नई दिल्ली : देश के उन नायकों को पहचान देने वाले ‘विज़नरी इंडियन अवॉर्ड्स 2025’ समारोह में इस वर्ष एक ऐसा नाम सामने आया, जो वर्षों से चुपचाप ज़मीन पर समाज का चेहरा बदलने में जुटा है — हर्ष वर्धन अग्रवाल, प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट।
गोल्डेन स्पैरो संस्था द्वारा आकाशवाणी भावन, नई दिल्ली में आयोजित प्रतिष्ठित समारोह में हर्ष वर्धन अग्रवाल को ‘विज़नरी इंडियन अवॉर्ड्स 2025’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान हर्ष वर्धन अग्रवाल को उनके दूरदर्शी नेतृत्व, मानवीय दृष्टिकोण और निःस्वार्थ सेवा के लिए प्रदान किया गया — एक ऐसा योगदान जो शब्दों से नहीं, कर्मों से बोलता है।
कार्यक्रम की शोभा सुप्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री पूनम ढिल्लों ने मुख्य अतिथि के रूप में बढ़ाई। समारोह में पद्मश्री डॉ बी. के. जैन, मलय पिट, डॉ तिलक तंवर, ध्यानयोगी ओमदासजी महाराज, डॉ गुल्ला सूर्य प्रकाश, डॉ पुष्पेंद्र प्रताप सिंह, प्रोफेसर अब्दुल लतीफ, डॉ विद्युत शाह, डॉ सुरेश कुमार पांडे, डॉ हेमंत राय बिरादर, कोल. प्रोफेसर. नीलिमा गुप्ता, डॉ पशुमारथी विट्ठल, डॉ मिलिंद संपगांवकर, विश्व मोहन सिंह, प्रोफेसर अनिल मित्रा, राम मंजी सवानी, आर्यपुत्र डॉ सुधीर शर्मा, डॉ अनंता सिंह रघुवंशी, आर. जे. आरती मल्होत्रा तथा देशभर की जानी-मानी हस्तियाँ, बुद्धिजीवी, समाजसेवी और युवा प्रेरणाएँ उपस्थित रहीं, जिन्होंने इस पल को ऐतिहासिक बना दिया।
हर्ष वर्धन अग्रवाल, विगत दो दशकों से स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में निरंतर कार्यरत हैं। हर्ष वर्धन अग्रवाल ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से उन अनगिनत लोगों को आशा और सहारा दिया है, जिन्हें समाज ने अक्सर अनदेखा कर दिया।
मोबाइल हेल्थ वैन, स्लम क्षेत्र में शिक्षा, महिलाओं के लिए स्वावलंबन अभियान, दिव्यांगजनों के लिए सेवाएं, तथा सांस्कृतिक जागरूकता जैसे सैकड़ों प्रयासों से वे एक जनआंदोलन की तरह समाज में कार्य कर रहे हैं।
हर्ष वर्धन अग्रवाल की सोच सिर्फ सेवा तक सीमित नहीं है — वे परिवर्तन को संभावना नहीं, कर्तव्य मानते हैं। उनका यह सम्मान न केवल एक व्यक्ति की सराहना है, बल्कि यह उन लाखों बदलाव की कहानियों का प्रमाण है, जो एक सच्चे नेतृत्व से जन्म लेती हैं।
आज हर्ष वर्धन अग्रवाल एक प्रेरणा हैं — उन युवाओं के लिए जो बदलाव लाना चाहते हैं, उन संस्थाओं के लिए जो समाज को नया आकार देना चाहती हैं, और उन लोगों के लिए जो मानते हैं कि हीरो केवल पर्दे पर नहीं, ज़िंदगी के मैदान में भी होते हैं।