अशिक्षित और अल्प शिक्षित व्यक्ति आसानी से अपराध की दुनिया में भटक सकता है. ऐसे में जेलों में निरुद्ध होने के बाद भी बंदियों को शिक्षा की ओर प्रेरित किया जाता है. प्रदेश की प्रायः सभी जेलों में नियमित शिक्षक हैं.
इसके अतिरिक्त शिक्षा जगत से जुड़े हुए अथवा वे लोग जो उच्च शिक्षित हैं और किसी कारण से जेलों में निरुद्ध हो जाते हैं उन्हें भी बंदियों को शिक्षित करने का कार्य दायित्व सौंपा जाता है. इसके अच्छे परिणाम आने शुरू हो गए हैं.
इंटरमीडिएट में 70.3 फीसदी बंदी हुए पास
इसके चलते माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश प्रयागराज द्वारा घोषित हाई स्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा वर्ष 2023 के परिणाम अनुसार उत्तर प्रदेश की जेलों में निरुद्ध हाईस्कूल बोर्ड की परीक्षा में बैठने वाले बंदियों में से 95 फीसदी ने परीक्षा पास कर ली. वही इंटरमीडिएट में 70.3 फीसदी बंदी पास हुए हैं.
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रिपोर्ट के अनुसार हाईस्कूल में 82.4 प्रतिशत बंदियों ने प्रथम श्रेणी में पास किया है जबकि इंटरमीडिएट के 13.3 फीसदीबंदी प्रथम श्रेणी में पास हुए हैं. ये भी ध्यान देने योग्य है कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में सर्वाधिक नंबर पाने वाले दोनों बंदी केंद्रीय कारागार बरेली के हैं.
हाईस्कूल व इंटर परीक्षा में सर्वाधिक नंबर पाने वाले दोनों बंदी केंद्रीय कारागार बरेली के
पुलिस महानिदेशक महानिरीक्षक कारागार एसएन साबत ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड की परीक्षा में सफल सभी बंदियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं. वही जो बंदी किसी कारण से सफल नहीं हो सके हैं, उन्होंने उसे मेहनत से अगले वर्ष परीक्षा में बैठने की सलाह दी है.
बंदियों की शिक्षा से जुड़े हुए सभी जेल अधिकारी व शिक्षकों को भी उन्होंने धन्यवाद और बधाइयां देते हुए यह संदेश दिया है कि वे अगले वर्ष की बोर्ड परीक्षाओं में और भी अधिक बंदियों को हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में बैठने हेतु प्रेरित कर सके.
विशेष उपलब्धियां
- हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में सर्वाधिक नंबर पाने वाले दोनों बंदी केंद्रीय कारागार बरेली के हैं. सेंट्रल जेल बरेली के सिद्ध दोष बंदी ओमकार सिंह पुत्र वहाँ प्रताप सिंह निवासी सुजौलिया थाना कमला पुर जनपद सीतापुर धारा 302 IPC में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.
- हाईस्कूल की परीक्षा में 503 /600 अंक प्राप्त कर के प्रदेश की जेलों में टॉप किया है. जेल में रह कर अशिक्षित बंदियों को पढ़ाने के अलावा इग्नू की परीक्षा में बैठने वाले बंदियों को भी पढ़ाते हैं. वहीं सेंट्रल बरेली के ही छोटे लाल पुत्र चंदूलाल निवासी झखराबा ने इंटर की परीक्षा में 367/500 अंक पाकर प्रदेश की जेलों में टॉप किया है.
- यह बंदी 498 ए 304 B में दस वर्ष की सजा काट रहा है. जिला कारागार रामपुर में निरुद्ध महिला बंदी नईमा पुत्री मोहम्मद इस्लाम ने हाई स्कूल की परीक्षा में 436/600 अंक प्राप्त करके जेलों में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है.
- नईमा की यह उपलब्धि सिर्फ़ इसलिए अतिविशिष्ट नहीं है कि महिला होते हुए भी कारागार में निरुद्ध रखते हुए उसने यह उपलब्धि हासिल की है बल्कि इसलिए भी यह ख़ास है कि नईमा का परीक्षा केन्द्र केन्द्रीय कारागार बरेली में था जहाँ महिला बंदियों को रखे जाने की व्यवस्था नहीं है.
- वह जिला जेल रामपुर में निरुद्ध थी. शिक्षा के प्रति उसकी लगान और रुचि को देखते हुए कारागार मुख्यालय द्वारा उसे जिला जेल रामपुर से लाकर बरेली में रखने की विशेष व्यवस्था की गई, जहाँ रह कर उसने केंद्रीय कारागार बरेली में हाईस्कूल की परीक्षा दी.