अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में फाइटोप्लाज्मा रोग प्रबंधन पर वैश्विक वैज्ञानिकों की चर्चा

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भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में अन्तर्राष्टीय फाइटो प्लाजमोलोजिस्ट कार्यकारी समूह की संगोष्ठी के “फाइटोप्लाज्मा से संबंधित रोगों के प्रति बहुविषयक दृष्टिकोण : पता लगाना और प्रबंधन” विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय फाइटोपैथोलीजिस्ट कार्यकारी समूह एवं भाकृअनुप- भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।

संगोष्ठी का उदघाटन डॉ. एस. सोलोमन, पूर्व कुलपति, चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर एवं पूर्व निदेशक, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि, डॉ. असुन्ता वर्टासिनी, अध्यक्ष, आई.पी. डब्लू. जी., इटली एवं पूर्व प्रोफेसर, वोलोगना विश्वविद्यालय, इटली, डॉ. आर. विश्वनाथन, निदेशक, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ: डॉ. गोविंद प्रताप राव, मुख्य कनवेनर; डॉ. दिनेश सिंह आयोजन सचिव एवं अध्यक्ष, फसल सुरक्षा विभाग, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने अपने विचार रखे।

संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए डॉ. एस. सोलोमन, पूर्व कुलपति चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर ने संगोष्ठी के महत्व एवं भारत एवं विश्व में फाइटोप्लाज्मा पर किए जा रहे अनुसंधान कार्य पर प्रकाश डाला और बताया कि अनुसंधान कार्य में लगे विभिन्न समूहों के बीच समन्वय स्थापित करने कि जरूरत है।

अर्न्तराष्ट्रीय संगोष्ठी में बोलते हुये फाइटोप्लाज्मा कार्यकारी समूह इटली की अध्यक्ष डॉ. असुन्ता वर्टासिनी ने समूह द्वारा विभिन्न देशों में किए जा रहे अनुसंधान कार्य एवं विभिन्न देशों के वैज्ञानिकों के बीच तीव्र और बेहतर संयोजन एवं एकीकृत प्रयास पर ज़ोर दिया।

डॉ. आर विश्वनाथन निदेशक, भाकृअनुप- भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने सभी आगंतुक वैज्ञानिक एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया एवं संगोष्ठी के महत्व पर प्रकाश डाला।

समारोह में डॉ. असुन्ता वर्टासिनी, अध्यक्ष, अर्न्तराष्ट्रीय फाइटोप्लाज्मा कार्यकारी समूह इटली को लाइफ एचिवमेंट एवार्ड से नवाजा गया। संगोष्ठी में इटली, फ्रांस, सर्बिया, चिली, रूस, ब्राज़ील, अमेरिका, थाईलैंड, ओमान, पेरु, जर्मनी, फिलीपींस, जापान आदि 16 देशों के लगभग 60 वैज्ञानिकों के साथ-साथ देश के विभिन्न प्रान्तों के अनुसंधान संस्थानों के लगभग 200 से अधिक प्रतिभागी भाग लिए।

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