मशहूर भक्ति गायक कन्हैयालाल मित्तल के भजनों ने दर्शकों को खूब लुभाया

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उत्तर प्रदेश के 74वें स्थापना दिवस के अवसर पर संस्कृति विभाग,  पर्यटन विभाग,  सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश एवं जिला प्रशासन द्वारा अवध शिल्पग्राम शहीद पथ लखनऊ में  भव्य कार्यक्रम 24 जनवरी से लेकर 26 जनवरी तक होगा. इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने किया.

हिंदी एवं संस्कृत के बड़े मशहूर कवियों ने अपनी कविताओं से जीता दर्शकों का दिल

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के सचिव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, उत्तर प्रदेश सरकार में MSME राकेश सचान,  मंत्री संस्कृति एवं पर्यटन जयवीर सिंह एवं अन्य गणमान्य अधिकारी गण आदि उपस्थित थे.

इस अवसर पर समारोह में उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश का पूरे विश्व में एक गौरवपूर्ण स्थान है।

यह प्रदेश राम-कृष्ण की जन्मस्थली होने के साथ गौतम बुद्ध और महावीर की भी स्थली हैं। राष्ट्र निर्माण में जितनी गौरवशाली भूमिका इस राज्य की रही है, उतनी ही गौरवपूर्ण भूमिका देश के सांस्कृतिक, सामाजिक एवं साहित्यिक विकास में भी रही है। यह वह राज्य है, जिसने आजादी की लड़ाई अगली पंक्ति में रहकर लड़ी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश का प्रत्येक जनपद अपने किसी न किसी विशेष उत्पाद एवं शिल्प कला के लिये जाना जाता है। यह उत्तर प्रदेश की एक बहुत बड़ी विशेषता यह है। प्रदेश के अनेक उत्पाद आज राष्ट्रीय ही नहीं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बना रहे हैं।

मैंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी गंगा-जमुनी सांस्कृतिक विरासत को सहेज कर रखा है।

कार्यक्रम के दौरान  संस्कृति विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के लोक नृत्य जिसमें की ढ़ेढ़िया, कर्मा, राई एवं मयूर नृत्य आदरणीय अतिथियों के एवं वहां आए हजारों दर्शकों के अवलोकनार्थ प्रस्तुत किए गए.  इस दौरान उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस पर आधारित गीत गायन भी किया गया।

24 जनवरी के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कथक नृत्य नाटिका आल्हा गायन राइजिंग मलंग द्वारा त्रिधारा कार्यक्रम मुख्य आकर्षण के केंद्र रहे।  इस दौरान उत्तर प्रदेश के विभिन्न प्रकार की बोलियों पर आधारित कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया।

जिसमें अवधी, ब्रज, बुंदेली, भोजपुरी खड़ी बोली हिंदी एवं संस्कृत के बड़े मशहूर कवियों ने अपनी कविताओं से दर्शकों का दिल जीत लिया। उत्तर प्रदेश दिवस की संध्या पर मशहूर भक्ति गायक कन्हैयालाल मित्तल के भजनों ने दर्शकों को खूब लुभाया।

25 जनवरी के मुख्य कार्यक्रमों में कथक नृत्य सुश्री देवी का देवेंद्र द्वारा लोकनृत्य सूश्री पर्णिका श्रीवास्तव द्वारा कबीर गायन साधु सेवा दास द्वारा एवं लोक गायन श्री दिनेश लाल निरहुआ द्वारा  सम्पन्न किया गया।

26 जनवरी के कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण का केंद्र मशहूर गायक श्री कैलाश खेर जी का रहेगा जो गणतंत्र दिवस की संध्या पर भजन एवं सूफी गायन की प्रस्तुति करेंगे।

इसके अलावा सुश्री सबीना सैफी देशभक्ति गायन,  राम लखन तिवारी द्वारा आल्हा गायन,  सुरुचि उपाध्याय द्वारा लोक गायन, अंशिका त्यागी द्वारा लोक नृत्य, अग्निहोत्री बंधु द्वारा भजन गायन, नेहा सिंह द्वारा कथक नृत्य नाटिका एवं शुरू संजौली पांडेय द्वारा अवधी लोक गायन की भी प्रस्तुति होनी है.

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इसके साथ ही 25 जनवरी के अवसर पर प्रदेश की लोक संस्कृति पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन के साथ ही पर्यटन दिवस के अवसर पर विभिन्न विभागों के सेमिनार भी आयोजित किए गए।बुन्देलखण्ड के किलों पर आधारित लघु फ़िल्म प्रदर्शित की गयी।

एग्रो व रूरल तथा इको टूरिज्म पर आधारित सेमिनार में इस ओर जन मानस का ध्यान आकर्षण कराया गया जिसमें विकास की वृहद् संभावनाएँ विद्यमान हैं।

इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री  जयवीर सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्कृति एवं पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश शीघ्र ही अव्वल प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। आज के कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति में भोजपुरी गायक एवं माननीय सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने अपने देश भक्ति गीत एवं लोक गायकी से दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया।

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