स्कूली छात्र-छात्राओं ने अपने हाथों से जांची पानी की गुणवत्ता

0
177

जौनपुर। पेयजल की गुणवत्ता जांचने के लिए हाथों में परखनली लिए स्कूली छात्र-छात्राएं जल जांच में प्रयोग होने वाले कैमिकल डालकर पानी के बदलते रंग देख अचंभित हो रहे थे। जल जांच का प्रशिक्षण प्राप्त महिलाएं उनको पानी जांचने के उपयोगी उपकरणों की पहचान कराने के साथ पानी की जांच की आवश्यकता की जानकारी दे रही थीं।

जौनपुर में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से ‘जल ज्ञान यात्रा’ का आयोजन

 

अशुद्ध पानी पीने से शरीर को पहुंचने वाले नुकसान और बीमारियां बता रहीं थीं। कुछ इस तरह का माहौल गुरुवार सुबह जौनपुर में जल निगम कार्यालय परिसर में जल जांच प्रयोगशाला में दिखाई दे रहा था। यहां स्कूली बच्चों में जल जांच के उपकरणों को देखने और उसकी उपयोगिता जानने की उत्सुकता देखते ही बन रही थी।

स्कूली बच्चों ने फील्ड टेस्ट किट के उपकरणों से खुद पानी की जांच की

नमामि गंगे एंव ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से स्कूली बच्चों को जल जीवन मिशन की परियोजनाओं में सहभागी बनाने की जल ज्ञान यात्रा की अनूठी पहल शुरू की गई है। यह पहला मौका था जब जौनपुर के सरकारी स्कूल के बच्चे जल निगम कार्यालय और जल जांच प्रयोगशाला गये थे।

छात्रों को जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना की जानकारी दी गई

स्कूली बच्चों को यहां बूंद-बूंद पानी बचाने, जल संरक्षण, जल संचयन, वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति जागरूक भी किया गया। इससे पहले जल निगम(ग्रामीण) के अधिशासी अभियंता राजेश कुमार गुप्ता ने जल निगम कार्यालय से जल ज्ञान यात्रा को हरी झण्डी दिखाई और वाटर ओवर हैड टैंक स्कीम सेहमलपुर के लिए स्कूली बच्चों को रवाना किया।

स्कूली बच्चों ने जल की महत्ता पर आयोजित निबंध और चित्रकला प्रतियोगिता में भी भाग लिया

यहां बच्चों ने ग्रामीण परिवारों तक पाइप पेयजल योजना से पहुंच रहे स्वच्छ पेयजल की प्रक्रिया को समझा। इसके बाद बच्चों के लिये जल की महत्ता पर निबंध और चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई। बच्चों ने जल बचाने का संदेश देते चित्र बनाए।

ये भी पढ़ें : यूपी के आदर्श गांव के ”मॉडल” में स्कूली बच्चों को हर घर में मिला नल

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here