राहुल गांधी का जवाब – संसद में रहूं या बाहर, लोगों के मुद्दे उठाते रहेंगे

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फोटो : साभार गूगल

नयी दिल्ली।  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को एक दिन पहले लोकसभा से अयोग्य घोषित करते हुए उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द करने पर बड़ा हंगामा मचा है.

इस फैसले के एक दिन बाद राहुल ने मीडिया के सामने आकर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि  उनके संसद की सदस्यता से अयोग्य किए जाने की कार्रवाई या उन्हें संसद में बोलने का मौका न दने का एक ही कारण है कि भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उद्यमी ‘अदानी जी’ के संबंधों पर उठ रहे सवाल से जनता का ध्यान हटाना चाहती है.

अपने बयान के लिए माफी मांगने या खेद जताने से किया स्पष्ट मना

उन्होंने इसके साथ ही अपने किसी बयान के लिए माफी मांगने या खेद जताने से स्पष्ट मना करते हुए कहा कि मेरा नाम सावरकर नहीं  गांधी है, गांधी किसी से माफी नहीं मांगता.

दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर विशेष रूप से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी ने ये भी कहा कि मैं संसद में रहूं या संसद के बाहर, मैं ये मुद्दा उठाता रहूंगा और इसका  पर्दाफाश करके ही रहूंगा.

राहुल गांधी ने गौतम अदानी के नेतृत्व वाले अदानी उद्योग समूह तथा कथित शेल कंपनियों में 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश की भी चर्चा की और कहा कि ये पैसा अदानी का हो नहीं सकता, क्योंकि उनके कारोबार में ऐसी  नकद कमाई नहीं होती.

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उन्होंने अदानी को ‘भ्रष्ट’ करार देते हुए पूछा कि ये पैसा जब भारत में ड्रोन और मिसाइल जैसे उद्योगों में लगता है, तो रक्षा मंत्रालय को चिंता क्यों नहीं होती कि इसमें किसका पैसा लगा हुआ है. कांग्रेस नेता ने इसके साथ ये भी इशारा किया कि अदानी के निवेशकों में  एक चीनी नागरिक भी’ है.

राहुल  गांधी ने कहा कि मैं नरेन्द्र मोदी पर सवाल नहीं कर रहा हूं, मैं अदानी पर सवाल कर रहा हूं। आप अदानी को इसलिए बचा रहे हो, क्योंकि आप ही अदानी हो. इस अवसर पर पार्टी के मुख्य प्रवक्ता जयराम रमेश, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी नेता एवं विधि विशेषज्ञ अभिषेक मनु सिंघवी भी थे.

उन्होंने सूरत की अदालत द्वारा 2019 के आपराधिक अवमानना के मामले में सजा सुनाये जाने को लेकर पूछे विभिन्न सवालों को ये कहकर टाल दिया कि कानूनी मुद्दों पर सवाल मेरी लीगल टीम से पूछ सकते हैं.

बताते चले कि सूरत जिला अदालत ने  गुरुवार को राहुल गांधी को उनकी कथित ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया था.

सूरत सेशंस कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनायी थी. सूरत के न्यायिक मजिस्ट्रेट एच. एच. वर्मा की अदालत ने उन्हें  भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के अंतर्गत दोषी ठहराया था. हालांकि  सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील के लिए उन्हें 30 दिन का समय मिला है.

वही इस फैसले के एक दिन दिन बाद शुक्रवार को संसद से उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गयी. इस बारे में लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार कार्रवाई जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत की गयी है.

राहुल  ऊपरी अदालत में दोषमुक्त नहीं किया जाता या उनको दोषी करार दिये जाने के फैसले पर रोक नहीं लगती, तो उनकी सदस्यता बहाल नहीं होगी और वह आठ साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य रहेंगे.

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