लखनऊ। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी तथा शिया पीजी कालेज लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में पंजाबी भाषा में महिला साहित्यकारों के योगदान विषय पर गोष्ठी का आयोजन हुआ।
गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बालते हुये शिया पीजी कालेज लखनऊ के डाॅ.प्रदीप शर्मा ने कहा कि साहित्य केवल समाज का आईना नहीं है वरन वो समाज को दिशा देने का काम भी करता है।
पंजाबी साहित्य में मौखिक साहित्य से लेकर वर्तमान दौर तक का सफरनामा इस तथ्य को प्रमाणित करता है कि पंजाबी साहित्य की महिला साहित्यकारों ने सामाजिक वर्जनाओं, महिला उत्पीड़न, पितृसत्ता, दासता, भावनात्मक द्वंद पर अपने लेखन से गम्भीर चोट दी हैं।
गोष्ठी की शुरूआत श्री जफर मेंहदी द्वारा तिलावते कुरआन से हुयी। इसके बाद उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी द्वारा षिया पीजी कालेज के प्राचार्य प्रो.शबीहे रजाबाकरी, उत्तर प्रदेष पंजाबी अकादमी के अरविन्द कुमार मिश्रा, विद्यांत पीजी कालेज से प्रो.श्रवण कुमार गुप्ता, शिया पीजी कालेज से डाॅ.प्रदीप शर्मा, डाॅ0 सीमा राना, डाॅ.अमित कुमार राय को अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये डाॅ.सीमा राना ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास पर प्रकाश डाला तथा महिला बराबरी के लिये पंजाबी साहित्यकारों के योगदान का वर्णन किया। प्रो0 श्रवण गुप्ता ने अमृता प्रीतम की पिंजर, रसीदी टिकट आदि रचनाओं के हवाले से चेतना को विकसित करने में उनके योगदान को रेखांकित किया।
लखनऊ विष्वविद्यालय की हिन्दी विभाग की असिस्टेन्ट प्रोफेसर डाॅ0 अनुपम ने रूपेन्द्र कौर के साहित्य की विस्तृत समीक्षा श्रोताओं के समक्ष रखी जिसके आधार पर चेतना के विकास में पंजाबी महिला साहित्यकारों के योगदान को समझा जा सकता है।
डाॅ.अमित राय ने अपने सम्बोधन में कहा कि पंजाबी साहित्यकारों के साहित्य के योगदान को सामाजिक परिवर्तन के सापेक्ष समझते हुये प्रेरणा की आवष्यकता है। गोष्ठी की अध्यक्षता काॅलेज के प्राचार्य प्रो.शबीहे रजा बाकरी द्वारा की गयी।
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रो.बाकरी ने कहा कि भाषा हमारी अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम है और भारत एक बहुभाषीय और बहुसांस्कृतिक देश है इसलिये हमें इस तरीके की गोष्ठियों से बहुलतावाद को मजबूत करने में मदद मिलती है। उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी की ओर से श्री अरविन्द कुमार मिश्रा ने आये हुये सभी वक्ताओं, अतिथियों व श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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आयोजन में मुख्य रूप सेे शिया पीजी कालेज इतिहास विभाग की प्रो.फौजिया बानो, हिन्दी विभाग से डाॅ.आलोक यादव, डाॅ.मधुलिका चौधरी, डाॅ.बबिता वर्मा, उर्दू विभाग से डाॅ.सफिया,
अंग्रेजी विभाग से डाॅ.सायमा मेंहदी, एशियन कल्चर विभाग से डाॅ.मुनेन्द सिंह, शारीरिक शिक्षा विभाग से डाॅ.कुँवर जय सिंह, वाणिज्य विभाग से डाॅ.रजा शब्बीर, पत्रकारिता विभाग से राजकुमार सैनी, डाॅ.पंकज शुक्ला सहित भारी तादाद में छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।