नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिवस के अवसर पर अहमदाबाद के संकर्षधाम कैंपस, गोधावी में खेले सनंद स्पोर्ट्स लीग के अंतर्गत एक ऐतिहासिक आयोजन हुआ, जिसमें रिकॉर्ड 152 खो-खो टीमें एक साथ जुटीं।
आज से प्रारंभ हुई इस तालुका-स्तरीय प्रतियोगिता ने पारंपरिक भारतीय खेल के उत्सव का रूप ले लिया, जहां सैकड़ों युवा खिलाड़ियों ने देश के सबसे प्राचीन और तीव्र खेलों में से एक में अपना कौशल दिखाया।
लीग में कुल 91 बालिका टीमों और 61 बालक टीमों (सभी अंडर-14 वर्ग) की भागीदारी होगी। यह प्रतियोगिता अगले वर्ष मार्च तक चलेगी, जिसमें महीनों तक रोमांचक मुकाबले होंगे और जमीनी स्तर पर खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
उद्घाटन समारोह भव्य रहा, जिसमें भारतीय खो-खो के दो प्रतिष्ठित खिलाड़ियों को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया ताकि वे युवा खिलाड़ियों को प्रेरित कर सकें।
विश्व कप स्वर्ण पदक विजेता भारतीय पुरुष खो-खो टीम के कप्तान प्रतिक वैकर के साथ निर्मला भाटी भी मौजूद रहीं, जिन्होंने काठमांडू में आयोजित भारत-नेपाल टेस्ट सीरीज़ में भारतीय टीम का नेतृत्व किया था और विश्व कप विजेता भारतीय टीम में ‘वज़ीर’ की भूमिका निभाई थी।
इस अवसर पर भारतीय खो-खो महासंघ (केकेएफआई) के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने कहा, “यह अत्यंत प्रतीकात्मक और सार्थक है कि प्रधानमंत्री के 75वें जन्मदिवस पर इतनी बड़ी संख्या में युवा एक स्वदेशी खेल खो-खो को अपना रहे हैं।
प्रधानमंत्री सदैव भारतीय खेलों और स्थानीय परंपराओं को बढ़ावा देते आए हैं, और यह आयोजन उनके उस विज़न का प्रत्यक्ष प्रतिबिंब है, जो अब जमीनी स्तर पर साकार हो रहा है।”
केकेएफआई के महासचिव उपकार सिंह विरक ने कहा, “सरकार द्वारा स्वदेशी खेलों को प्रोत्साहन देने से युवाओं में खो-खो के प्रति उत्साह दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। अब खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरियों और पहचान के अवसर भी अधिक हो गए हैं, जो नई प्रतिभाओं को आकर्षित कर रहे हैं।”
इसी भावना को साझा करते हुए केकेएफआई के संगठन एवं प्रशासन अध्यक्ष डॉ. एम.एस. त्यागी ने कहा, “इनमें से अधिकांश बच्चे साधारण परिवारों से आते हैं और उनके लिए खो-खो केवल एक खेल नहीं, बल्कि अनुशासन, फिटनेस, आकांक्षा और जीवन जीने की कला का माध्यम है।
इस विशेष दिन पर 152 टीमों को एक साथ देखना प्रधानमंत्री के विज़न को सच्ची श्रद्धांजलि और खो-खो के भविष्य के लिए एक मील का पत्थर है।”
विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि यह आयोजन अल्टीमेट खो-खो (UKK) के तीसरे सीज़न से ठीक पहले हो रहा है, जिसमें पहली बार अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भाग लेंगे—यह विकास खो-खो की वैश्विक स्तर पर तेज़ी से बढ़ती पहचान को और भी मजबूत करता है।
मैचों के दौरान युवा खिलाड़ियों की ऊर्जा और उत्साह ने यह स्पष्ट कर दिया कि खो-खो का आकर्षण लगातार बढ़ रहा है और यह भविष्य के चैंपियनों को तैयार करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है, जो प्रधानमंत्री के उस आह्वान से पूर्णतः मेल खाता है जिसमें उन्होंने भारत की जमीनी खेल व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर बल दिया है।
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