भारत की पहचान खो-खो, कबड्डी, कुश्ती, मल्लखंब और कलारीपयट्टू से हो

0
43

प्रयागराज : महाकुंभ के सैक्टर 10 में क्रीड़ा भारती और टीवाईसी द्वारा आयोजित ‘खेल महाकुंभ’ के चौथे दिन रविवार के सत्र अतिथि के तौर पर उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी और हरियाणा की राई स्थित स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अशोक कुमार और इंडियन ओलंपिक एसोशिएसन की ज्वाइंट सैक्रेटरी डॉ अलकनंदा अशोक मौजूद रहीं.

साझा किये अपने अनुभव, मल्लखंब, कलारीपयट्टू ने जीता दर्शकों का दिल

इसके अलावा एंटार्टिका की सबसे ऊंची चोटी को -52 डिग्री में फतह करने वाले एवरेस्ट जाने वाले पर्वतारोही नरेंद्र यादव भी मौजूद रहे. अशोक कुमार नें सत्र के दौरान खेलों को लेकर किये गये अपने प्रयासों को युवा खिलाड़ियों के साथ साझा किया.

उन्होंनें कहा कि पुलिस हो या खेल दोनों में अनुशासन होना अनिवार्य है, अपने देश के पारंपरिक खेलों को हम सब को मिल कर बढ़ावा देना चाहिये.

कबड्डी को एशियन गेम्स से ओलंपिक में ले जाना है, खो-खो और योगा को नेशनल से पहले एशियन गेम्स और फिर ओलंपिक तक ले जाना है, मल्लखंब को भी बढ़ाना है. कम से कम 70 ओलंपिक मेडल लाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए.

भारतीय ओलंपिक संघ की संयुक्त सचिव डॉ अलकनंदा अशोक नें कहा कि 2036 ओलंपिक को भारत लाने की हमारी कोशिश जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद पारंपरिक खेलों को आगे बढ़ाना चाहते हैं.

हम सब मिल कर भारतीय खेलों को अंतर्राष्ट्रीय मंच तक ले जायेंगे. लड़कियों को भी खेलों में आगे आना चाहिए और बच्चों को खेलों के साथ संस्कार भी देना बहुत जरूरी है.

पर्वतारोही नरेंद्र यादव नें कहा कि हर खिलाड़ी की ज़िंदगी में खराब समय आता है, लेकिन धैर्य रखकर अपनी तैयारी जारी रखनी चाहिये, एक दिन जीत आपकी ही होगी. क्रीड़ा भारती संस्कार के साथ खेल को बढ़ावा दे रही है, ये पहल शानदार है. खिलाड़ियों को खेल के साथ धर्म को भी बढ़ाना चाहिए.

मल्लखंब के फाइनल में होनहारों नें दिखाया अपना दम

आज भारतीय पारंपरिक खेल मल्लखंब का खेल महाकुंभ में फाइनल हुआ, जिसमें पोल मल्लखंब, रोप मल्लखंब, हैगिंग मल्लखंब के तीनों प्रारूपों में से पोल मल्लखंब प्रारूप में फाइनल हुआ.

अंडर 19 ब्वॉयज में ब्रज के सूजल, अंडर 19 गर्ल्स में तमिलनाडु की मदीवणिनी के, एबव 19 ब्वॉयज में ब्रज के कौशल एवं एबव 19 गर्ल्स में कानपुर की सोनिया कुशवाहा विजयी रहीं.

ऐसी मान्यता है कि शिवाजी महाराज नें इसकी शुरुआत की थी और अब इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का प्रयास हो रहा है. आज मल्लखंब के अलावा खो-खो प्रतियोगिता, केरल के प्रसिद्ध कलियारीपट्टू और आर्चरी प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ, खो-खो का फाइनल 10 फरवरी को होगा.

ये भी पढ़ें : दीपा कर्माकर ने दिया युवा जोश को ओलंपिक में जीत का गुरुमंत्र

‘खेल महाकुंभ’ के माध्यम से क्रीड़ा भारती का मकसद भारत के पारंपरिक खेलों को और इनसे जुड़े हुए होनहार खिलाड़ियों को ऊपर ले जाना है. आज कार्यक्रम के दौरान केरल सहित कई राज्यों के बच्चों नें आज के आयोजन में अपनी संस्कृति और कला का प्रदर्शन किया, इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय योगा ट्रेनर आरती पाल नें भी योग कला का प्रदर्शन करके योग के महत्व को बताया.

आज के महत्वपूर्ण कार्यक्रम में क्रीड़ा भारती के यूपी अध्यक्ष अवनीश सिंह, उपाध्यक्ष अंगद सिंह, मेरठ प्रांत अध्यक्ष अशोक मित्तल, उत्तराखंड प्रांत मंत्री भरत चौहान समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी और टीवाईसी डायरैक्टर गीता सिंह मौजूद रहीं.

8 साल की बच्ची से लेकर 72 साल की महिला खिलाड़ी तक दिखा रहीं दमखम

अगर जोश और हौसला हो तो उम्र सिर्फ एक संख्या है, ये कहावत महाकुंभ में चल रहे ‘खेल महाकुंभ’ में चरितार्थ हो रही है, यहां तमिलनाडु से मल्लखंब खेलने 8 साल की बच्ची भी आई है तो पश्चिम बंगाल से उम्र के 72 बसंत पार कर चुकीं महिला कबड्डी खिलाड़ी भी. रिटायरमेंट की उम्र में इनकी ऊर्जा की चर्चा हर जगह हो रही है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here