावाट, 27 मई को 23, 608 मेगावाट, 26 मई को 23,137 मेगावाट की सर्वाधिक आपूर्ति की गई। वहीं गुजरात में 28 मई को 22,934 मेगावाट, 27 मई को 22307 मेगावाट, 26 मई को 23,791 मेगावाट की विद्युत् आपूर्ति रही।
राजस्थान में 28 मई को 17,220 मेगावाट, 27 मई को 16,668 मेगावाट, 26 मई को 16,046 मेगावाट तथा तमिलनाडु में 28 मई को 16,047 मेगावाट, 27 मई को 16,290 मेगावाट, 26 मई को 15,382 मेगावाट की विद्युत आपूर्ति की गई।
उत्तर प्रदेश पिछले तीन वर्षों से देश में सर्वाधिक बिजली की आपूर्ति करने का रिकार्ड बना रहा है। इसके पहले देश में महाराष्ट्र और गुजरात में विद्युत की सर्वाधिक आपूर्ति होती रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 3.60 करोड़ से अधिक विद्युत् उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति के लिए पूरी गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं।
ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए विद्युत् विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि यह स्थिति पिछले तीन वर्षों में ही बनी है। उत्तर प्रदेश और दूसरे अन्य बड़े विद्युत आपूर्तिकर्ता राज्य महाराष्ट्र एवं गुजरात के बीच लगभग 05 हजार मेगावाट का है।
ऊर्जा मंत्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश में पहले विद्युत् का बुनियादी ढांचा कमजोर होने के कारण उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाती थी।
विगत तीन वर्षों से ऊर्जा विभाग विद्युत् वितरण और ट्रांसमिशन नेटवर्क को सुदृढ़ करने के साथ-साथ बिजली संयंत्रों को उच्च पीएलएफ पर चलाने और नए बिजलीघरों को ऊर्जीकृत करने पर ध्यान केंद्रित किया। इसी का परिणाम रहा कि उत्तर प्रदेश बिजली आपूर्ति के मामले में पूरे देश में नम्बर एक पर है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ट्रांसफार्मर, विद्युत पोल और लाइन सहित वितरण नेटवर्क को मजबूत करने का कार्य किया गया, जिसके परिणाम सामने हैं।
ट्रांसफार्मरों का जलना, लो वोल्टेज, बार-बार शटडाउन लेना और नियमित ट्रिपिंग की समस्या ऐतिहासिक रूप से कम हुई है। अभी भी विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए कार्य किया जा रहा है, इससे बेहतर आपूर्ति और गुणवत्तापूर्ण विद्युत उपलब्ध कराने में सफलता मिलेगी।