संजीवनी अस्पताल और अनुसंधान केंद्र में रेस्पिक्रिट आयोजित

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लखनऊ. राजधानी स्थित संजीवनी अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के सहयोग से एसआर चेस्ट फाउंडेशन ने अपने पहले वार्षिक शैक्षणिक सम्मेलन रेस्पिक्रिट 2023 का सफल आयोजन किया।

रेस्पिरेटरी मेडिसिन और क्रिटिकल केयर के क्षेत्र में आने वाली दैनिक चुनौतियों के समाधान पर चर्चा करने के लिए रेस्पिक्रिट 2023 का आयोजन किया गया।

रेस्पिक्रिट 2023 के दौरान व्याख्यान और वैज्ञानिक सत्रों को इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी विभाग में बुनियादी बातों से लेकर अति-आधुनिक विकास तक के विषयों पर चर्चा की गई। यह चर्चा श्वसन सम्बंधी रोगों, फेफड़े की बीमारी और सेप्सिस के प्रबंधन में चिकित्सकों के कौशल में सुधार करने के मुद्दों पर आधारित थी।

सम्मेलन में देश भर के जाने-माने चिकित्सा विशेषज्ञों और वक्ताओं ने अपने अनुभव साझा किए। नोएडा के डॉ दीपक तलवार ने इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (आईपीएफ) के इलाज के लिए नए तय किए गए दिशानिर्देशों के विषय में चर्चा की।

कोलकाता के डॉ. राजा धर ने क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के प्रबंधन के नए तरीकों पर बात की, जबकि एम्स दिल्ली के डॉ. अनंत मोहन ने इंटेंसिव केयर यूनिट में फंगल इन्फेक्शन के बारे में चर्चा की।

डॉ. एस.एन. गुप्ता, संजीवनी अस्पताल के चेयरमैन व फाउंडर और रेस्पिक्रिट 2023 के आयोजन सचिव, ने बताया, “हम रेस्पिक्रिट 2023 में डॉक्टर्स की इतनी बड़ी संख्या में उपस्थिति देखकर उत्साहित हैं। सम्मेलन में उपस्थित अनुभवी डॉक्टर्स से उनके अनुभवों पर आधारित ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिला।

इस सम्मेलन में हुई चर्चा उन्हें अपने दैनिक क्लीनिकल प्रैक्टिस में मदद करेगी और रोगियों को संतोषजनक इलाज प्रदान करने में मदद करेगी।” सम्मेलन में पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्रों के लिए विशेष सत्र का भी आयोजन किया गया।

व्याख्यान और वैज्ञानिक सत्रों में कई विषयों जैसे जिनमें इंटरस्टीशियल लंग डिजीज के डाइग्नोसिस के लिए बुनियादी रेडियोलॉजिकल संकेत, इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (आईपीएफ) के उपचार के लिए नए दिशानिर्देश, प्रगतिशील पल्मोनरी फाइब्रोसिस (पीपीएफ) का उपचार,

एलर्जिक ब्रोंको पल्मोनरी एस्परगिलोसिस (एबीपीए) शामिल रहे। सीओपीडी: 2023 में नया क्या है, इम्पीडेंस ऑसिलोमेट्री, गंभीर ब्रोन्कियल अस्थमा का प्रबंधन, पीटीबी का निदान – क्या करें और क्या न करें,

इंटेंसिव केयर यूनिट में फंगल संक्रमण, इंटेंसिव केयर यूनिट में ब्रोंकोस्कोपी, थोरैकोस्कोपी: एक अवलोकन और सेप्सिस 2023 आदि को भी शामिल किया गया।

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नागपुर के प्रख्यात पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. राजेश स्वर्णकार ने कहा, “रेस्पिक्रिट 2023 निश्चित रूप से श्वसन चिकित्सा के कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जैसे फेफड़े के रोग, सेप्सिस और इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी के क्षेत्र में आधुनिक विकास पर चर्चा और ज्ञान साझा करने के लिए एक उद्देश्यपूर्ण मंच साबित हुआ है ।”

केजीएमयू लखनऊ में श्वसन चिकित्सा विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. सूर्यकांत ने कहा “संजीवनी द्वारा आयोजित एकेडमिक कॉन्फ्रेंस ने हमें श्वसन रोग के इलाज के क्षेत्र में हो रही नई प्रगति के विषय में जानकारी प्रदान की। इस सम्मेलन के दौरान, देश के अनुभवी डॉक्टर्स ने श्वसन रोग के क्षेत्र में हुए नवीनतम प्रगति के विषय मे चर्चा की।

यह जानकारी स्नातकोत्तर छात्रों के लिए बेहद उपयोगी साबित होंगी और इससे रोगियों को भी लाभ पहुंचेगा। ” डॉ. एस.एन. गुप्ता, ने कॉन्फ्रेंस की सफलता के विषय में बात करते हुए कहा, “हम आशा करते हैं कि उपस्थित डॉक्टर्स ने सम्मेलन को जानकारीपूर्ण और उपयोगी पाया।

हम उन सभी वक्ताओं के आभारी हैं जिन्होंने अपने बहुमूल्य ज्ञान और अनुभव को हमारे साथ साझा किया। रेस्पिक्रिट 2023 की सफलता ने भविष्य के सम्मेलनों के लिए बुनियाद तैयार की है, जो चिकित्सा पेशेवरों को रेस्पिरेटरी मेडिसिन और क्रिटिकल केयर के क्षेत्र में अपने कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करना जारी रखेगा।”

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