खेलो इंडिया मिशन में एसएफए अगले 5 साल में करेगा 12.5 करोड़ रुपये का निवेश

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नई दिल्ली: स्पोर्ट्स फॉर ऑल (एसएफए) की पहचान वैसे तो भारत के सबसे बड़े तकनीक संचालित मल्टी-स्पोर्ट कम्पटीशन आयोजक के रूप में है लेकिन सही मायने में यह भारत में ग्रासरूट स्तर पर खेलों के विकास की दिशा सक्रिय वह क्रांतिकारी पहल है,

जो आने वाले समय में खेल संस्कृति को जमीनी स्तर पर फिर से जीवित करते हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स मिशन को मजबूती प्रदान करेगा। इसी क्रांतिकारी बदलाव के लिए एसएफए ने -पावर्ड बाय स्पांसर- के तौर पर अगले पांच वर्षों के लिए खेलो इंडिया के साथ करार किया है।

देश में जमीनी स्तर पर खेलों के विकास करने की दिशा में बड़ी पहल

एसएफए के मूल में देश में युवा खेलों का विकास है। आसान शब्दों में उसका लक्ष्य भारत के अधिक से अधिक ओलंपिक पदक जीतने के सपने को पूरा करने में योगदान देना है।

इसी दिशा में अपनी भागीदारी को बढ़ाने और भारत के खेल डीएनए को विकसित करने के लिए एसएफए ने अगले पांच वर्षों में 12.5 करोड़ रुपये करोड़ का निवेश करने का फैसला किया है।

एसएफए के डीएनए में भी यही है क्योंकि बीते कई सालों में उसने सही देश में ग्रासरूट स्तर पर खेल और खिलाड़ियों को प्रमोट कर भारत में खेल संस्कृति को जीवित रखने में सही मायने में योगदान दिया है।

एसएफए के संस्थापक ऋषिकेश जोशी ने कहा, “हम मानते हैं कि यदि खेल को जमीनी स्तर पर समर्थन और सहयोग मिलता है तो उसका असर खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन के रूप में दिखता है। हमने 2015 में एसएफए चैंपियनशिप शुरू की थी।

हमने बीते कई सालों से अपने नवीन प्रौद्योगिकी-आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से कई मल्टी स्पोर्ट्स ग्रासरूट स्तर की चैंपियनशिप के माध्यम से खिलाड़ियों को जमीन से आसमान पर जाते देखा है।

एसएफए को -पावर्ड बाई स्पॉन्सर- के रूप में खेलो इंडिया के साथ जुड़ने और खेलो इंडिया यूथ गेम्स मिशन को लगातार प्रतिभाएं प्रदान करते हुए देश के खेल कैनवास को सुदृढ़ करने की खुशी है। हमारा लक्ष्य भारत में खेल संस्कृति को जमीनी स्तर पर फिर से जीवित करना है।

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खेलो इंडिया भारत में जमीनी स्तर के सभी खेलों के लिए एक मजबूत ढांचा बनाने और देश को एक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा शुरू किया गया एक अनूठा पहल है। इस मिशन को पूरा करने के लिए इवेंट को 12 अलग-अलग कार्य क्षेत्रों में विभाजित किया गया है।

इनमें राज्य स्तरीय खेलो इंडिया केंद्रों का विकास, प्रतिभाओं की पहचान और उनका विकास, खेलों में महिलाओं की अधिकतम भागीदारी, दिव्यांग लोगों के बीच खेलों को बढ़ावा देना और इसके अलावा बहुत कुछ शामिल हैं।

भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के प्रवक्ता ने कहा, “ देश में युवा एथलीटों के लिए मल्टी स्पोर्ट्स इवेंट्स का सबसे बड़ा मंच होने के नाते खेलो इंडिया यूथ गेम्स इस तरह की साझेदारी के लिए सही प्लेटफार्म है।”

एसएफए ने हमेशा से भारत के खेल इकोसिस्टम में खुद को बनाए रखने और अपना योगदान सुनिश्चित करने का प्रयास किया है। एक फुली इंटीग्रेटेड डिजिटल प्लस ऑन-ग्राउंड मल्टी-स्पोर्ट प्लेटफॉर्म के रूप में वह भारतीय ओलंपिक संघ का आधिकारिक भागीदार रहा है।

एसएफए का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में एसएफए चैंपियनशिप के माध्यम से 20 राज्यों और 15 लाख बच्चों तक पहुंचना है।इससे पहले भी एसएफए ने नेशनल गेम्स 2022 और खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 में डिजिटल और तकनीकी अनुभव को संचालित किया है और इसे पूरी तरह से एंड-टू-एंड मैनेज किया है।

एसएफए ने अपनी प्रतिबद्धता को प्रमाणित करने के लिए 12 एसएफए ग्रासरूट चैंपियनशिप आयोजित किए हैं। जमीनी स्तर पर खेल और एक ऐसी संस्कृति का निर्माण करना जो भागीदारी (participation) को बढ़ावा देने के साथ-साथ उसे प्रोत्साहित करती है और बुनियादी ढांचे में सुधार करती है, यही इसका लक्ष्य है।

इससे बढ़कर वह अपने इन प्रयासों को भविष्य के खेल सितारों में बदलने के लिए प्रतिभाओं को नर्चर करती है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 का पांचवां संस्करण मध्य प्रदेश में 31 जनवरी से 11 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा। इसमें 36 राज्यों एवं केंद्र शासित क्षेत्रों के 6000 से अधिक खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं।

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