आरईसी अगले तीन साल तक भारतीय मुक्केबाजी को देगा ये खास सपोर्ट 

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नई दिल्ली: विद्युत मंत्रालय के तहत आने वाली अग्रणी महारत्न कंपनी- ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) ने अगले तीन वर्षों तक भारतीय मुक्केबाजी के विकास की गति को बढ़ावा देने के लिए भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के साथ हाथ मिलाया है।

इस करार के मुताबिक कंपनी भारत में मुक्केबाजी को विकसित करने के उद्देश्य से तीन साल की अवधि में अपनी सीएसआर पहल के हिस्से के रूप में 30 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप से पहले आयोजित होगा अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर

सपोर्ट एग्रीमेंट के एक हिस्से के रूप में बीएफआई आगामी 2023 आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप से पहले 3 से 12 मार्च तक नई दिल्ली में एक अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के लिए इस धन का उपयोग करेगा।

बीएफआई उपाध्यक्ष और मार्केटिंग प्रमुख देबोजो महर्षि ने कहा, “हम भारतीय मुक्केबाजी को विकसित करने और इस खेल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपने मिशन में एक प्रमुख स्टेकहोल्डर के रूप में आरईसी को पाकर खुश हैं।

राष्ट्र निर्माण के प्रति आरईसी की प्रतिबद्धता उनके मूल मूल्य में शामिल है और यह बीएफआई के दृष्टिकोण और भारत को विश्व स्तर पर एक मुक्केबाजी पावरहाउस के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य से अलग नहीं है। ”

इस साझेदारी के माध्यम से आरईसी सभी आयु वर्ग के राष्ट्रीय मुक्केबाजों के लिए अंतरराष्ट्रीय शिविर आयोजित करने में भी सहायता प्रदान करेगा और भारतीय मुक्केबाजी के भविष्य को आकार देने के लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षण अकादमियों और प्रशिक्षकों को सशक्त बनाकर जमीनी स्तर पर विकास में भी योगदान देगा।

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इस समझौते के तहत युवा मुक्केबाजों को नर्चर करके और राष्ट्रीय इवेंट्स के माध्यम से पहचाने जाने वाले सभी आयु वर्ग में शामिल प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को स्कालरशिप देकर ग्रासरूट स्तर पर उनका विकास करना भी शामिल है।

देबोजो महर्षि ने आगे कहा, “यह साझेदारी नई प्रतिभाओं की पहचान करने और खेल को देश के कोने-कोने तक ले जाने के हमारे प्रयासों को और अधिक गहराई तक ले जाएगी। हमारा उद्देश्य यह भी पता लगाना है कि क्या भारत अधिक अंतरराष्ट्रीय कैंम्प की मेजबानी कर सकता है

और विश्व चैंपियनशिप से पहले आने वाले कैंप की तरह विदेशी टीमों को आमंत्रित कर सकता है। इससे मुक्केबाजों को न केवल टूर्नामेंट से पहले माहौल को आत्मसात करने में मदद करेगा बल्कि पहले सभी महत्वपूर्ण एथलीटों के साथ खेलने का मौका भी प्रदान करेगा।”

भारतीय मुक्केबाजी ने पिछले कुछ वर्षों में तेज विकास देखा है। भारतीय खिलाड़ियों ने शीर्ष अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में 140 पदक जीते हैं। और तो और भारत हाल ही में जारी विश्व रैंकिंग में सभी मुक्केबाज़ी देशों में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।

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