लखनऊ। लोक निर्माण विभाग डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ द्वारा संवर्गीय 16 सूत्रीय समस्याओ को लेकर एक दो नही बल्कि तीस अनुस्मारक पत्र भेेजे, इसके बावजूद विभाग के आला अफसरों की नींद नही खुली।
अफसरों के इस रवैये से आहत और प्रमुख अभियंता, प्रमुख सचिव को आन्दोलन के नोटिस के क्रम में प्रदेश भर के अवर एवं सहायक अभियंताओं ने प्रदेश के समस्त जनपदीय मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। लखनऊ मुख्यालय पर जनपद अध्यक्ष इं. राजकरण पटेल की अध्यक्षता में सैकड़ों अभियंताओं ने प्रदर्शन किया।
तीस अनुस्मारक के बाद भी नहीं जागा प्रशासन, अभियंताओं ने कहा-, 17 से करेंगे कार्य बहिष्कार
धरना प्रदर्शन का संचालन जनपद सचिव इं. प्रवीण शुक्ला ने किया। धराना प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष इं. एन.डी. द्विवेदी ने कहा कि अब तक सभी जनपदों से आई सूचना के अनुसार जनपद मुख्यालयों पर शत प्रतिशत अभियंताओं की उपस्थिति के साथ धरना चल रहा है।
इसके बावजूद अगर प्रमुख अभियंता द्वारा सारगर्भित निर्णय और आदेश जारी नही किए गए तो 17 नवम्बर से कार्यबहिष्कार पर जाना हमारी मजबूरी होगा। उन्होंने कहा कि संवर्गीय समस्याओं के लम्बे अरसे से लम्बित होने के कारण डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लगातार पत्राचार का समस्याओं के निराकरण की मांग कर रहा है।
प्रमुख अभियंता की संवर्गीय समस्याओं के प्रति विभागीय उदासीनता के कारण अभियंताओं में व्यापक आक्रोष है। संघ द्वारा तीस अनुस्माकरक भेज कर समस्याओं के निवारण का अनुरोध किया जा चुका है।
डेढ़ माह से अधिक समय व्यतीत होने के पश्चात् भी प्रमुख अभियंता द्वारा 16 सूत्रीय मांगो पर कोई कार्यवाही न किये जाने से प्रदेश के समस्त सदस्य अवर अभियंता/सहायक अभियन्ता आक्रोषित हैं।
17 नवम्बर 2022 से प्रदेश के सभी सदस्य अवर अभियंता,सहायक अभियंता करेंगे कार्य बहिष्कार करेगें जिसके कारण गड्डा मुक्ति सहित अन्य विकास कार्य प्रभावित होंगे। धरने को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि प्रदेशभर के अवर अभियंता,सहायक अभियंता सरकार की विकास योजनाओं को ज़मीन पर अमलीजामा पहुॅचाने हेतु मेहनत करते है
परन्तु उनकी सेवा सम्बन्धी समस्याओं के निस्तारण में प्रमुख अभियंता संवेदनहीन हो जाते हैं, यह स्थिति उचित नही है। 30 सितम्बर तक पात्र कार्मिकों की प्रोन्नति करने का निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया था। परन्तु प्रमुख अभियंता की उदासीनता के कारण अभी तक पात्रता सूची आयोग को प्रेषित ही नही की गयी।
संवर्गीय समस्याओं के निराकरण हेतु संघर्ष ही एकमात्र विकल्प बचा है। विभागाध्यक्ष की हठधर्मिता एवं तानाशाही रवैये से संघ आन्दोलन हेतु विवश है। विभाग के आला अफसर छोटी छोटी समस्याओं को उलझाकर सरकार और अवर एवं सहायक अभियंताओं के बीच मनमुटाव कराना चाह रहे है। संवर्ग के कई रूटीन कार्य विभाग में नही हो पा रहे हैे।
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विभाग की कार्यशैली डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ को बड़े आन्दोलन हेतु विवश कर रही है। संघ के आन्दोलन से विकास कार्य प्रभावित होगा तो उसकी समस्त जिम्मेदारी विभाग की ही होगी।
धरने में वरिष्ठ उपाध्यक्ष इं. श्रवण कुमार,इं. एस.के. त्रिपाठी चेयरमैन संघर्ष समिति, इं. एच.एन. मिश्रा अतिरिक्त महामंत्री, राजर्षि त्रिपाठी मण्डल अध्यक्ष महासंघ, राजेश वर्मा क्षेत्रीय अध्यक्ष लोनिवि, विनोद गौतम क्षेत्रीय मंत्री , सुधरि गुप्ता जनपद सचिव महासंघ, कपूर गौतम महासचिव अभियंता कल्याण समिति, दिवाकर राय समन्वयक डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ आदि मौजूद रहें।