लखनऊ: जेलों में निरुद्ध टॉप टेन बंदियों पर शासन की जीरो टॉलरेंस की नीति और जेल मैनुअल में दी गई व्यवस्थाओं का अनुपालन न किए जाने के चलते केंद्रीय कारागार नैनी प्रयागराज, जिला कारागार बरेली व जिला जेल बाँदा के वरिष्ठ जेल अधीक्षकों को आज निलंबित कर दिया गया है.
जानकारी के अनुसार हाल ही में इन तीनो जेल के निरीक्षण में जिला प्रशासन को कतिपय आपत्तिजनक वस्तुएँ मिलने, कुछ स्थान पर किसी किसी बंदी को विशेष सुविधा दिलाने तथा संगठित अपराध से संबंधित बंदियों पर अनुशासन की दृष्टि से जेल अधिकारियों के शिथिल नियंत्रण का आरोप है.
वही इस मामले में जिला प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर जिला जेल बरेली के वरिष्ठ जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला, जिला जेल नैनी ,प्रयागराज के वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह और वरिष्ठ जेल अधीक्षक, जिला जेल बाँदा के अविनाश गौतम को निलंबित कर दिया गया है.
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उपरोक्त तीनों अधिकारी निलंबन अवधि में मुख्यालय से संबंद्ध रहेंगे. इस कार्यवाही के ज़रिए सभी जेल कर्मियों को एक संदेश दिया गया है कि जेलों में अनियमितताएं किसी भी स्तर पर कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएंगी.
भविष्य में भी माफ़ियाओं पर नियंत्रण न कर सकने वाले और कार्यक्षम जेल अधिकारियों के ख़िलाफ़ शासन की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी.
बताया जा रहा है कि इन अधिकारियों पर उमेशपाल हत्याकांड के अभियुक्तों अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ तथा अन्य गुर्गों को लेकर ढिलाई बरतने का आरोप है.
बताते चलें कि कार्यभार सँभालने के साथ एसएन साबत (पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक कारागार) ने गत शनिवार यानी एक अप्रैल को आलमबाग स्थित कारागार मुख्यालय पर महानिरीक्षक कारागार के रूप में कार्यभार ग्रहण किया.
इसके पहले वह यूपी पावर कार्पोरेशन लिमिटेड में डीजी थे. उन्होंने कार्यभार सँभालने के साथ ही मुख्यालय का निरीक्षण किया था और वीडियो वॉल पर प्रदेश के अलग-अलग जेलों में बंद टाप 20 की निगरानी की समीक्षा की थी और कई कड़े निर्देश दिए थे.