लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव पर सभी की निगाहें लगी है। दरअसल इस सीट पर समाजवादी पार्टी की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ रही है। इनके मुकाबले प्रत्याशी तय करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने रघुराज सिंह शाक्य के नाम पर मंगलवार को मुहर लगा दी है।
मैनपुरी लोकसभा सीट
दूसरी ओर बीजेपी ने अलग-अलग राज्यों की 5 विधानसभा सीटों परउपचुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए। इसमें छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर (आरक्षित) सीट से ब्रह्मानंद नेताम, राजस्थान के सरदारशहर सीट से अशोक कुमार पिंचा व बिहार के कुरहानी विधानसभा सीट के लिए केदार प्रसाद गुप्ता को टिकट दिया है।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश की खतौली सीट से श्रीमती राजकुमारी सैनी और रामपुर विधानसभा सीट से आकाश सक्सेना भाजपा प्रत्याशी होंगे। उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद रिक्त हुई थी।
अलग-अलग राज्यों की 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए भी उम्मीदवार घोषित
यहां चुनाव के लिए मुलायम सिंह यादव की बहू व अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया था। हालांकि सोमवार को डिंपल यादव के नामांकन के समय पूरा यादव परिवार एकजुट दिखा लेकिन अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव मैनपुरी नहीं आए।
इस पर पूछे गए पत्रकारों के सवाल पर तो प्रो. राम गोपाल ने बताया कि शिवपाल से पूछकर ही मैनपुरी सीट से उम्मीदवार का ऐलान किया गया था। बताते चले कि यादव और शाक्य बहुल मैनपुरी सीट पर यादवों का वोट लगभग 35 फीसदी है।
ये भी पढ़े : मैनपुरी लोकसभा सीट पर अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल होगी सपा की प्रत्याशी
यहां यादवों के बाद सबसे अधिक शाक्य वोटर हैं। इसके अलावा ठाकुरों और ब्राह्मणों की अच्छी तादाद के बाद दलित, लोधी वोटर भी अच्छे खासे है। हालांकि मैनपुरी में शाक्य वोटरों में हिस्सेदारी के लिएअखिलेश यादव ने यहां आलोक शाक्य को सपा जिलाध्यक्ष बनाया है।